जबलपुर। बालाघाट जिले की तिरोडी तहसील में मैगनीज के लिए अवैध तरीके से खेत खोदने के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई. याचिका में कहा गया है कि उनकी शिकायत पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने जांच के निर्देश दिये थे. इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
खेत पर जबरन कब्जा : मामले के अनुसार बालाघाट के तिरौडी निवासी किसान दुलीराम तथा शालीराम की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि ग्राम पौनिया में मेसर्स सुखदेव प्रसाद गोयंका को मैगनीज खदान आवंटित की गयी थी. उत्खनन के लिए संबंधित ठेका कंपनी को जो जमीन आवंटित की गयी थी, उससे लगी उनकी कृषि भूमि है. जिस पर खेती करते हुए वह अपने परिवार का भारण-पोषण करते थे. ठेका कंपनी ने उनकी जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया और मैगनीज उत्खनन के लिए उनके खेत को खोद डाला.
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प्रशासन ने नहीं की सुनवाई : याचिकाकर्ताओं ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने कलेक्टर सहित अन्य संबंधित अधिकारियों से शिकायत की. जमीन की नपाई के लिए ऑनलाइन आवेदन भी किया था, परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद पीड़ित किसानों ने प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत की. पीएमओ ने मध्यप्रदेश खनिज संसाधन विभाग के अवर सचिव को जांच के लिए निर्देश जारी किए. इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण उक्त याचिका दायर की गयी. याचिका में मांग की गयी थी कि जांच सीबीआई को सौंपी जाए. याचिका में केन्द्र व राज्य सरकार सहित सीबीआई, कलेक्टर बालाघाट सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को अनावेदक बनाया गया था. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता राजेश चंद्र व मोनेश साहू ने पैरवी की.