बालाघाट। भीषण गर्मी के मौसम में शहरी इलाकों में ही नहीं बल्कि ग्रामीण अंचलों में भी पीने के पानी की भारी किल्लत होने लगी है. मई की चिलचिलाती धूप और आग बरसाती तपन के चलते अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी जल संकट विकराल होता जा रहा है. बढती हुई गर्मी के चलते जल स्तर नीचे जाने से लोगों को पानी के लिये परेशान होना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों मे हालात ये हैं कि कुए सुख रहे हैं, हैण्ड पंप गर्म हवा उगल रहे हैं. वहीं शासकीय योजनाओं के द्वारा दो वक्त का पानी मुहैया कराने वाले बंदोबस्त भी अब फिसड्डी साबित हो रहे हैं.
पानी के लिए भटक रहे ग्रामीण: ऐसा ही कुछ परसवाड़ा तहसील के वार्ड क्रमांक 14 और बिजाटोला के वार्ड क्रमांक 02 मे देखने को मिला. जहाँ सुबह होते ही वार्ड की महिलाएं पानी के लिये परेशान होते नजर आयीं. पानी के लिए जद्दोजहद करने वाली आक्रोशीत महिलाओं का कहना है कि, परसवाड़ा के वार्ड क्रमांक 14 में उन्हें पीने के पानी की व्यवस्था के लिये इधर-उधर भटकना पड़ रहा है.
सूख गये कुए, बंद पड़े हैंडपंप: वार्ड क्रमांक 14 की निवासी बुजुर्ग महिला ज्ञानवती बारेकर ने शिकायत करते हुए कहा, कि पीने के पानी के लिये बीते दो माह से भी अधिक समय से उन्हें परेशानी हो रही है. घरों में बने कुओं का पानी सूख चुका है, इस वार्ड में केवल एक हैण्डपंप है, जिसके बीते 3 माह से बंद पड़े होने के चलते उन्हें पीने और उपयोग के लिये पानी नहीं मिल पा रहा है. वार्ड मे एक सार्वजनिक कुंआ भी है, महिलाएं वहां से पानी भर लिया करती थी. परन्तु उसका पानी भी सूख गया है, जिससे उन्हें पीने का पानी नहीं मिल रहा है. आसपास के लोग भी अब पानी की कमी के चलते पानी देने से इन्कार कर रहे हैं! ऐसे में हमें इधर-उधर से तो कभी दूर से पानी लाने को मजबूर होना पड़ रहा है.
जबलपुर: जिस पानी को मवेशी भी पीने से कतराते हैं, उस पानी से अपनी प्यास बुझाते हैं आदिवासी
नहीं मिल रहा नल-जल योजना का लाभ: वार्ड क्रमांक 14 के बुजुर्ग खेमलाल ने शिकायत करते हुए कहा कि, बीते 2 महीने से हम वार्डवासी पानी के लिये बहुत परेशान हो रहे हैं. वार्ड मे एक कुआं है, जो सूख चुका है. पंप बंद पड़ा हुआ है, जिसे सुधारा नहीं गया है. ग्राम पंचायत मे भी इसकी शिकायत की गई है, परन्तु हमारी सुध लेने वाला कोई नहीं है. बढ़ती हुई गर्मी में हमें इधर-उधर भटककर, दूसरे मोहल्ले जाकर पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है. यहा के घरों के सामने कुछ नल-जल कनेक्शन तो किये गये हैं, परन्तु उनमें पानी ही नहीं आता. बीते 2-3 माह से वे बंद पड़े हुए हैं. वहीं शिकायत करने पर नल कनेक्शन की खुदाई करके ठीक कर देने की बात कही जाती है. ऐसे में पानी के लिये बड़ी परेशानी हो रही है. हमारे लिये पानी की व्यवस्था की जानी चाहिए, नहीं तो जीते जी गर्मी के मौसम में मरने की नौबत आ जाएगी.
लगाए जाने चाहिए और हैण्डपंप: स्थानीय निवासी रामेश्वर बारेकर ने बताया कि यहाँ के सभी कुए सूख चुके हैं. एक मात्र हैण्डपंप है, वह भी बंद पड़ा हुआ है और उसका पानी भी लाल निकलता है, जो पीने लायक नहीं है. यहां नल-जल व्यवस्था से पानी नहीं मिल रहा है. शिकायत करने पर पानी देने की बात कही जाती है, पर पानी नहीं दिया जाता. वार्ड क्रमांक 14 में एक और हैण्डपंप खुदवाया जाना चाहिए, जिससे सभी वार्डवासियों को पानी के लिये परेशान ना होना पड़े.
Chhindwara Water Crisis: पेंच टाइगर रिजर्व में पानी की कमी, वन्य प्राणियों पर मंडरा रहा जान का संकट
नहीं दिया जा रहा ध्यान: वार्ड क्रमांक 14 और बिजाटोला के वार्ड क्रमांक के 02 में भी पानी की किल्लत बनी हुई है. हैण्डपंप केवल गर्म हवा उगल रहे हैं, नल जल का लाभ नहीं मिल रहा है. केवल दो दिन औपचारिकता तौर पर पंचायत द्वारा टैंकर से पानी पहुंचाया गया था, उसके बाद हालात जस के तस बने हुए हैं! ना ही ग्राम पंचायत और ना ही आला अधिकारियों द्वारा किसी तरह का ध्यान नहीं दिया जा रहा है. वार्डवासियों ने शीघ्र ही पानी व्यवस्था करने व एक और हैण्डपंप लगाये जाने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन शीघ्र उनके लिए पाइन के पानी की व्यवस्था करें, नहीं तो मजबूर होकर उन्हें पानी के लिए सड़कों पर उतरना पड़ेगा.