जबलपुर। बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी कंकर मुजारे ने सांसद ढाल सिंह बिसेन के निर्वाचन को चुनौती देते हुए साल 2019 में उक्त चुनाव याचिका दायर की थी. याचिका में ईवीएम में गड़बड़ी तथा नामांकन पत्र में सांसद द्वारा परिजनों की सम्पत्ति का पूर्ण जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया गया था. इसके अलावा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में किशोर समरिते का नामांकन स्वीकार करने को भी चुनौती दी गयी थी. याचिका में कहा गया था कि किशोर समरिते ने अपने नामांकन पत्र के झूठी जानकारी दी थी.
याचिका में ये दलील दी : याचिका में यह भी बताया गया था कि न्यायालय ने आपराधिक प्रकरण में उन्हें पांच साल की सजा से दंडित किया है. इस मामले में हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी थी. एकलपीठ ने पाया कि निर्दलीय प्रत्याशी को इतने वोट नहीं मिले थे कि वह भौतिक रूप से चुनाव प्रभावित कर सकें. मतगणना के दौरान शिकायत पर ईवीएम की जांच की गयी. जांच में ईवीएम सही पाई पाई गयी थी. याचिकाकर्ता अन्य आरोप के संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाये. एकलपीठ ने चुनाव याचिका को आधारहीन मानते हुए खारिज कर दिया.
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योगेश गर्ग हत्याकांड के 5 आरोपी बरी : महू के चर्चित वकील योगेश गर्ग हत्याकांड में द्वितीय अतिरिक्त सत्र एवं जिला न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए हत्याकांड से जुड़े पांचों आरोपियों को बरी कर दिया है. हत्याकांड का आरोप मांगीलाल ठाकुर सहित चार अन्य लोगों पर था. 18 नवंबर 2015 की रात्रि महू के मुख्य बाजार में वकील योगेश गर्ग की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में द्वितीय अतिरिक्त सत्र एवं जिला न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी मांगीलाल ठाकुर सहित चार अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है. वकील विक्रम दुबे के अनुसार पुलिस द्वारा योगेश गर्ग हत्याकांड में मांगीलाल ठाकुर और सुरेश चौहान को झूठा फंसाया गया था. न्यायालय में पेश किए गए साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर ये फैसला दिया.