ETV Bharat / state

देश के जाने-माने लोग कर चुके हैं ये काम, अब 90 साल के केदारनाथ पेश कर रहे हैं मिसाल

बालाघाट के निवासी केदारनाथ लोगों को देहदान की सलाह दे रहे हैं. वे खुद भी देहदान करेंगे.

केदारनाथ
author img

By

Published : May 20, 2019, 11:49 AM IST

बालाघाट। वारासिवनी नगर के 90 साल के बुजुर्ग केदारनाथ लोगों को देहदान करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. केदारनाथ का कहना है कि मरने के बाद यह शरीर किसी काम का नहीं रह जाता है, इसलिए उसे मेडिकल कॉलेज में दान कर डॉक्टरों के प्रशिक्षण के लिए दे देना चाहिए.


केदारनाथ रूसिया ने कहा कि पिछले कई सालों से मेरे मन में यह सवाल उठा कि मरने के बाद इस शरीर को जलाकर नष्ट करने की बजाय, यह शरीर दूसरों के काम आ सकता है. इस दौरान ही उन्हें लगा कि देश के जाने-माने उद्योगपति किर्लोस्कर,पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु,वरिष्ठ समाज सेवक नानाजी देशमुख जैसी महान हस्तियों ने भी अपना मृतदेह मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के प्रशिक्षण के लिए दान दी थी.

केदारनाथ


केदारनाथ ने कहा कि आजकल देह की कमी के चलते एक देह से ही लगभग 30 से 35 डॉक्टरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिससे डॉक्टरों का प्रशिक्षण प्रभावित होता है. जिसके बाद उन्होंने देहदान करने का निश्चय किया और अपने पौत्र प्रभु रूसिया को नागपुर मेडिकल कालेज भेजकर देहदान संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी व संकल्प पत्र का सैंपल मंगवाया. उन्होंने बीएमओ डॉ. रविंद्र ताथोड से चर्चा कर अस्पताल में मौजूद बॉडी फ्रीजर उपलब्ध कराने की बात कही. केदारनाथ रूसिया ने देहदान को पुण्य कार्य बताते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति देहदान करना चाहता है वह संकल्प पत्र भरकर देहदान कर सकता है.

बालाघाट। वारासिवनी नगर के 90 साल के बुजुर्ग केदारनाथ लोगों को देहदान करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. केदारनाथ का कहना है कि मरने के बाद यह शरीर किसी काम का नहीं रह जाता है, इसलिए उसे मेडिकल कॉलेज में दान कर डॉक्टरों के प्रशिक्षण के लिए दे देना चाहिए.


केदारनाथ रूसिया ने कहा कि पिछले कई सालों से मेरे मन में यह सवाल उठा कि मरने के बाद इस शरीर को जलाकर नष्ट करने की बजाय, यह शरीर दूसरों के काम आ सकता है. इस दौरान ही उन्हें लगा कि देश के जाने-माने उद्योगपति किर्लोस्कर,पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु,वरिष्ठ समाज सेवक नानाजी देशमुख जैसी महान हस्तियों ने भी अपना मृतदेह मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के प्रशिक्षण के लिए दान दी थी.

केदारनाथ


केदारनाथ ने कहा कि आजकल देह की कमी के चलते एक देह से ही लगभग 30 से 35 डॉक्टरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिससे डॉक्टरों का प्रशिक्षण प्रभावित होता है. जिसके बाद उन्होंने देहदान करने का निश्चय किया और अपने पौत्र प्रभु रूसिया को नागपुर मेडिकल कालेज भेजकर देहदान संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी व संकल्प पत्र का सैंपल मंगवाया. उन्होंने बीएमओ डॉ. रविंद्र ताथोड से चर्चा कर अस्पताल में मौजूद बॉडी फ्रीजर उपलब्ध कराने की बात कही. केदारनाथ रूसिया ने देहदान को पुण्य कार्य बताते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति देहदान करना चाहता है वह संकल्प पत्र भरकर देहदान कर सकता है.

Intro:स्वयं देहदान कर दुसरो को भी इस कार्य के लिए प्रेरित करने का बीड़ा उठाये , 90 वर्षीय केदारनाथ लोगो को देहदान की सलाह देते नजर आ रहे है, उनके अनुसार मरने के बाद यह शरीर किसी काम का नही रह जाता , इसलिए इसे मेडिकल कॉलेजों में दान करके डॉक्टरों के प्रशिक्षण के लिए दे देना चाहिए, ताकि मरने के बाद भी देह को जलाकर नष्ट करने की बजाय इसका सदुपयोग किया जा सके।Body:स्वयं देहदान कर लोगो को प्रेरित कर रहे केदारनाथ


परसवाड़ा (बालाघाट):- वारासिवनी नगर के प्रतिष्ठित दवा व्यवसायी संदीप रूसिया के पिता वयोवृद्ध केदारनाथ रूसिया ने अपनी देह दान कर समाज मे एक मिशाल पेश की है।राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े 90 वर्षीय केदारनाथ रूसिया अग्रणी शिक्षण संस्था सरस्वती शिक्षा परिषद,गहोई वैश्य संगठन में भी महत्वपूर्ण पदों पर कार्य चुके है।मीडिया से चर्चा करते हुए केदारनाथ रूसिया ने कहा कि विगत कई वर्षों से मेरे मन मे यह प्रश्न उठा कि मरने के बाद इस शरीर को जलाकर नष्ट करने की बजाय यह शरीर दुसरो के काम आ सकता है।इस दौरान ही मुझे स्मरण आया कि वर्षों पूर्व देश के जाने-माने उद्योगपति किर्लोस्कर,पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु,वरीष्ठ समाज सेवक नानाजी देशमुख जैसी महान हस्तियों ने भी अपनी मृतदेह मेडिकल कालेज के डॉक्टरों के प्रशिक्षण के लिए दान दी थी।मेडिकल कालेज में डॉक्टरों के प्रशिक्षण हेतु मृत देहो की महती आवश्यकता होती है।लेकिन आजकल देहो की कमी के चलते एक देह से ही लगभग 30 से 35 डॉक्टरो को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।जिससे डॉक्टरों का प्रशिक्षण प्रभावित होता है।जिसके बाद मैंने देहदान करने का निश्चय किया।और अपने पौत्र प्रभु रूसिया को नागपुर मेडिकल कालेज भेजकर देहदान संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी व संकल्प पत्र का नमूना बुलवाया।इस दौरान मेडिकल कालेज से जानकारी मिली कि मरने के पश्चात शरीर को 6 घंटे में मेडिकल कालेज पहुंचाना होता है अन्यथा उसमे खराबी आने लगती है।यदि मृत शरीर को पहुंचाने में देरी होती है।तो उसे फ्रीजर या एसी में रखना होता है।जिसके बाद मेरे द्वारा वारासिवनी के बीएमओ डॉ रविंद्र ताथोड से चर्चा की तो उन्होंने अस्पताल में मौजूद बॉडी फ्रीजर उपलब्ध कराने की बात कही।वही मृत शरीर को सुरक्षित नागपुर तक ले जाने की समस्या को लेकर मैने केवल ईंधन के खर्चे पर एसी एम्बुलेंस की सुविधा देने वाले व अस्पताल को बॉडी फ्रीजर दान करने वाले समाजसेवी संजय सिंह कछवाह से बात की तो उन्होंने भी मृत शरीर को निःशुल्क नागपुर तक पहुंचाने व हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।देहदान करने हेतु मेरे द्वारा मेरे मित्र वरीष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हीरालाल ताम्रकार से की तो वह भी देहदान हेतु तैयार हो गए।

नीमच निवासी डॉक्टर हरनारायण गुप्ता की प्रेरणा से बनाई देहदान समिति

केदारनाथ रूसिया ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली कि अपना देहदान करने वाले नीमच निवासी डॉक्टर हरनारायण गुप्ता द्वारा देहदान समिति का गठन कर उसके माध्यम से लोगो को देहदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है।और कई देहो को मेडिकल कालेज उदयपुर पहुंचा चुके है।तब उन्होंने डॉ हरनारायण गुप्ता से संपर्क किया तो उन्होंने साहित्य व संकल्प पत्र भेज दिए।तब मुझे प्रेरणा मिली कि समाज के अन्य लोगो को भी देहदान के लिए प्रेरित करने की दिशा में कार्य किया जाए।जिसके बाद अपने सहयोगियों के साथ मिलकर हमने महर्षि दधीचि देहदान समिति का गठन कर लोगो को देहदान के लिए प्रेरित करने का कार्य शुरू किया गया है।

संकल्प पत्र भेजकर करे देहदान

केदारनाथ रूसिया ने देहदान को पुण्य कार्य बताते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति देहदान करना चाहता है वह संकल्प पत्र भरकर देहदान कर सकता है।संकल्प पत्र भेजने के बाद मेडिकल कालेज में आपका पंजीयन कर आपको अभिनंदन पत्र भेजा जाता है।देहदान की प्रक्रिया पूरी तरह निशुल्क है।दान की गई देह से प्रशिक्षण लेकर देश मे योग्य चिकित्सक बनेंगे।जो आगे चलकर राष्ट्र की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

अशोक गिरी
ईटीवी भारत परसवाड़ा (बालाघाट)।Conclusion:बहरहाल केदारनाथ की यह पहल लोगो के लिए प्रेरणादाई नजर आ रही है और, उनसे प्रेरित होकर अब जिले में और भी अन्य लोगो ने मरणोपरांत देहदान का मन बनाया है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.