बालाघाट। वारासिवनी नगर के 90 साल के बुजुर्ग केदारनाथ लोगों को देहदान करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. केदारनाथ का कहना है कि मरने के बाद यह शरीर किसी काम का नहीं रह जाता है, इसलिए उसे मेडिकल कॉलेज में दान कर डॉक्टरों के प्रशिक्षण के लिए दे देना चाहिए.
केदारनाथ रूसिया ने कहा कि पिछले कई सालों से मेरे मन में यह सवाल उठा कि मरने के बाद इस शरीर को जलाकर नष्ट करने की बजाय, यह शरीर दूसरों के काम आ सकता है. इस दौरान ही उन्हें लगा कि देश के जाने-माने उद्योगपति किर्लोस्कर,पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु,वरिष्ठ समाज सेवक नानाजी देशमुख जैसी महान हस्तियों ने भी अपना मृतदेह मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के प्रशिक्षण के लिए दान दी थी.
केदारनाथ ने कहा कि आजकल देह की कमी के चलते एक देह से ही लगभग 30 से 35 डॉक्टरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिससे डॉक्टरों का प्रशिक्षण प्रभावित होता है. जिसके बाद उन्होंने देहदान करने का निश्चय किया और अपने पौत्र प्रभु रूसिया को नागपुर मेडिकल कालेज भेजकर देहदान संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी व संकल्प पत्र का सैंपल मंगवाया. उन्होंने बीएमओ डॉ. रविंद्र ताथोड से चर्चा कर अस्पताल में मौजूद बॉडी फ्रीजर उपलब्ध कराने की बात कही. केदारनाथ रूसिया ने देहदान को पुण्य कार्य बताते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति देहदान करना चाहता है वह संकल्प पत्र भरकर देहदान कर सकता है.