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29 सूत्रीय मांगों को लेकर 7 दिवसीय अनशन पर बैठे पूर्व विधायक

पूर्व विधायक किशोर समरीते अपनी 29 सूत्रीय मांगों को लेकर 7 दिवसीय अनशन पर बैठ गए हैं. उन्होंने अपनी मांग पूरी न होने तक अनिश्चित काल तक अनशन पर रहने की बात कही है.

पूर्व विधायक किशोर समरीते
पूर्व विधायक किशोर समरीते
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Published : May 1, 2021, 10:34 PM IST

बालाघाट। लांजी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक किशोर समरीते अपनी 29 सूत्रीय मांगों को लेकर 7 दिवसीय अनशन पर बैठ गए हैं. विधायक समरीते शासन-प्रशासन से मांगे पूरी करने का आग्रह कर रहे हैं. उन्होंने कहा, अब तक कोरोना वायरस से जितने भी लोगों की मौत हुई हैं. उन्हें सरकार 50-50 लाख रुपए का मुआवजा प्रदान करे. साथ ही कोविड मरीजो का उपचार मुफ्त होना चाहिए, मरीजों की सारी पैथोलॉजी जांच मुफ्त होनी चाहिए. इस संकट में सरकार को सेना की सहायता लेनी चाहिए, क्योंकि सेना को बेहतर मेडिकल सुविधा उपलब्ध हैं.

पूर्व विधायक किशोर समरीते


पूर्व विधायक ने सरकार को दिया सुझाव

विधायक समरीते ने कहा कि, यदि सेना को इस कार्य में लगाया जाता है तो निश्चित रूप से 3 महीने में भारत कोरोना वायरस से मुक्त हो जाएगा, लेकिन सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है. कहीं ऑक्सीजन की कमी बता रही है, कहीं वेंटिलेटर की कमी बता रही है. इस दौरान उन्होंने कहा कि रेलवे के पास 45 हजार से ज्यादा यात्री ट्रेनें हैं उन सभी ट्रेनों को कोविड अस्पताल बना दिया जाए, तो काफी हद तक जनता को राहत मिलेगी. उन्होंने कहा, आज कई देश कोविड से मुक्त हो चुके है, लेकिन भारत में लोगों को कोविड के इलाज के नाम पर अस्पतालों में लूटा जा रहा है. यह सरकार की जवाबदारी है जो भी लोग पीड़ित हैं, उनका निशुल्क उपचार होना चाहिए. दवाओं की कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, उन पर एनएसए लगना चाहिए.

मांगों को लेकर अनशन पर हैं समरीते

विधायक ने प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था को लेकर कहा कि पूरे प्रदेश में इस तरह से अस्पताल बने हैं, कि मानों स्कूल कॉलेज बनाए गए हों. कहीं पर वेंटिलेटर नहीं है. कहीं पर आईसीयू नहीं है, तो अधिकतर अस्पतालों में डॉक्टर ही नहीं है. भारत में धर्म और जाति की राजनीति का यह भयावह स्वरूप है, देश में राजनीति विकास को लेकर होती, तो कोविड फैल ही नही पाता. समरीते ने कहा, 'मैं अभी 7 दिन के अनशन पर हूं इसके पश्चात अनिश्चित काल के अनशन पर रहूंगा. हमारी सारी मांगे जायज है, आज बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, व्यापारियों की दुकान बंद है और बिजली का बिल पहुंच रहा है, बैंक वाले उनके दरवाजे पर पहुंच रहे हैं. सरकार ने जो तीन लाख करोड़ का पैकेज दिया है, उससे किसी को कोई लाभ नहीं है, प्रदेश में लोग भूखे मर रहे हैं.

बालाघाट। लांजी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक किशोर समरीते अपनी 29 सूत्रीय मांगों को लेकर 7 दिवसीय अनशन पर बैठ गए हैं. विधायक समरीते शासन-प्रशासन से मांगे पूरी करने का आग्रह कर रहे हैं. उन्होंने कहा, अब तक कोरोना वायरस से जितने भी लोगों की मौत हुई हैं. उन्हें सरकार 50-50 लाख रुपए का मुआवजा प्रदान करे. साथ ही कोविड मरीजो का उपचार मुफ्त होना चाहिए, मरीजों की सारी पैथोलॉजी जांच मुफ्त होनी चाहिए. इस संकट में सरकार को सेना की सहायता लेनी चाहिए, क्योंकि सेना को बेहतर मेडिकल सुविधा उपलब्ध हैं.

पूर्व विधायक किशोर समरीते


पूर्व विधायक ने सरकार को दिया सुझाव

विधायक समरीते ने कहा कि, यदि सेना को इस कार्य में लगाया जाता है तो निश्चित रूप से 3 महीने में भारत कोरोना वायरस से मुक्त हो जाएगा, लेकिन सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है. कहीं ऑक्सीजन की कमी बता रही है, कहीं वेंटिलेटर की कमी बता रही है. इस दौरान उन्होंने कहा कि रेलवे के पास 45 हजार से ज्यादा यात्री ट्रेनें हैं उन सभी ट्रेनों को कोविड अस्पताल बना दिया जाए, तो काफी हद तक जनता को राहत मिलेगी. उन्होंने कहा, आज कई देश कोविड से मुक्त हो चुके है, लेकिन भारत में लोगों को कोविड के इलाज के नाम पर अस्पतालों में लूटा जा रहा है. यह सरकार की जवाबदारी है जो भी लोग पीड़ित हैं, उनका निशुल्क उपचार होना चाहिए. दवाओं की कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, उन पर एनएसए लगना चाहिए.

मांगों को लेकर अनशन पर हैं समरीते

विधायक ने प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था को लेकर कहा कि पूरे प्रदेश में इस तरह से अस्पताल बने हैं, कि मानों स्कूल कॉलेज बनाए गए हों. कहीं पर वेंटिलेटर नहीं है. कहीं पर आईसीयू नहीं है, तो अधिकतर अस्पतालों में डॉक्टर ही नहीं है. भारत में धर्म और जाति की राजनीति का यह भयावह स्वरूप है, देश में राजनीति विकास को लेकर होती, तो कोविड फैल ही नही पाता. समरीते ने कहा, 'मैं अभी 7 दिन के अनशन पर हूं इसके पश्चात अनिश्चित काल के अनशन पर रहूंगा. हमारी सारी मांगे जायज है, आज बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, व्यापारियों की दुकान बंद है और बिजली का बिल पहुंच रहा है, बैंक वाले उनके दरवाजे पर पहुंच रहे हैं. सरकार ने जो तीन लाख करोड़ का पैकेज दिया है, उससे किसी को कोई लाभ नहीं है, प्रदेश में लोग भूखे मर रहे हैं.

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