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किसानों को नहीं मिल रहा है खाद, घंटों लगना पड़ रहा है लाइन में

अशोकनगर के खाद्य विपणन केंद्र पर किसानों की लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं. जिसमें देर रात से अपने गांव से आए किसान घंटों से लाइनों में लगे हुए हैं, इसके बाद भी उन्हें खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

Farmers did not get manure
किसानों को नहीं मिल रहा खाद
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Published : Dec 10, 2019, 1:35 PM IST

अशोकनगर। शहर के खाद्य विपणन केंद्र पर किसानों की लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं. देर रात से अपने-अपने गांवों से आए किसान कई घंटों से लाइन में लगे हुए हैं. इसके बाद भी उन्हें खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

प्रदेशभर में खाद की किल्लत मची हुई है. ऐसे में किसानों को खाद लेने के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर अपनी बारी आने का इंतजार करना पड़ता है, जबकि कई किसानों को खाद नहीं मिलने के कारण वापस लौटना पड़ता है. लंबे संघर्ष के बाद किसानों को केवल 4 बोरी यूरिया ही उपलब्ध हो पा रही है.

किसानों को नहीं मिल रही खाद

किसानों का आरोप है कि लगातार खाद की कालाबाजारी विभाग के अधिकारी कर रहें हैं, जबकि पिछले वर्ष 7 हजार मीट्रिक टन खाद जिले भर में वितरित किया गया था, लेकिन इस बार 12 हजार मीट्रिक टन खाद का वितरण किया जा चुका है. इसके बावजूद किसानों को पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं हो पाया है. वहीं प्रशासन पर्याप्त खाद होने का दावा तो कर रहा है, लेकिन किसानों को पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं करा पा रहा है.

अशोकनगर। शहर के खाद्य विपणन केंद्र पर किसानों की लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं. देर रात से अपने-अपने गांवों से आए किसान कई घंटों से लाइन में लगे हुए हैं. इसके बाद भी उन्हें खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

प्रदेशभर में खाद की किल्लत मची हुई है. ऐसे में किसानों को खाद लेने के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर अपनी बारी आने का इंतजार करना पड़ता है, जबकि कई किसानों को खाद नहीं मिलने के कारण वापस लौटना पड़ता है. लंबे संघर्ष के बाद किसानों को केवल 4 बोरी यूरिया ही उपलब्ध हो पा रही है.

किसानों को नहीं मिल रही खाद

किसानों का आरोप है कि लगातार खाद की कालाबाजारी विभाग के अधिकारी कर रहें हैं, जबकि पिछले वर्ष 7 हजार मीट्रिक टन खाद जिले भर में वितरित किया गया था, लेकिन इस बार 12 हजार मीट्रिक टन खाद का वितरण किया जा चुका है. इसके बावजूद किसानों को पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं हो पाया है. वहीं प्रशासन पर्याप्त खाद होने का दावा तो कर रहा है, लेकिन किसानों को पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं करा पा रहा है.

Intro:अशोकनागर. प्रदेशभर में खाद की किल्लत मची हुई है ऐसे में किसानों को खाद लेने के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर अपनी बारी आने का इंतजार करना पड़ता है. जबकि कई किसानों को खाद नही मिलने के कारण वापस लौटना पड़ता है. लंबे संघर्ष के बाद किसानों को केवल 4 बोरी यूरिया ही उपलब्ध हो पा रहा है. हालांकि प्रशासन पर्याप्त खाद होने का दावा तो कर रहा है. लेकिन किसानों को पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.


Body:खाद्य विपणन केंद्र पर किसानों की लंबी लंबी कतारें लगी हुई हैं. जिसमें देर रात से अपने गांव से किसान आकर लाइनों में लगे हुए हैं. लेकिन इसके बाद भी उन्हें खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. किसानों का आरोप है कि लगातार खाद की कालाबाजारी विभाग के अधिकारियों द्वारा की जा रही है. जबकि पिछले वर्ष 7000 मेट्रिक टन खाद जिले भर में वितरित किया गया था.जबकि इस बार 12000 मैट्रिक टन खाद का वितरण किया जा चुका है. लेकिन इसके बावजूद भी किसानों को पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं हो पाया है. हालांकि यह बात सही है कि इस बार गेहूं का रकबा बढ़ा हुआ है.लेकिन इसके बावजूद भी खाद की मात्रा भी जिले में बढ़ाई गई है.


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