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नहर की मरम्मत कराने सिंचाई विभाग के चक्कर लगा रहे किसान, बिना पानी के सूख रही है फसल - Farmers of Vananchal Village Jhiria

परसवाड़ा के वनांचल ग्राम झिरिया के सैकड़ों किसानों ने अपनी परेशानी बयां करते हुए कहा कि क्षेत्र में बीते 10 दिनों से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है. जिससे किसान परेशान हैं. सिंचाई विभाग के अधिकारी के काम के लिए पैसे नहीं होने का हवाला दे रहे हैं.

Farmers demanding canal repair
किसानों की नहर की मरम्मत कराने की मांग
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Published : Aug 2, 2020, 12:01 AM IST

बालाघाट। परसवाड़ा तहसील के तहत ग्राम पंचायत झिरिया के किसानों ने पानी की समुचित व्यवस्था के लिए नहर के कटान को दुरुस्त कराने की मा्ंग की है. परसवाड़ा के वनांचल ग्राम झिरिया के सैकड़ों किसानों ने अपनी परेशानी बयां करते हुए कहा कि क्षेत्र में बीते 10 दिनों से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है. जिससे किसान परेशान हैं. ऐसे में जलगांव जलाशय से होकर आने वाली नहर से सैकड़ों किसान सिंचाई करते हैं. लेकिन बीच में ही बघोली, झिरिया, पटोरा आदि ग्रामों के आस-पास इस नहर में कटाव हो गया है. जिससे यहां के लगभग 400 किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है.

किसानों की नहर की मरम्मत कराने की मांग

ग्राम झिरिया के किसान कमलेश बोपचे ने बताया कि तीन चार किलोमीटर की इस नहर से यहां के किसानों को पानी उपलब्ध होता है. वर्तमान में लगभग 10 दिनों से बारिश नहीं होने से सभी किसान नहर के पानी पर निर्भर हैं. लेकिन विगत दो वर्षों से सिंचाई विभाग द्वारा नहर के कटाव की मरम्मत नहीं करने की वजह से जलगांव जलाशय से किसानों के खेतों को मिलने वाला लगभग 80 प्रतिशत पानी जंगलों में बह रहा है. जिससे उनकी फसलें सूख रहीं हैं.

नहर की मरम्मत के लिए किसानों द्वारा स्थानीय सिंचाई विभाग को इसकी जानकारी दी गई, लेकिन अभी तक मामले का निराकरण नहीं हो सका है. विभाग के कर्मचारी यह कहते हुए इंकार कर देते है कि काम के लिए पैसे नहीं हैं.

ग्राम झिरिया के किसानों का कहना है कि पानी की राशि की वसूली सख्ती के साथ की जाती है. यहां के किसान और बीजेपी नेता योगेश शरणागत ने कहा है कि नहर के कटाव होने के चलते 80 प्रतिशत पानी जंगलों में बर्बाद हो रहा है. लेकिन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

शीघ्र की जाए नहर की मरम्मत

सिंचाई के लिए आस लगाए लगभग 400 किसानों ने खेतों में पानी का प्रबंधन करने के लिए नहर की समय रहते मरम्मत कराये जाने की मांग की है. इस दौरान किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही नहर के कटाव की मरम्मत नहीं कराई गई तो सभी किसान मिलकर उग्र आन्दोलन के लिए विवश होंगे. जिनकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी.

बालाघाट। परसवाड़ा तहसील के तहत ग्राम पंचायत झिरिया के किसानों ने पानी की समुचित व्यवस्था के लिए नहर के कटान को दुरुस्त कराने की मा्ंग की है. परसवाड़ा के वनांचल ग्राम झिरिया के सैकड़ों किसानों ने अपनी परेशानी बयां करते हुए कहा कि क्षेत्र में बीते 10 दिनों से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है. जिससे किसान परेशान हैं. ऐसे में जलगांव जलाशय से होकर आने वाली नहर से सैकड़ों किसान सिंचाई करते हैं. लेकिन बीच में ही बघोली, झिरिया, पटोरा आदि ग्रामों के आस-पास इस नहर में कटाव हो गया है. जिससे यहां के लगभग 400 किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है.

किसानों की नहर की मरम्मत कराने की मांग

ग्राम झिरिया के किसान कमलेश बोपचे ने बताया कि तीन चार किलोमीटर की इस नहर से यहां के किसानों को पानी उपलब्ध होता है. वर्तमान में लगभग 10 दिनों से बारिश नहीं होने से सभी किसान नहर के पानी पर निर्भर हैं. लेकिन विगत दो वर्षों से सिंचाई विभाग द्वारा नहर के कटाव की मरम्मत नहीं करने की वजह से जलगांव जलाशय से किसानों के खेतों को मिलने वाला लगभग 80 प्रतिशत पानी जंगलों में बह रहा है. जिससे उनकी फसलें सूख रहीं हैं.

नहर की मरम्मत के लिए किसानों द्वारा स्थानीय सिंचाई विभाग को इसकी जानकारी दी गई, लेकिन अभी तक मामले का निराकरण नहीं हो सका है. विभाग के कर्मचारी यह कहते हुए इंकार कर देते है कि काम के लिए पैसे नहीं हैं.

ग्राम झिरिया के किसानों का कहना है कि पानी की राशि की वसूली सख्ती के साथ की जाती है. यहां के किसान और बीजेपी नेता योगेश शरणागत ने कहा है कि नहर के कटाव होने के चलते 80 प्रतिशत पानी जंगलों में बर्बाद हो रहा है. लेकिन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

शीघ्र की जाए नहर की मरम्मत

सिंचाई के लिए आस लगाए लगभग 400 किसानों ने खेतों में पानी का प्रबंधन करने के लिए नहर की समय रहते मरम्मत कराये जाने की मांग की है. इस दौरान किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही नहर के कटाव की मरम्मत नहीं कराई गई तो सभी किसान मिलकर उग्र आन्दोलन के लिए विवश होंगे. जिनकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी.

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