बालाघाट। फिरयादी अरुण जेठवा ने शिकायत की थी कि उसकी टाइल्स फैक्ट्री की जमीन के खसरे से उसके भागीदारों के नाम हटाने के लिए लालबर्रा तहसीलदार के रीडर पैमेंद्र हरिनखेडे रुपयों की मांग कर रहा है. इसमें आरोपी ने पीड़ित से 50 हजार रिश्वत की मांग की थी. इसका ₹40000 में सौदा तय हुआ था. आरोपी ने 15 जून को पीड़ित से 5000 की रिश्वत ली थी, लेकिन रविवार को रिश्वत की बची हुई राशि यानी कि ₹35000 लेते हुए रीडर पैमेंद्र को रंगे हाथों पकड़ लिया गया.
ईओडब्ल्यू की टीम ने तहसीलदार से की पूछताछ : फरियादी अरुण जेठवा की फैक्ट्री है बंद हो चुकी है. फैक्ट्री के चार भागीदार थे, जो अब अलग हो चुके हैं. आवेदक ने वर्ष 2021 में नामांतरण के लिए आवेदन किया था. इस मामले में ईओडब्ल्यू टीम ने लालबर्रा तहसीलदार रामबाबू देवांगन से भी पूछताछ की है. कार्रवाई के दौरान टीम में उप पुलिस अधीक्षक मनजीत सिंह, विवेचक निरीक्षक प्रेरणा पांडे, निरीक्षक शशि कला मस्कूले, निरीक्षक महेंद्र मर्सकोले और उप निरीक्षक कीर्ति शुक्ला शामिल रहे. (EOW caught Tehsildar reader in bribe) (Eow raid in Balaghat district)