बालाघाट । कोरोना वायरस से बचाव के चलते बालाघाट में धारा 144 का कड़ाई से पालन करवाया जा रहा है. इस दौरान आवागमन के सभी साधन बंद कर दिए गए हैं. अन्य प्रदेशों में काम कर रहे मजदूर अपने गृह नगर बालाघाट पैदल चलकर पहुंचने के लिए मजबूर हैं.
शनिवार को महाराष्ट्र के नागपुर से पैदल चलकर 13 मजदूर बालाघाट पहुंचे हैं, जिनमें 11 पुरूष और 2 महिला मजदूर हैं. इन सभी मजदूरों को जांच में किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए हैं. बावजूद इसके सभी मजदूरों को एहतियात के तौर पर 10-15 दिन अपने गांव में सभी से अलग रहने की सलाह दी गई है. वहीं सभी मजदूरों को नगरपालिका खाना खिलाकर वाहनों से उनके गांव तक पहुंचाएगी.
नगर पालिका अधिकारी दिनेश बाघमारे ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान आवागमन के साधन बालाघाट के लिए नहीं मिलने के कारण मजदूर पैदल ही बालाघाट पहुंच रहे हैं. जिनका डॉक्टरों द्वारा चेकअप कराने के बाद भोजन कराया गया और गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है. वहीं जो छात्र विभिन्न गांवों से आकर किराए पर रहकर बालाघाट में पढ़ाई कर रहे हैं, उनको भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उनको भी चिन्हित करके सुबह-शाम का खाना दिया जा रहा है. साथ ही जो अपने गांव जाना चाहते हैं उनको भी घर भिजवाया जा रहा है.