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संदिग्ध हालत में मिला तेंदुए का शव, सवालों के घेरे में वन विभाग

बालाघाट के बिरसा वन परिक्षेत्र में वन विभाग की टीम को संदिग्ध परिस्थितियों में एक तेंदुए का शव मिला है, जिसके बाद वन विभाग पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

वन अधिकारी जांच करते हुए
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Published : Sep 25, 2019, 3:58 PM IST

बालाघाट। वन्य जीवों के संरक्षण के लिए सरकार ने कड़े से कड़े कानून बनाए हैं. बावजूद इसके इनके शिकार पर लगाम नहीं लग पा रही है. बीते दिन जिले के बिरसा वन परिक्षेत्र में संदिग्ध परिस्थितियों में एक तेंदुए का शव बरामद किया गया है. शव काफी पुराना है, जिसके चलते वन विभाग के अधिकारियों को तेंदुए की मौत का कारण पता नहीं चल पा रहा है. हालांकि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. रिपोर्ट आने पर ही सही जानकारी मिला पाएगी.

संदिग्ध हालत में मिला तेंदुए का शव

बता दें ये शव बिरसा परिक्षेत्र के धोबघट बीट क्रमांक 1706 में बरामद किया गया है. अंदाजे के मुताबिक शव 4- 5 दिन पुराना लग रहा है. जो पूरी तरह क्षत विक्षत हो गया है. वन परिक्षेत्र में इतने दिनों से तेंदुए का शव पड़ा रहा और वन विभाग की टीम को कोई भनक तक नहीं लगी. जो वन अमला की डेली सर्चिंग प्रणाली पर सवाल खड़े करता है. वहीं आस- पास के इलाकों में चर्चा है कि तेंदुए की मौत करंट लगने से हुई है.

इस बारे में जब फारेस्ट एसडीओ एसके यादव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने गैर जिम्मेदाराना बात कही. एसडीओ ने कहा कि तेंदुआ भी मरने वाला जीव है, अमर थोड़े ही है, लोग तो कुछ भी कहते रहते हैं, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण पता चल पाएगा.

बालाघाट। वन्य जीवों के संरक्षण के लिए सरकार ने कड़े से कड़े कानून बनाए हैं. बावजूद इसके इनके शिकार पर लगाम नहीं लग पा रही है. बीते दिन जिले के बिरसा वन परिक्षेत्र में संदिग्ध परिस्थितियों में एक तेंदुए का शव बरामद किया गया है. शव काफी पुराना है, जिसके चलते वन विभाग के अधिकारियों को तेंदुए की मौत का कारण पता नहीं चल पा रहा है. हालांकि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. रिपोर्ट आने पर ही सही जानकारी मिला पाएगी.

संदिग्ध हालत में मिला तेंदुए का शव

बता दें ये शव बिरसा परिक्षेत्र के धोबघट बीट क्रमांक 1706 में बरामद किया गया है. अंदाजे के मुताबिक शव 4- 5 दिन पुराना लग रहा है. जो पूरी तरह क्षत विक्षत हो गया है. वन परिक्षेत्र में इतने दिनों से तेंदुए का शव पड़ा रहा और वन विभाग की टीम को कोई भनक तक नहीं लगी. जो वन अमला की डेली सर्चिंग प्रणाली पर सवाल खड़े करता है. वहीं आस- पास के इलाकों में चर्चा है कि तेंदुए की मौत करंट लगने से हुई है.

इस बारे में जब फारेस्ट एसडीओ एसके यादव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने गैर जिम्मेदाराना बात कही. एसडीओ ने कहा कि तेंदुआ भी मरने वाला जीव है, अमर थोड़े ही है, लोग तो कुछ भी कहते रहते हैं, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण पता चल पाएगा.

Intro:बालाघाट।बालाघाट जिले में लगातार वन्यजीवो का शिकार हो रहा है.... लेकिन इसपर अंकुश लगाने में वन विभाग के आधिकारी कर्मचारी नाकाम साबित हो रहै है..गौरतलब है कि बालाघाट के बिरसा में एक संदिग्घ परिस्थिति में वन्य जीव तेंदुआ का शव मिला है...बताया जाता है कि शव काफी दिन पुराना है जिसके कारण यह कह पाना मुश्किल है कि तेंदुआ की मौत किन परिस्थितियों में हुआ हालाकि वन विभाग के आला अधिकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण स्पष्ट होने की बात कह रहै है।लेकिन इस प्रकार जंगल में तेंदुआ की संदिग्घ हालत में शव मिलने से वन विभाग के कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रही है....Body:बालाघाट जिले के बिरसा परिक्षेत्र अंतर्गत धोबघट बीट क्रमांक 1706 में एक तेदूंए का शव मिला है जिससे वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं ।बताया जाता है कि शव चार पांच दिन पुराना है जिसे कीड़े लग गए थे और इतनी बदबू आ रही थी कि वन अमले को मुंह पर कपड़ा बांधकर कार्यवाही करनी पड़ी । शव इतना सड़ गल गया था कि मृत देंदुआ नर है या मादा समझ नहीं आ रहा था । इतने दिन पुराना शव मिलना वन अमले की डेली सर्चिंग पर प्रश्नचिन्ह लगाने के लिए काफी है ।Conclusion:एसडीओ फारेस्ट एस. के.यादव से जब इस बारे में बात की गई और वन अमले की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए तो वे बगले झांकने लगे । तेंदुए की मौत नेचुरल है या करेंट लगाकर मारा गया के सवाल पर बोले जैसे आदमी की मौत नेचुरल होती है ऐसे जानवरों की भी होती है । फिर भी पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है ।
बाइट - एस. के.यादव (एसडीओ, फारेस्ट)
श्रीनिवास चौधरी ईटीवी भारत बालाघाट
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