बालाघाट: वारासिवनी पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. साल 2019-20 में दर्ज गौ तस्करी और उसके बाद ठेकेदार से मिलकर गोवंश को अपना बताने के लिए फर्जी दस्तावेज पेश किए थे. इस मामले में 22 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया. वारासिवनी कोर्ट ने सभी आरोपी के खिलाफ जेल की सजा सुनाई है.
क्या था पूरा मामला: दरअसल, 250 से भी अधिक गौवंशों को लालबर्रा और वारासिवनी पुलिस ने पकड़ा था. जिन्हें पुलिस द्वारा स्थानीय गौशाला में रखा गया था. कुछ लोगों ने ठेकेदार के जरिए फर्जी रसीद बनाकर गौवंश छुड़ाने का काम किया था. जांच में पुलिस ने ठेकेदार सहित कुल 37 ग्रामीणों को आरोपी बनाया था. इस मामले में 3 साल बाद अब वारासिवनी पुलिस ने एक साथ 22 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बाकी 15 की गिरफ्तारी होनी है.
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वारासिवनी पुलिस मान रही बड़ी कार्रवाई: इस बड़ी कार्रवाई को लेकर वारासिवनी पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है. एक साथ इतने अधिक आरोपी जो फर्जी दस्तावेज पेश कर गौवंश को छुड़ा ले गये थे. गिरफ्तारी की चर्चा चारों तरफ हो रही है. सभी को वारासिवनी न्यायलय ने जेल की सजा सुनाई है. वारासिवनी थाना प्रभारी शंकर सिंह चौहान का कहना है कि "फरार आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है, जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर जेल भेज जाएगा."