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प्रधानमंत्री की योजना का आदिवासियों को नहीं मिल रहा लाभ, जानें क्या है वजह

वन ग्रामों में रहने वाले किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

किसान
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Published : Jul 5, 2019, 8:55 PM IST

बालाघाट। वन ग्रामों में रहने वाले किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल पा रहा है. किसानों के नाम राजस्व रिकॉर्ड दर्ज नहीं होने से यह समस्या हो रही है. प्रशासनिक अधिकारी मामले की जांच की बात कह रहे हैं.


भारत सरकार द्वारा लघु व सीमांत किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 12 हजार रूपये हर साल देकर लाभान्वित करने का कार्य किया जा रहा है. जिससे किसानों की आर्थिक सहायता की जा सके. प्रदेश में किसान सम्मान निधि से किसानों को लाभान्वित करने की प्रक्रिया जारी है. कुछ ऐसे किसान हैं जो इस योजना के लाभ से वंचित हैं. बालाघाट में 56 वनग्राम हैं. वनग्राम में रहने वाले आदिवासी किसानों को किसान निधि योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.

किसानों को प्रधानमंत्री योजना का लाभ नहीं मिल रहा

किसानों का रिकॉर्ड राजस्व विभाग में दर्ज नहीं हुआ है इस वजह से किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा. टाटीघाट, सावरझोड़ी, टिकरिया, बारिया, कुकड़ा, रूणगोटा, माटे, पालागोंदी, उसकालचक जामझिरिया सहित परसवाड़, बैहर व बिरसा तहसील में कई वनग्राम हैं. जिनके आदिवासी किसान हजारों की संख्या में हैं. उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. एडीएम ने कहा कि वनग्रामों को शासन के निर्देश पर अब राजस्व ग्राम में शामिल किया जा रहा हैं. जैसे ही इन वनग्राम को राजस्व ग्राम में शामिल कर लिया जायेगा वैसे ही वहां के रहने वाले किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ मिल जायेगा।

बालाघाट। वन ग्रामों में रहने वाले किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल पा रहा है. किसानों के नाम राजस्व रिकॉर्ड दर्ज नहीं होने से यह समस्या हो रही है. प्रशासनिक अधिकारी मामले की जांच की बात कह रहे हैं.


भारत सरकार द्वारा लघु व सीमांत किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 12 हजार रूपये हर साल देकर लाभान्वित करने का कार्य किया जा रहा है. जिससे किसानों की आर्थिक सहायता की जा सके. प्रदेश में किसान सम्मान निधि से किसानों को लाभान्वित करने की प्रक्रिया जारी है. कुछ ऐसे किसान हैं जो इस योजना के लाभ से वंचित हैं. बालाघाट में 56 वनग्राम हैं. वनग्राम में रहने वाले आदिवासी किसानों को किसान निधि योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.

किसानों को प्रधानमंत्री योजना का लाभ नहीं मिल रहा

किसानों का रिकॉर्ड राजस्व विभाग में दर्ज नहीं हुआ है इस वजह से किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा. टाटीघाट, सावरझोड़ी, टिकरिया, बारिया, कुकड़ा, रूणगोटा, माटे, पालागोंदी, उसकालचक जामझिरिया सहित परसवाड़, बैहर व बिरसा तहसील में कई वनग्राम हैं. जिनके आदिवासी किसान हजारों की संख्या में हैं. उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. एडीएम ने कहा कि वनग्रामों को शासन के निर्देश पर अब राजस्व ग्राम में शामिल किया जा रहा हैं. जैसे ही इन वनग्राम को राजस्व ग्राम में शामिल कर लिया जायेगा वैसे ही वहां के रहने वाले किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ मिल जायेगा।

Intro:बालाघाट-बालाघाट जिले के वन ग्रामों में निवास करने वाले किसानो को प्रधानमंत्री सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल पा रहा है..दरअसल वन ग्रामो में निवास करने वाले किसानो के नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं होने से यह समस्या हो रही है..सरकार की नजर में वन ग्रामो में निवासरत ग्रामिण किसान तो हैं, परंतु राजस्व के रिकार्ड में दर्ज नही होने के चलते इस योजना का लाभ नही ले पाएंगे.हालाकि जिले के प्रशासनिक अधिकारी जांच की बात कह रहै है।Body:भारत सरकार द्वारा लघु एवं सीमांत किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 12 हजार रूपये प्रति वर्ष देकर लाभान्वित करने का कार्य किया जा रहा है, ताकि किसानों की आर्थिक सहायता की जा सके। प्रदेश में किसान सम्मान निधि से किसानों को लाभान्वित करने की प्रक्रिया जारी है, किन्तु कुछ ऐसे किसान है, जो इस योजना के लाभ से वंचित रहेगें जो सरकार की नजर में किसान तो हैं, परंतु राजस्व के रिकार्ड में दर्ज नही होने के चलते इस योजना का लाभ नही ले पाएंगे।


यहां बात की जा रही है उन वनग्राम में निवासरत आदिवासी किसानों की जो एक तरफ कहने को किसान तो हैं, जिन्हें सरकार द्वारा वनभूमि का पट्टा प्रदाय किया गया है, सरकार की योजनांतर्गत उनके खेतों में मेढ़बंधान का भी कार्य करवाया जाता है, इतना ही नही उन्हें सोसायटी से खाद और नगदी प्रदाय की जाती है, हाल ही में प्रदेश सरकार ने उनका कर्ज भी माफ किया है। किन्तु इन सब के बावजूद कहीं न कहीं शासन की किसान सम्मान निधि के लाभ से वंचित रहने का वनग्राम में निवासरत आदिवासी किसानों को मलाल है।  


बालाघाट जिले की बात की जाये तो यहां पर 56 वनग्राम हैं। यहां के रहने वाले आदिवासी किसानों को वनग्राम में होने के कारण किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिलेगा। क्योंकि उनका रिकार्ड राजस्व विभाग में दर्ज नहीं हुआ हैं।जिले भर में कुल 56 वनग्रामो में निवासरत हजारों की संख्या में आदिवासी किसान है, जो कि वनग्राम में निवासरत है, और कई वर्षों से खेती का कार्य कर रहें है, जिनमें टाटीघाट, सावरझोड़ी, टिकरिया, बारिया, कुकड़ा, वरूणगोटा, माटे, पालागोंदी, उसकालचक जामझिरिया सहित परसवाड़, बैहर एवं बिरसा तहसील में कई वनग्राम है, जिनमें निवासरत आदिवासी किसान हजारों की संख्या में है, जिन्हें राजस्व के रिकार्ड में दर्ज कर किसान सम्मान निधि का लाभ दिलाया जा सकता है। Conclusion:शासन को वनग्राम में रहने वाले किसानों को लेकर सामने आ रही दिक्कतें की ओर ध्यान दिये जाने की जरूरत हैं।  प्रभावितों ने चर्चा में कहा कि शासन की तमाम सुविधायें मिल रही तो किसान सम्मान निधि भी देनी चाहिए।


इस मामले में एडीएम ने कहा कि वनग्रामों को शासन के निर्देश पर अब राजस्व ग्राम में शामिल किया जा रहा हैं। जैसे ही इन वनग्राम को राजस्व ग्राम में शामिल कर लिया जायेगा वैसे ही वहां के रहने वाले किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ मिल जायेगा।

बाईट- किसान समरत सिंह

बाईट- अशोक समाजसेवी

बाईट- शिवगोविंद मरकाम अपर कलेक्टर बालाघाट
श्रीनिवास चौधरी ईटीवी भारत बालाघाट
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