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कोरोना से बचाव के लिए आशा कार्यकर्ताओं को दिया गया प्रशिक्षण, सावधानी बरतने के निर्देश - कोरोना वायरस के संक्रमण

बालाघाट जिले के वारासिवनी विकासखंड के चिकित्सा अधिकारी द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के लिए आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया.

ASHA workers trained for rescue from Corona
कोरोना से बचाव के लिए आशा कार्यकर्ताओं को दिया गया प्रशिक्षण
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Published : Mar 21, 2020, 4:12 PM IST

बालाघाट। देशभर में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जिला प्रशासन बेहद सतर्कता बरत रहा है. जिले में स्कूल, कॉलज और कोचिंग संस्थानों को आगामी आदेश तक बंद करा दिया गया है. वहीं बड़ी संख्या में लोगों के इक्कट्ठा होने के चलते सामाजिक और धार्मिक आयोजनों पर भी प्रशासन की नजर बनी हुई है.

कोरोना से बचाव के लिए आशा कार्यकर्ताओं को दिया गया प्रशिक्षण

वारासिवनी विकासखंड के चिकित्सा अधिकारी डॉ. रविंद्र ताथोड़ ने आम लोगों से इससे डरने की बजाय सावधानी बरतने की अपील की है. स्थानीय सिविल अस्पताल में कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए आशा कार्यकर्ताओं को दिए जा रहे प्रशिक्षण के दौरान डॉ ताथोड़ ने बताया कि कोरोना वायरस फैलने वाली एक बीमारी है जो कि संक्रमित व्यक्ति के श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है. कोरोना वायरस से संक्रमित होने से मृत्यु दर 2 से 3 फीसदी ही है. कोरोना वायरस हमारे गले में बैठ जाता है और वहां से फेफड़ों में जाकर श्वसन तंत्र को प्रभावित करने लगता है. जिससे उक्त व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. डॉ ताथोड़ ने कहा कि कोरोना ज्यादा खतरनाक नहीं है इससे डरने की बजाय सुरक्षा बरते जाने की आवश्यकता है.

बालाघाट। देशभर में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जिला प्रशासन बेहद सतर्कता बरत रहा है. जिले में स्कूल, कॉलज और कोचिंग संस्थानों को आगामी आदेश तक बंद करा दिया गया है. वहीं बड़ी संख्या में लोगों के इक्कट्ठा होने के चलते सामाजिक और धार्मिक आयोजनों पर भी प्रशासन की नजर बनी हुई है.

कोरोना से बचाव के लिए आशा कार्यकर्ताओं को दिया गया प्रशिक्षण

वारासिवनी विकासखंड के चिकित्सा अधिकारी डॉ. रविंद्र ताथोड़ ने आम लोगों से इससे डरने की बजाय सावधानी बरतने की अपील की है. स्थानीय सिविल अस्पताल में कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए आशा कार्यकर्ताओं को दिए जा रहे प्रशिक्षण के दौरान डॉ ताथोड़ ने बताया कि कोरोना वायरस फैलने वाली एक बीमारी है जो कि संक्रमित व्यक्ति के श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है. कोरोना वायरस से संक्रमित होने से मृत्यु दर 2 से 3 फीसदी ही है. कोरोना वायरस हमारे गले में बैठ जाता है और वहां से फेफड़ों में जाकर श्वसन तंत्र को प्रभावित करने लगता है. जिससे उक्त व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. डॉ ताथोड़ ने कहा कि कोरोना ज्यादा खतरनाक नहीं है इससे डरने की बजाय सुरक्षा बरते जाने की आवश्यकता है.

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