अशोकनगर। बीना-कोटा ट्रेन में शौचालय के पास एक मानसिक विक्षिप्त महिला निर्वस्त्र अवस्था में पड़ी थी, जिसके साथ कोई नहीं था, कुछ देर बाद महिला ट्रेन में बने शौचालय में चली गई. थोड़ी देर बाद ट्रेन में मौजूद लोगों को नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी. महिला की आवाज तो बोगी में मौजूद यात्रियों ने सुनी, लेकिन मदद के लिए केवल दो ही युवा सामने आए. पर तब तक ट्रेन अशोक नगर स्टेशन छोड़ चुकी थी.
मददगार तरुण मदान ओर अरविंद रघुवंशी ने रेलवे अधिकारियों से बात कर समस्या बताई, जिसके बाद ट्रेन शढोरा स्टेशन पर रुकवाई गई. जहां 108 की मदद से महिला और उसके बच्चे को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. दोनों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है. ऐसी स्थिति में भी मानवता को शर्मसार करने वाली बात ये है कि जब महिला असहनीय दर्द से तड़प रही थी, तब ट्रेन के बोगी में मौजूद लोगों में से कोई मदद के लिए सामने नहीं आया.
जीआरपी थाना प्रभारी जसवंत सिंह परमार ने बताया कि जैसे ही मुझे महिला की डिलीवरी की जानकारी मिली. वे तत्काल महिला आरक्षक के साथ साढ़ौरा स्टेशन पहुंच गए, जहां महिला को लाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जच्चा-बच्चा की हालत ठीक है.