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अवैध रूप से बोर्डिंग स्कूल में रखी गई थी नाबालिग छात्रा, बाल कल्याण समिति ने परिजनों को सौंपा

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Published : Jul 14, 2020, 11:04 AM IST

Updated : Jul 14, 2020, 12:38 PM IST

बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई कराने के बहाने अशोकनगर और गुना की नाबालिग बच्चियों को पीपल खेड़ी स्थित यूफ्रेसिया भवन में अवैधानिक तरीके से रखा गया था. जिसकी शिकायत मिलने पर स्थानीय प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए सभी बच्चियों को उनके परिजनों को सौंप दिए है.

Child Welfare Committee
बाल कल्याण समिति

अशोकनगर। बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई कराने के नाम पर अशोकनगर और गुना की दस वर्षीय बच्चियों को बीना के पीपल खेड़ी स्थित यूफ्रेसिया भवन में अवैध तरीके से रखा गया था. एसडीएम ने कार्रवाई करते हुए मामले का खुलासा किया है. एसडीएम ने बच्चियों को उनके परिजनों को सौंपने के लिए संबंधित बाल कल्याण समिति को निर्देशत किया है, साथ ही बच्चों को समिति ने परिजनों से मिलाया है.

बाल कल्याण समिति ने छात्रों को परिजनों को सौंपा

छात्रों को बाल कल्याण समिति ने परिजनों को सौंपा

इन बच्चियों को ना तो परिजनों से मिलने दिया जाता था और ना ही उन्हें बाहर जाने की परमिशन थी. अशोकनगर की 10 साल की बच्ची की सजगता से अब वो अपने घर पहुंच गई है. बाल कल्याण समिति ने गुना की नौ और अशोकनगर की एक छात्रा को उसके परिजनों को सौंप दिया है. 6 जुलाई को इन बच्चियों को बीना भेजा गया था. गुना की ही एक महिला ने बच्चियों को अच्छी पढ़ाई करवाने का हवाला देते हुए बीना स्थित बोर्डिंग स्कूल में भर्ती कराया था.

छात्रा ने बताई आपबीती

अशोकनगर की छात्रा ने बताया कि, उन्हें बताया जाता था कि मम्मी- पापा को याद मत करो, अब तुमको यही रहना है, हम तुम्हें अच्छे से पढ़ाएंगे. स्कूल भी भिजवाएंगे, लेकिन ऐसा वहां कुछ भी नहीं था. छात्रा ने कहा कि, उन्हें सही से खाना भी नहीं दिया जाता था और ना ही उनके परिजनों से बात कराई जाती थी. बाकी की लड़कियां उम्र में उससे छोटी थीं. छात्रा ने बताया कि, जब हम परेशान होते थे और रोते थे, तो हमारे रोने की आवाज ग्रामीणों ने सुनी. जिसके बाद ग्रामीणों की शिकायत पर प्रशासन की टीम ने वहां मामले की पड़ताल की. पुलिस भी वहां पहुंच गई और हम अपने घर वालों से मिल पाए हैं. 9 छात्राओं को गुना और एक छात्रा को अशोकनगर परिजनों को सौंपा गया है.

ये है पूरा मामला

बीना में विश्व हिंदू परिषद को गांव के कुछ लोगों ने सूचना दी कि, पीपल खेड़ी में बने यूफ्रेसिया भवन (निर्मल ज्योति स्कूल की संस्था) में छोटी-छोटी बच्चियों को जबरन रखा गया है. जिनके रोने की आवाज आती है. जिसके बाद विहिप ने इस पूरे मामले की जानकारी प्रशासन को दी. थाना प्रभारी कमल सिंह ठाकुर, तहसीलदार संजय जैन, एसडीओपी डीएसआर चौहान, एसडीएम अमृता गर्ग, मौके पर पहुंचे, जहां बच्चियों और उनके परिजनों से चर्चा कर उन्हें भी बुलाया गया. बाल कल्याण समिति को प्रशासन ने निर्देशित किया कि, इन बच्चियों को उनके परिजनों से मिलाया जाए.

इस संबंध में यूफ्रेसिया भवन की सिस्टर दर्शना का कहना है कि, वो बच्चियों को बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई कराने के लिए लाए हैं. जिन्हें उनके परिवार के लोग अपनी सहमति से यहां छोड़ कर गए हैं. इन बच्चियों को शिक्षित करने के लिए यहां रखा गया है. स्थानीय प्रशासन ने सभी बच्चियों को उनके परिजनों को सौंपने के निर्देश दिए हैं.

अशोकनगर। बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई कराने के नाम पर अशोकनगर और गुना की दस वर्षीय बच्चियों को बीना के पीपल खेड़ी स्थित यूफ्रेसिया भवन में अवैध तरीके से रखा गया था. एसडीएम ने कार्रवाई करते हुए मामले का खुलासा किया है. एसडीएम ने बच्चियों को उनके परिजनों को सौंपने के लिए संबंधित बाल कल्याण समिति को निर्देशत किया है, साथ ही बच्चों को समिति ने परिजनों से मिलाया है.

बाल कल्याण समिति ने छात्रों को परिजनों को सौंपा

छात्रों को बाल कल्याण समिति ने परिजनों को सौंपा

इन बच्चियों को ना तो परिजनों से मिलने दिया जाता था और ना ही उन्हें बाहर जाने की परमिशन थी. अशोकनगर की 10 साल की बच्ची की सजगता से अब वो अपने घर पहुंच गई है. बाल कल्याण समिति ने गुना की नौ और अशोकनगर की एक छात्रा को उसके परिजनों को सौंप दिया है. 6 जुलाई को इन बच्चियों को बीना भेजा गया था. गुना की ही एक महिला ने बच्चियों को अच्छी पढ़ाई करवाने का हवाला देते हुए बीना स्थित बोर्डिंग स्कूल में भर्ती कराया था.

छात्रा ने बताई आपबीती

अशोकनगर की छात्रा ने बताया कि, उन्हें बताया जाता था कि मम्मी- पापा को याद मत करो, अब तुमको यही रहना है, हम तुम्हें अच्छे से पढ़ाएंगे. स्कूल भी भिजवाएंगे, लेकिन ऐसा वहां कुछ भी नहीं था. छात्रा ने कहा कि, उन्हें सही से खाना भी नहीं दिया जाता था और ना ही उनके परिजनों से बात कराई जाती थी. बाकी की लड़कियां उम्र में उससे छोटी थीं. छात्रा ने बताया कि, जब हम परेशान होते थे और रोते थे, तो हमारे रोने की आवाज ग्रामीणों ने सुनी. जिसके बाद ग्रामीणों की शिकायत पर प्रशासन की टीम ने वहां मामले की पड़ताल की. पुलिस भी वहां पहुंच गई और हम अपने घर वालों से मिल पाए हैं. 9 छात्राओं को गुना और एक छात्रा को अशोकनगर परिजनों को सौंपा गया है.

ये है पूरा मामला

बीना में विश्व हिंदू परिषद को गांव के कुछ लोगों ने सूचना दी कि, पीपल खेड़ी में बने यूफ्रेसिया भवन (निर्मल ज्योति स्कूल की संस्था) में छोटी-छोटी बच्चियों को जबरन रखा गया है. जिनके रोने की आवाज आती है. जिसके बाद विहिप ने इस पूरे मामले की जानकारी प्रशासन को दी. थाना प्रभारी कमल सिंह ठाकुर, तहसीलदार संजय जैन, एसडीओपी डीएसआर चौहान, एसडीएम अमृता गर्ग, मौके पर पहुंचे, जहां बच्चियों और उनके परिजनों से चर्चा कर उन्हें भी बुलाया गया. बाल कल्याण समिति को प्रशासन ने निर्देशित किया कि, इन बच्चियों को उनके परिजनों से मिलाया जाए.

इस संबंध में यूफ्रेसिया भवन की सिस्टर दर्शना का कहना है कि, वो बच्चियों को बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई कराने के लिए लाए हैं. जिन्हें उनके परिवार के लोग अपनी सहमति से यहां छोड़ कर गए हैं. इन बच्चियों को शिक्षित करने के लिए यहां रखा गया है. स्थानीय प्रशासन ने सभी बच्चियों को उनके परिजनों को सौंपने के निर्देश दिए हैं.

Last Updated : Jul 14, 2020, 12:38 PM IST
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