ETV Bharat / state

जिला अस्पताल की इस लापरवाही से हजारों लोग आ सकते हैं कोरोना की जद में

अशोकनगर जिला अस्पताल की एक बड़ी लापरवाही उजागर हुई हैं, जहां अस्पताल में जिस पीपीई किट को पहनकर डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के लोग आइसोलेशन वार्ड में कोरोना संक्रमित मरीजों को देखने जाते हैं, उन्हीं किट को अस्पताल की बाउंड्री वाल के पीछे गली में फेंक दिया गया है.

District hospital's negligence, PPE kit thrown in open
जिला अस्पताल की इस लापरवाही से हजारो लोग कोरोना की जद में आ सकते हैं..
author img

By

Published : Jun 14, 2020, 2:34 AM IST

अशोकनगर। कोरोना संक्रमण को लेकर जहां स्वास्थ्य विभाग लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर लोगों को संक्रमित होने से बचाने का प्रयास कर रहा है. वहीं जिम्मेदार कोरोना योद्धा ही लोगों में संक्रमण फैलाने का काम कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें जिला अस्पताल की बाउंड्री के पार आइसोलेशन वार्ड में प्रयोग की जाने वाली संक्रमित पीपीई किट को बाहर फेंक दिया गया. जिसके बाद जिसने वह किट पड़ी देखी, वह हैरान रह गया.

District hospital's negligence, PPE kit thrown in open
जिला अस्पताल के बाहर खुले में पड़ी पीपीई किट

जिन पीपीई किट को पहनकर डॉक्टर और स्टाफ के लोग आइसोलेशन वार्ड में कोरोना संक्रमित मरीजों को देखने जाते हैं उन्हीं किट को अस्पताल की बाउंड्री वाल के पीछे गली में फेंक दिया गया. सबसे अधिक संक्रमण का खतरा इन किट से ही रहता है. लेकिन जिला अस्पताल में प्रबंधन और सफाई ठेकेदार की लापरवाही पूरे शहर में कोरोना संक्रमण फैला सकती है. हालांकि यह किट नई जैसी दिखाई दे रही हैं, ऐसे में अगर इनके संपर्क में कोई आता है, तो सोचिए जिले में संक्रमण की स्थिति क्या होगी.

प्रत्यक्षदर्शी संतोष गुप्ता के मुताबिक इन किटों को कुत्ते और सुअर भी खींच कर ले जा रहे थे. जबकि इस बाउंड्री के दूसरी तरफ रेलवे का रेक लगा हुआ है, जिसमें गेहूं की अनलोडिंग का कार्य चल रहा है और पास ही रास्ते से कई लोग भी आवागमन कर रहे हैं. यदि इन किटों से आने जाने वाले लोग संक्रमित होते हैं. तो अशोकनगर जिले में भारी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है.

कोविड-19 का संक्रमित कचरा निस्तारण करने के लिए गाइडलाइन जारी की गई है, इसमें लाल रंग के कूड़ेदान में कोरोना संक्रमित और पीले रंग के कूड़ेदान में क्वॉरेंटाइन सेंटर से निकला कचड़ा डाला जाएगा. इसमें दोहरा पॉलीबैग लगाना चाहिए इस कचरे का भंडारण अलग से कर इनका रिकॉर्ड भी रखना जरूरी है. वहीं इसको एकत्रित करने वाला कर्मचारी भी अलग होना चाहिए और इसको डिस्पोज करने के लिए वाहन के माध्यम से इंसुलेटर प्लांट तक पहुंचाना चाहिए.

पीपीई किट खुले में फेंके जाने के मामले में जब जिला अस्पताल प्रबंधन से की इस लापरवाही का कारण हम जब हमने स्वास्थ्य विभाग के CMHO से जानना चाहा तो उनका कहना था कि ये लापरवाही तो बड़ी है. लेकिन यह जांच का विषय है कि इतनी बड़ी संख्या में पीपीई किट आई कहां से, इसकी जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

अशोकनगर। कोरोना संक्रमण को लेकर जहां स्वास्थ्य विभाग लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर लोगों को संक्रमित होने से बचाने का प्रयास कर रहा है. वहीं जिम्मेदार कोरोना योद्धा ही लोगों में संक्रमण फैलाने का काम कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें जिला अस्पताल की बाउंड्री के पार आइसोलेशन वार्ड में प्रयोग की जाने वाली संक्रमित पीपीई किट को बाहर फेंक दिया गया. जिसके बाद जिसने वह किट पड़ी देखी, वह हैरान रह गया.

District hospital's negligence, PPE kit thrown in open
जिला अस्पताल के बाहर खुले में पड़ी पीपीई किट

जिन पीपीई किट को पहनकर डॉक्टर और स्टाफ के लोग आइसोलेशन वार्ड में कोरोना संक्रमित मरीजों को देखने जाते हैं उन्हीं किट को अस्पताल की बाउंड्री वाल के पीछे गली में फेंक दिया गया. सबसे अधिक संक्रमण का खतरा इन किट से ही रहता है. लेकिन जिला अस्पताल में प्रबंधन और सफाई ठेकेदार की लापरवाही पूरे शहर में कोरोना संक्रमण फैला सकती है. हालांकि यह किट नई जैसी दिखाई दे रही हैं, ऐसे में अगर इनके संपर्क में कोई आता है, तो सोचिए जिले में संक्रमण की स्थिति क्या होगी.

प्रत्यक्षदर्शी संतोष गुप्ता के मुताबिक इन किटों को कुत्ते और सुअर भी खींच कर ले जा रहे थे. जबकि इस बाउंड्री के दूसरी तरफ रेलवे का रेक लगा हुआ है, जिसमें गेहूं की अनलोडिंग का कार्य चल रहा है और पास ही रास्ते से कई लोग भी आवागमन कर रहे हैं. यदि इन किटों से आने जाने वाले लोग संक्रमित होते हैं. तो अशोकनगर जिले में भारी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है.

कोविड-19 का संक्रमित कचरा निस्तारण करने के लिए गाइडलाइन जारी की गई है, इसमें लाल रंग के कूड़ेदान में कोरोना संक्रमित और पीले रंग के कूड़ेदान में क्वॉरेंटाइन सेंटर से निकला कचड़ा डाला जाएगा. इसमें दोहरा पॉलीबैग लगाना चाहिए इस कचरे का भंडारण अलग से कर इनका रिकॉर्ड भी रखना जरूरी है. वहीं इसको एकत्रित करने वाला कर्मचारी भी अलग होना चाहिए और इसको डिस्पोज करने के लिए वाहन के माध्यम से इंसुलेटर प्लांट तक पहुंचाना चाहिए.

पीपीई किट खुले में फेंके जाने के मामले में जब जिला अस्पताल प्रबंधन से की इस लापरवाही का कारण हम जब हमने स्वास्थ्य विभाग के CMHO से जानना चाहा तो उनका कहना था कि ये लापरवाही तो बड़ी है. लेकिन यह जांच का विषय है कि इतनी बड़ी संख्या में पीपीई किट आई कहां से, इसकी जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.