अशोकनगर। उपचुनाव के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने अपने- अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. ऐसे में अब इन पार्टियों में अंतर कलह भी खुलकर सामने आने लगी है. 12 साल से कांग्रेस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले नेता रमेश इटोरिया ने पार्टी को अपना इस्तीफा दे दिया है, उन्होंने बसपा में शामिल होने की बात कही है. उन्होंने पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और फिर दिग्विजय सिंह पर एससी वर्ग को धोखा देने के आरोप लगाए है.
जल्द ही चुनाव आयोग द्वारा उपचुनाव की तारीखों की घोषणा होनी है, लेकिन जैसे- जैसे उपचुनावों का समय पास आता जा रहा है, सियासी समीकरण भी बदलते जा रहे हैं. पहले भाजपा द्वारा प्रत्याशी घोषित करने के बाद कई नेताओं का कांग्रेस में शामिल होना और अब कांग्रेस पार्टी के द्वारा उम्मीदवार घोषित करने के बाद कई नेता अन्य पार्टियों में अपनी जमीन तलाशने में जुट गए हैं.
12 वर्षों से कांग्रेस पार्टी में सक्रिय भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ नेता एडवोकेट रमेश इटोरिया टिकट आवंटन को लेकर काफी नाराज हैं. उनका कहना है कि, पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और उसके बाद दिग्विजय सिंह ने एससी वर्ग के साथ नाइंसाफी की है और इस धोखे का अंजाम पार्टी को भुगतना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि, कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद अब मैं बसपा ज्वाइन करूंगा. जो उपचुनाव में तीसरे विकल्प का काम करेगी.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए इटोरिया ने बताया कि, 'वर्ष 2013 एवं 18 में कांग्रेस पार्टी द्वारा जो उम्मीदवार बनाया गया था, वह फर्जी प्रमाण पत्र धारी था. एवं कांग्रेस पार्टी द्वारा आज जो उम्मीदवार बनाया गया है, वह भले ही एससी वर्ग की महिला है, लेकिन उसने जैन समाज में शादी कर ली थी. जिसका अनुसूचित जाति के साथ कोई सरोकार नहीं है. उसकी समाज में पकड़ नहीं है, ना ही उसमें नेता के गुण हैं और ना ही किसी पद पर रही हैं'.
इटोरिया का कहना है कि, 'मुझे टिकट मिले या ना मिले, लेकिन कम से कम ऐसे वर्कर जो संघर्ष कर रहे हैं, फील्ड में काम कर रहे हैं, उनकी छाप जनता के बीच में है और उनको हक मिलना चाहिए था. कांग्रेस पार्टी को ऐसे कार्यकर्ता को टिकट देना था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, इसको लेकर दलित समुदाय में काफी रोष है'.