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ओबीसी महासभा ने डिप्टी कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, की ये मांग - Ashoknagar news

अशोकनगर में ओबीसी महासभा के सदस्यों ने बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचकर डिप्टी कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा, साथ ही जल्द मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

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Published : Jul 13, 2020, 4:29 PM IST

अशोकनगर। ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों द्वारा कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रधानमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया. ज्ञापन में महासभा द्वारा 10 बिंदुओं पर शीघ्र शासन द्वारा स्वीकृति दिलाए जाने की मांग की गई है. महासभा के सदस्यों द्वारा कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी भी की गई. ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों ने बताया कि, ओबीसी जाति का वर्चस्व लोकसभा एवं विधानसभा में हो, इसके लिए 353 सीटें आरक्षित की जाएं. इसके साथ ही केंद्र एवं राज्य सरकार के साथ विभागों में ओबीसी के रिक्त पदों के लिए विशेष भर्ती प्रक्रिया की तारीख भी आगे बढ़ाई जाएं.

महासभा के सदस्यों ने शासकीय विभागों के निजीकरण प्रक्रिया को तत्काल बंद करने की मांग भी की है. वहीं मध्य प्रदेश- छत्तीसगढ़ में 54% से अधिक संख्या वाले पिछड़े वर्ग को सरकार द्वारा दिए गए 27 फीसदी आरक्षण के विरुद्ध प्रस्तुति याचिकाओं में शासन का पक्ष मजबूती से रखते हुए आरक्षण लागू कराया जाना सुनिश्चित किए जाने की भी मांग की है. इसके साथ ही महासभा का कहना है कि पिछड़े वर्ग की जातियों के लोगों के साथ देश भर में बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए प्रयास करने चाहिए. महासभा के सदस्यों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि, यदि इन मांगों का शीघ्र निराकरण नहीं होता, तो देश में ओबीसी वर्ग द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा. जिसकी पूर्ण जवाबदारी शासन की होगी.

अशोकनगर। ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों द्वारा कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रधानमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया. ज्ञापन में महासभा द्वारा 10 बिंदुओं पर शीघ्र शासन द्वारा स्वीकृति दिलाए जाने की मांग की गई है. महासभा के सदस्यों द्वारा कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी भी की गई. ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों ने बताया कि, ओबीसी जाति का वर्चस्व लोकसभा एवं विधानसभा में हो, इसके लिए 353 सीटें आरक्षित की जाएं. इसके साथ ही केंद्र एवं राज्य सरकार के साथ विभागों में ओबीसी के रिक्त पदों के लिए विशेष भर्ती प्रक्रिया की तारीख भी आगे बढ़ाई जाएं.

महासभा के सदस्यों ने शासकीय विभागों के निजीकरण प्रक्रिया को तत्काल बंद करने की मांग भी की है. वहीं मध्य प्रदेश- छत्तीसगढ़ में 54% से अधिक संख्या वाले पिछड़े वर्ग को सरकार द्वारा दिए गए 27 फीसदी आरक्षण के विरुद्ध प्रस्तुति याचिकाओं में शासन का पक्ष मजबूती से रखते हुए आरक्षण लागू कराया जाना सुनिश्चित किए जाने की भी मांग की है. इसके साथ ही महासभा का कहना है कि पिछड़े वर्ग की जातियों के लोगों के साथ देश भर में बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए प्रयास करने चाहिए. महासभा के सदस्यों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि, यदि इन मांगों का शीघ्र निराकरण नहीं होता, तो देश में ओबीसी वर्ग द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा. जिसकी पूर्ण जवाबदारी शासन की होगी.

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