अशोकनगर। जिले में क्वारंटाइन और आइसोलेशन सेंटर में फैली अव्यवस्थाओं को लेकर किरकिरी हो रही है, लेकिन अब यह मामला राजनीतिक गलियारों में तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है. ऐसे में एनएसयूआई और युवा कांग्रेस ने प्रशासन को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है, जिसमें सीएचएमओ को जल्द से जल्द निलंबित करने की मांग की गई है.
कोरोना वायरस बढ़ते संक्रमण के बावजूद भी आइसोलेशन और क्वारंटाइन सेंटर में मरीजों की सुविधाओं पर किसी भी तरह का ध्यान नहीं दिया जा रहा है. डाइट के मीनू चार्ट के अनुसार उन्हें भोजन और नाश्ता भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. इन सभी अव्यवस्थाओं को लेकर एनएसयूआई और युवक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रेस वार्ता आयोजन में प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भ्रष्ट सीएमएचओ को जल्द ही निलंबित नहीं किया गया, तो एनएसयूआई और युवा कांग्रेस कार्यकर्ता आंदोलन और प्रदर्शन करेंगे.
स्वास्थ्य विभाग की बड़ी गड़बड़ियों को लेकर जहां बीजेपी के वरिष्ठ नेता चुप्पी साधे हुए हैं, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को उजागर करने में जुटी हुई है. कुछ दिन पहले ही चंदेरी विधायक गोपाल सिंह चौहान द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग को 17 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई थी, जिसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा जरूरी सामग्री मंगाई गई, लेकिन सामग्री की गुणवत्ता घटिया होने के चलते विधायक ने स्वास्थ्य विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद सीएमएचओ जसराम त्रिवेदिया ने यह राशि विधायक को वापस कर दी थी.
एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष सचिन त्यागी ने बताया कि सीएचएमओ के इस रवैया को लेकर बीजेपी का संरक्षण बना हुआ है, लेकिन कांग्रेस ने इस मुद्दे को शुरू से ही उठाया है. उन्होंने बताया कि बीजेपी इस समय उपचुनाव की तैयारियों में लगी हुई है, इसीलिए उनके द्वारा जनता की सुरक्षा का ध्यान तक नहीं रखा जा रहा है.
इस उपचुनाव को लेकर जनता की समस्याओं को दरकिनार किया जा रहा है, उनकी जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. लॉकडाउन के दौरान भी कोई व्यवस्था देखने को नहीं मिल रही है, जिससे यह लगता है कि बीजेपी स्वार्थ की राजनीति कर रही है.
कांग्रेस के एनएसयूआई और युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों ने प्रशासन को 3 दिन का अल्टीमेटम दिया है, जिसमें उन्होंने प्रशासन से लापरवाह सीएचएमओ को निलंबित करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर तीन दिवस में ऐसा नहीं हुआ, तो कांग्रेस धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगी.