अशोकनगर। मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी चंदेरी के अधीक्षण अभियंता दिनेश कुमार जैन ने मानसिक आरोग्यशाला(पागलखाना) अधीक्षक को एक अजीबोगरीब पत्र लिखा है. राजघाट जल विद्युत गृह की अधीक्षण अभियंता दिनेश कुमार जैन अपने ही अधीनस्थ कर्मचारियों से काफी परेशान नजर आ रहे हैं. उन्होंने पत्र में उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे ही विभाग के कर्मचारी स्वयं ही अपने आप को मानसिक रोगी बता कर काम नहीं करते और इधर-उधर घूमते रहते हैं. यह पत्र सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. (Superintending Engineer Letter Viral On Social Media)
स्वयं को बता रहे डिप्रेशन का शिकार: अधीक्षण अभियंता दिनेश कुमार जैन ने लिखा कि, जब उनसे काम करने की बात अधिकारी द्वारा कही जाती है तो वे स्वयं को डिप्रेशन का शिकार होने का बहाना बनाते हैं. आत्महत्या करने की धमकी भी देते हैं. शिकायत भी लिखित रूप से विभाग को करते रहते हैं. इसके अलावा जो भी कर्मचारी इमानदारी पूर्वक काम करते हैं उसे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से भ्रष्टाचारी करार देते हैं. यह भी अफवाह फैला रहे हैं कि जो काम नहीं कर रहा वही सबसे ईमानदार व्यक्ति होता है.
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मानसिक चिकित्सालय के अधीक्षक से मांगी मदद: ऐसे कर्मचारियों से परेशान होकर अधीक्षण अभियंता ने ग्वालियर स्थित मानसिक आरोग्यशाला अधीक्षक को पत्र लिखा है, पत्र को लेकर उनसे पूछा है कि जिन व्यक्तियों के द्वारा विद्युत उत्पादन जैसे महत्वपूर्ण कार्य में अप्रिय स्थिति उत्पन्न कर संयंत्र को क्षति पहुंचाई जा सकती है ऐसी स्थिति में उन कर्मचारियों का मानसिक परीक्षण आपके चिकित्सालय में अगर भर्ती कराना हो तो उसकी क्या प्रक्रिया है. यह बताने का कष्ट करें. यदि रोगी को चिकित्सालय में भर्ती किया जाना है तो विशेष प्रकार के वाहन की व्यवस्था किस विभाग की रहेगी. इनके परीक्षण के लिए किन औपचारिकताओं का कार्यालय को कार्य करना होगा. कृपया मेल एवं दूरभाष के माध्यम से अवगत कराने का कष्ट करें.