अशोकनगर। जिले में समिति संचालकों की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. कलेक्टर के आदेश के बाद भी समिति संचालक खुद के परिवहन का खर्चा बचाने के लिए किसानों को यूरिया खाद लेने के लिए सीधे जिला मुख्यालय वेयरहाउस पर भेज रहे हैं. जिसके कारण किसानों को अतिरिक्त पैसा और समय खर्च कर परेशान होना पड़ रहा है. इस अव्यवस्था के कारण वेयरहाउस प्रबंधक और किसानों के बीच विवाद की स्थिति भी बनती नजर आ रही है.
हाल ही में यूरिया खाद की किल्लत को देखते हुए और किसानों को परेशान ना होना पड़े इसके लिए अशोकनगर कलेक्टर अभय वर्मा ने आदेश जारी किया था कि खाद लेने के लिए किसी भी किसान को जिला मुख्यालय नहीं आना पड़ेगा. जिसके लिए उन्होंने सभी ग्रामीण सोसाइटी पर ही यूरिया खाद उपलब्ध कराने के निर्देश जारी कर दिए थे. जिसके बाद जिला मुख्यालय वेयरहाउस से यूरिया खाद सोसाइटी पर पहुंचना शुरू हो गया है. लेकिन समिति प्रबंधक ने कलेक्टर के आदेश को भी नजरअंदाज करते हुए खुद के परिवहन का खर्चा बचाने का तरीका निकाल लिया. जानकारी के अभाव में किसानों को खुद के पैसे और समय खर्च करने को मजबूर होना पड़ रहा है.
समिति संचालकों द्वारा किसानों को गुमराह कर अशोकनगर जिला मुख्यालय पर भेजकर खाद उठाने की बात कही जा रही है. लेकिन जब किसान मुख्यालय पर बने वेयरहाउस पर पहुंच रहे हैं तो वेयरहाउस प्रबंधक और किसानों में कई बार विवाद की स्थिति बनती नजर आई.
वेयरहाउस पहुंचने पर भी नहीं मिली खाद
बमुरिया निवासी किसान ने बताया कि हमारे समिति के मुंशी धन सिंह ने हमसे कहा कि ट्रैक्टर लेकर जिला मुख्यालय पर चले जाओ वही यूरिया खाद वितरण हो रहा है. हम सात-सात सौ रुपए में दो वाहन लेकर वेयरहाउस पहुंचे हैं. लेकिन फिर भी खाद नहीं मिल सका. ऐसे में किसान की जेब पर अतिरिक्त खर्च लग रहा है. समिति प्रबंधक के सहायक जय सिंह जब वेयरहाउस पहुंचे और उनसे पूछा गया कि किसानों को वेयरहाउस क्यों भेजा जा रहा है, तो उनका कहना था कि हमने किसी से नहीं कहा हमारे किसान तो हमारे साथ आए हुए हैं. लेकिन जब किसानों ने पैसों में वाहन लाने की बात कही तो सहायक अपनी बात से पलट गए और उन्होंने कैमरे के सामने यह कबूल किया कि वह खाद लेने ही नहीं आए बल्कि सिर्फ कागज देने आए हैं.
यूरिया की नहीं है किल्लत
वेयरहाउस प्रबंधक शिवसागर तिवारी ने बताया कि जिले में यूरिया की कोई किल्लत नहीं है. 1200 टन खाद अभी आया है. दो हजार मैट्रिक टन अभी वेयरहाउस में उपलब्ध है. कलेक्टर के माध्यम से एक रैक और आना है, जिसमें तीन हजार मैट्रिक टन खाद आएगा. बाकी किसान परेशान ना हो इसके लिए वेयरहाउस से सीधे सोसाइटी पर खाद पहुंचाया जा रहा है. जहां से किसानों को खाद का वितरण किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि एक बीघा वाले किसान को एक खाद की बोरी, जबकि अधिकतम 20 बोरी तक नियम लागू किया गया है.