अशोकनगर। आजादी के इतने सालों बाद भी देश के गांवों की स्थिति अब भी बदतर बनीं हुई है. आलम ये है की अव्यवस्थाओं से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा ही एक मामला अशोकनगर जिले के टकनेरी गांव का है, जहां एक नन्नू लाल नाम के एक आदिवासी का निधन हो गया, नन्नू लाल के परिजन उसके शव को अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट लेकर पहुंचे तो गांव के दबंगों ने उन्हें अंतिम संस्कार से रोक दिया.
मजबूर परिजनों को खराब रास्ते से अंतिम यात्रा निकालनी पड़ी. इतना ही नहीं ग्रामीण करीब 2 किलोमीटर चलकर मन्नूलाल का अंतिम संस्कार करने पहुंचे. जिस जगह ग्रामीणों को अंतिम संस्कार के लिए शासन द्वारा जगह आवंटित कराई गई थी उस जगह पर गांव के दबंगों ने कब्जा कर उसमें गेहूं की फसल की बावनी कर दी. शव लेकर पहुंचे ग्रामीणों के पास अंतिम संस्कार करने की कोई व्यवस्था नहीं थी. इस बात से नाराज होकर ग्रामीणों ने हंगामा करते हुए जमकर प्रदर्शन किया. मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर प्रशासनिक अमला भी पहुंच गया जिसके बाद काफी समझाइश के बाद अंतिम संस्कार किया गया.
अंतिम संस्कार को लेकर पहले भी हो चुका है विवाद
ग्रामीणों ने बताया की 2 साल पहले भी ऐसा ही एक विवाद हुआ था. अधिकारियों ने उस समम शमशान घाट बनाने की बात कही थी लेकिन आज तक गांव में अभी तक निर्माण नहीं हो सका है.
वहीं मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने तुरंत जेसीबी बुलाकर कब्जा हटवाया और सरपंच सचिव को निर्देशित करते हुए कहा 7 दिन के अंदर शमशान घाट तैयार किया जाए.