अशोकनगर। लोकायुक्त टीम ने बताया कि बाबू सिंह दांगी ने बहादुरपुर तहसील में दो बीघा जमीन खरीदी थी. जिसके नामांतरण के एवज में पटवारी राजेश श्रीवास्तव ने 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी. जिसकी शिकायत किसान ने लोकायुक्त टीम से की. बुधवार सुबह ग्वालियर लोकायुक्त टीम मुंगावली स्थित पटवारी के शासकीय आवास पर पहुंची, जहां पटवारी को रुपयों का लेनदेन करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया. ग्वालियर से आई 15 सदस्यीय टीम ने इस मामले को ट्रैप किया.
अब तक 1 लाख की रिश्वत दी : दरअसल, सागर निवासी किशन बाबू डांगी पिछले तीन माह में लगभग1 लाख रुपये की रिश्वत दे चुका है. पूर्व में उसने 32 बीघा जमीन के नामांतरण के बदले में एक लाख रुपए की रिश्वत दी थी. किसान ने बताया कि केसीसी बंधक बनवाने के बदले में भी पटवारी ने उससे पैसे लिए थे. जिससे परेशान होकर उसमें पटवारी की शिकायत ग्वालियर लोकायुक्त से की थी. हाल ही में पटवारी ने बहादुरपुर तहसील के नानौटी गांव में जमीन खरीदी थी, और वह दो बीघा जमीन के नामांतरण के लिए पटवारी के पास गया था.
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रिश्वत लेते ही दबोचा : जमीन का नामांतरण के एवज में पटवारी ने किसान से 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी. इसके बाद लोकायुक्त टीम के अनुसार व्यूह रचना तैयार कर किसान को पटवारी के पास पैसे देने के लिए उसके आवास पर पहुंचा. तभी अचानक लोकायुक्त टीम ने पटवारी को रुपए का लेनदेन करते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया. फिलहाल पटवारी से पूछताछ की जा रही है. बता दें कि मध्यप्रदेश में लोकायुक्त की लगातार कार्रवाई के बाद भी अफसर व कर्मचारी नहीं सुधर रहे हैं.