अनूपपुर। जिले के बिजुरी थाना अंतर्गत थाना प्रभारी की प्रताड़ना से तंग आकर रामचंद्र अग्रवाल ने खुद को आग के हवाले कर दिया. जिसके बाद सोमवार को पुलिस अधीक्षक के पास पीड़ित रामचंद्र अग्रवाल की पत्नी अपनी फरियाद लेकर पहुंची. जहां उसने बताया की कलेक्टर के निर्देशानुसार उसके पति रामचंद्र अग्रवाल ने घर में ही संलग्न दुकान को 23 मार्च को लॉकडाउन की अवधि में निर्धारित समय अनुरूप खोला था और दोपहर 2 बजे बंद कर दिया था. इसके बाद लगभग 3 बजे बेटी को साथ लेकर अपने पिता के लिए दवाई लेने पास के ही मेडिकल स्टोर जा रहे थे, तभी मृतक को नगर निरीक्षक बिजुरी संजय पाठक ने रोक लिया और उसके साथ गाली-गलौज करना शुरु कर दिया. इसके बाद मारपीट कर थाने ले गए.
इस घटना के बाद मृतक की पुत्री ने घर आकर सारी बात बताई, जिसके बाद पुलिस ने रामचंद्र अग्रवाल को मारपीट कर लगभग शाम 7 बजे छोड़ दिया. फरियादी महिला ने बताया कि उसके पति ने घर आकर डंडे से मारने के निशान दिखाए और उसके दोनों गालों पर थप्पड़ मारने से लाल निशान बन गए थे.
दूसरी बार दी धमकी
फरियादी महिला ने बताया कि 25 मार्च को पुलिस वालों ने उसके पति को दोबारा धमकी दी. मृतक लगभग दोपहर 12 बजे घर से दुकान का सामान लेने गया था, उसी समय नगर निरीक्षक संजय पाठक ने उसके साथ गाली-गलौज की. जिसके बाद पीड़ित युवक को काफी ग्लानि महसूस हुई और वो घर आकर अपने कमरे में चला गया.
महिला ने बताया कि जब वो काम में व्यस्त थी उसी दौरान रामचंद्र अग्रवाल ने अपने ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली, जब उसके चिल्लाने की आवाज आई तो सारे मोहल्ले के लोग दरवाजा खोलकर कमरे में गए, जिसके बाद कंबल से आग बुझाई और घायल को अस्पताल ले जाया गया. जहां से उसे रेफर कर दिया गया, जिसके बाद रात करीब 8 बजे उसकी मौत हो गई.
पीड़ित महिला ने पुलिस अधीक्षक किरण लता को शिकायत करते हुए कहा कि उसके 2 छोटे बच्चे हैं. उनका भरन-पोषण का एकमात्र आधार उनके पति ही थे. महिला के सामने जीवन यापन का संकट उत्पन्न हो गया है. पुलिस अधीक्षक ने महिला की शिकायत लेते हुए जांच कराने का भरोसा दिया और दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.