जबलपुर। अनूपपुर बिजुरी निवासी नीलिमा शुक्ला, अमित कुमार पांडे, अंकित पांडे व रेणुका शुक्ला सहित सात लोगों की तरफ से कलेक्टर द्वारा 15 मार्च 2019 को पारित आदेश को चुनौती दी गई थी. इसमें उन्होंने भूमि अधिग्रहण के मुआवजे के भुगतान पर रोक लगा दी थी. याचिका में कहा गया कि उनकी भूमि साउथ ईस्टन कोल फील्ड लिमिटेड (एसईसीएल) ने अधिग्रहीत की थी. अधिग्रहण के बाद कुछ लोगों ने कोतमा व्यवहार न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया, जहां से उन्हें स्थगन प्राप्त नहीं हुआ.
कोर्ट पहुंचा मामला : इसके बाद उन्होंने अनपूपुर कलेक्टर के समक्ष आवेदन दिया. कलेक्टर ने बिना किसी प्रावधान के मुआवजे के भुगतान पर रोक लगा दी. मामले में एक सितंबर 2023 को हुई सुनवाई दौरान न्यायालय ने कलेक्टर को व्यक्तिगत रूप से शपथ पत्र पर यह बताने के निर्देश दिये थे कि उन्होंने किस प्रावधान में यह स्थगन जारी किया. कलेक्टर ने पीड़ित पक्ष को यह नहीं बताया कि ऐसा क्यों किया जा रहा है.
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कलेक्टर ने गलती स्वीकारी : याचिका पर मंगलवार को सुनवाई दौरान कलेक्टर अनूपपुर आशीष वशिष्ट ने शपथ पत्र में स्वीकारा कि उक्त स्थगन आदेश उनके क्षेत्राधिकार से बाहर है. जिस पर न्यायालय ने उन पर 25 हजार की कॉस्ट अधिरोपित करते हुए उनका 15 मार्च 2019 का आदेश निरस्त कर दिया. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विकास महावर ने पक्ष रखा. फैसले के बाद याचिका दायर करने वाले पक्ष ने संतोष जताया.