अनूपपुर। मजदूरी की मांग को लेकर मजदूरों ने वन मंडल कार्यालय में जाकर 2 दिनों से डेरा डाल दिया है. मजदूरों का आरोप है कि वन विभाग अमरकंटक के डिप्टी रेजर और नाकेदार के द्वारा बुलवाकर करीब डेढ़ माह तक अमरकंटक के जालेश्वर मार्ग में पौधरोपण हेतु झाड़ियों की साफ सफाई के साथ ही गड्ढों की खुदाई करवाई गई. यहां काम पर बुलवाने के दौरान कहा गया था कि नगद भुगतान किया जाएगा और खाने-पीने तथा ठहरने की उचित व्यवस्था रहेगी.
अमरकंटक में वन विभाग ने कराया काम : 50 से अधिक महिला, पुरुष और बच्चे उमरिया जिले से काम करने अमरकंटक आए. काम पूरा करा लिया गया, जब भुगतान की बारी आई तो खाते में भुगतान कराए जाने की बात कहीं गई, वह भी प्रोजेक्ट के तहत जो शासन का मानदेय निर्धारित होगा, वह दिया जाएगा. मजदूरों ने कहा कि यदि पहले ही कह दिया गया होता तो वह खाता की जानकारी लेकर आते. खाने पीने के लिए उनके पास रुपए नहीं है और ना ही कोई राशन है.
वापस घर जाना है लेकिन रुपए नहीं हैं : वन विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों ने उन्हें गुमराह करके काम करा लिया. अब भुगतान देने में टालमटोल कर रहे हैं. साथ ही धमकी दे रहे हैं कि हम अपने अनुसार ही भुगतान करेंगे. बताया गया 60 गुणे 60 के 18 हजार 320 और 30 गुणे 30 के 34 हजार 413 गड्ढे सभी मजदूरों ने मिलकर तैयार किए हैं. वन अधिकारी डॉ एए अंसारी ने बताया कि अनूपपुर जिले के अमरकंटक क्षेत्र का मामला है जहां कल मजदूरों ने कलेक्टर परिसर गए थे. जिला श्रम अधिकारी मिलकर पंचनामा तैयार किया गया. साथ ही मजदूरों द्वारा दबाव या बनाया जा रहा है कि नगद मजदूरी का भुगतान करें, परंतु वन विभाग में मजदूरी भुगतान का प्रावधान केवल बैंक के माध्यम से ही होता है. (Laborers camped in Anuppur forest office) (Laborers camped for pay wages)