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Corruption Case Anuppur MP : करोड़ों के भ्रष्टाचार मामले में विभागीय जांच पूरी, हाईकोर्ट में सुनवाई अब चार सप्ताह बाद - अनूपपुर की बिजुरी नगर परिषद में करोड़ों का भ्रष्टाचार

अनूपपुर जिले की आदिवासी बाहुल्य बिजुरी नगर परिषद में करोड़ों के भ्रष्टाचार संबंधी मामले में सरकार की ओर से हाईकोर्ट में कहा गया कि उक्त मामले की विभागीय जांच पूरी हो गई है. फाइनल रिपोर्ट पेश करने उन्हें कुछ मोहलत प्रदान की जाए. युगलपीठ ने सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है. (Departmental investigation complete) (Investigation crores of corruption case) (Hearing in High Court after four weeks)

Corruption worth crores in Bijuri Municipal Council
अनूपपुर की बिजुरी नगर परिषद में करोड़ों का भ्रष्टाचार
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Published : Aug 2, 2022, 5:50 PM IST

जबलपुर। अनूपपुर जिले के बिजुरी निवासी राजेश द्विवेदी की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि बिजुरी नगर परिषद अविकसित है और बहुसंख्यक आबादी आदिवासी है. नगर परिषद बिजुरी द्वारा एवं अन्य अधिकारियों की संरक्षण में 50 करोड़ रुपये की राशि से अधिक का भ्रष्टाचार होने संबंधित खबर अखबार में प्रकाशित हुई थी. इसके बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की. नगर परिषद बिजुरी द्वारा नागरिकों को पीने के लिए काला पानी और गुणवत्ता विहीन सड़क, मनमाने तरीके से बिल बनाकर सरकार के खाते से भुगतान जैसे अनेक कार्यो में अनियमितताएं पाई गयी थीं.

ऑडिट रिपोर्ट्स में भ्रष्टाचार उजागर : पूर्व में किये गए ऑडिट रिपोर्ट्स में भी नगर परिषद बिजुरी द्वारा बड़े भ्रष्टाचार को उजागर किया गया था. भ्रष्टाचार और आदिवासियों के डेवलपमेंट के लिए दी गई राशि का दुरुपयोग होते देखकर इस संबंध में कई बार संचालक शहरी प्रशासन और विकास निदेशालय भोपाल मप्र तथा सह संचालक शहरी प्रशासन और विकास निदेशालय शहडोल एवं आर्थिक अपराध शाखा भोपाल को पत्र लिखे गये. जिस पर जांच के आदेश हुए और भ्रष्टाचारी होने के संबंध में जांच प्रतिवेतन भी प्रस्तुत किये गये. इसके बावजूद भी दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी.

Corruption Case Anuppur MP : अनूपपुर में करोड़ों के भ्रष्टाचार के मामले में हाई कोर्ट में सरकार ने पेश की स्टेटस रिपोर्ट

पिछली बार सुनवाई में रखा था पक्ष : पिछली सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया था कि जांच में कुल 26 व्यक्तियों को दोषी पाये गये हैं. इसमें 18 विभागीय व्यक्तियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिये हैं. दोषी अन्य व्यक्तियों के खिलाफ उनके वरिष्ठ अधिकारी को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है. इसके अलावा तत्कालीन अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा राज्य सरकार से की गयी है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता धीरज कुमार तिवारी ने पक्ष रखा. (Departmental investigation complete) (Investigation crores of corruption case) (Hearing in High Court after four weeks)

जबलपुर। अनूपपुर जिले के बिजुरी निवासी राजेश द्विवेदी की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि बिजुरी नगर परिषद अविकसित है और बहुसंख्यक आबादी आदिवासी है. नगर परिषद बिजुरी द्वारा एवं अन्य अधिकारियों की संरक्षण में 50 करोड़ रुपये की राशि से अधिक का भ्रष्टाचार होने संबंधित खबर अखबार में प्रकाशित हुई थी. इसके बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की. नगर परिषद बिजुरी द्वारा नागरिकों को पीने के लिए काला पानी और गुणवत्ता विहीन सड़क, मनमाने तरीके से बिल बनाकर सरकार के खाते से भुगतान जैसे अनेक कार्यो में अनियमितताएं पाई गयी थीं.

ऑडिट रिपोर्ट्स में भ्रष्टाचार उजागर : पूर्व में किये गए ऑडिट रिपोर्ट्स में भी नगर परिषद बिजुरी द्वारा बड़े भ्रष्टाचार को उजागर किया गया था. भ्रष्टाचार और आदिवासियों के डेवलपमेंट के लिए दी गई राशि का दुरुपयोग होते देखकर इस संबंध में कई बार संचालक शहरी प्रशासन और विकास निदेशालय भोपाल मप्र तथा सह संचालक शहरी प्रशासन और विकास निदेशालय शहडोल एवं आर्थिक अपराध शाखा भोपाल को पत्र लिखे गये. जिस पर जांच के आदेश हुए और भ्रष्टाचारी होने के संबंध में जांच प्रतिवेतन भी प्रस्तुत किये गये. इसके बावजूद भी दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी.

Corruption Case Anuppur MP : अनूपपुर में करोड़ों के भ्रष्टाचार के मामले में हाई कोर्ट में सरकार ने पेश की स्टेटस रिपोर्ट

पिछली बार सुनवाई में रखा था पक्ष : पिछली सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया था कि जांच में कुल 26 व्यक्तियों को दोषी पाये गये हैं. इसमें 18 विभागीय व्यक्तियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिये हैं. दोषी अन्य व्यक्तियों के खिलाफ उनके वरिष्ठ अधिकारी को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है. इसके अलावा तत्कालीन अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा राज्य सरकार से की गयी है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता धीरज कुमार तिवारी ने पक्ष रखा. (Departmental investigation complete) (Investigation crores of corruption case) (Hearing in High Court after four weeks)

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