अनूपपुर। बिलासपुर-कटनी रेलखंड अंतर्गत वेंकटनगर-निगौरा स्टेशन के पास बिलासपुर की ओर से आ रही कोयले से लदी 58 बोगियों की मालगाड़ी 9 जुलाई की शाम दुर्घटनाग्रस्त होकर अलान नदी पुल क्रमांक 81 के 30 फीट नीचे गिर गई थी, साथ ही 10 बोगी पुल के ऊपर क्षतिग्रस्त हो गई थी, सूचना मिलते ही बिलासपुर रेल मंडल के सैकड़ों अधिकारी सहित कर्मचारी मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में जुट गया था, 10 जुलाई को क्षतिग्रस्त रेल ट्रैक को सुधारने सहित क्षतिग्रस्त बोगियों को ट्रैक से हटाने का काम दिन-रात चलता रहा.
निरीक्षण करने पहुचे अधिकारी
बिलासपुर मंडल डीआरएम अलोक सहाय सहित वरिष्ठ अधिकारी राहत कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे, उन्होंने जांच के बाद नुकसान के आंकलन की बात कही है, फिलहाल तीसरी लाइन में ट्रेनों का परिचालन आंशिक रूप से प्रभावित है, जिसके कारण दूसरी रेल लाइन से मालगाड़ी और सवारी गाडियों का परिचालन किया जा रहा है.
यह है घटना का मुख्य कारण
बताया जा रहा है, कि रेलवे ट्रैक में दरारें पड़ गई थी, इस वजह से ये हादसा हुआ है, हलांकि इसकी पुष्टि वरिष्ठ अधिकारियों ने नहीं की है, लेकिन रेलवे सूत्रों का कहना है कि हादसे का मुख्य कारण पटरी मेंटनेंस की अनदेखी है, सम्भावना है कि चालक ने पुल से 50 मीटर पहले पटरी पर दरारे देखने के बाद इमरजेंसी ब्रेक लगाया, लेकिन तब तक मालगाड़ी पुल पर पहुंच गई, और इंजन सहित 3 डिब्बों को छोड़कर 15 वैगन पुल के नीचे गिर गए.
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रेल लाइन का काम समय सीमा में पूरा होने पर रेल मंत्री ने की थी सराहना
बिलासपुर-अनूपपुर सेक्शन पर पेंड्रा से निगौरा रेलवे स्टेशन के बीच 26 किमी तक तीसरी लाइन बिछाने का काम कोविड-19 के पहले चरण के दौरान ही पूरा हुआ था, तीसरी रेल लाइन के ट्रायल के बाद तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 8 अगस्त 2020 को अपने ट्वीटर एकाउंट से कोविड-19 के चलते तीसरी रेल लाइन बिछाने का काम समय से पहले पूरा होने पर तरीफ की थी.
बता दें कि 11 माह बाद इसी तीसरी रेल लाइन में कोयले से लदी मालगाड़ी दुर्घटना ग्रस्त होकर पुल के नीचे गिर गई, डीआरएम बिलासपुर अलोक सहाय ने बताया कि दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है.