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अनूपपुर: वॉटर सप्लाई के लिए बड़ी योजना का सहारा

जल जीवन मिशन के तहत जल आपूर्ति के लिए कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर ने बैठक ली. कलेक्टर ने ग्राउन्ड वॉटर रिचार्ज और जल प्रदाय योजना बनाने के दिए निर्देश.

big plans instead of small water supply schemes
छोटी-छोटी जल प्रदाय योजनाओं की जगह बड़ी योजनाएं बनाने का प्रस्ताव
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Published : Mar 3, 2021, 7:08 PM IST

अनूपपुर। जिले के कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर ने जल जीवन मिशन के तहत जल आपूर्ति के लिए बैठक ली. कलेक्टर ने बैठक में कहा कि, ग्राउंड वॉटर की छोटी-छोटी जल प्रदाय योजनाएं बनाने की बजाय बेहतर होगा कि उनकी जगह बड़ी-बड़ी योजनाएं बनाई जाएं.

कलेक्टर ने दिए सुझाव

कलेक्टर ने साफ किया कि जल जीवन मिशन के तहत ग्राउण्ड वाटर की छोटी जल परियोजनाओं से लंबा लाभ नहीं लिया जा सकता. बड़ी जल परियोजनाओं से ही काफी हद तक लाभ उठाया जा सकता है. यह काम जल निगम को देने का सुझाव दिया गया. जल निगम अगर यह काम नहीं कर पाता है तो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को इन परियोजनाओं का काम दिया जाएगा. इससे बीस साल तक के जल प्रदाय का इंतजाम हो जाएगा और अगले कई सालों के लिए जल संकट की स्थिति से निपटा जा सकता है.

बिजली कम्पनी के संभागीय यंत्री को दिये निर्देश

ग्राम पंचायतों में नल-जल योजनाओं के बढ़े हुए बिजली के बिल का मामला भी सामने आया. कलेक्टर ने इस समस्या के समाधान के लिए बिजली कम्पनी के संभागीय यंत्री को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बिजली बिल की वास्तविक वसूली योग्य राशि की वसूली की जाए. जिससे नल-जल योजनाएं बिना रुके चलती रही. कलेक्टर ने इस तरह के बिजली बिलों का आंकलन करने के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिए.

स्कूल और आंगनबाड़ी में रखे नजर

कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी ने स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में जल प्रदाय योजनाओं के चल रहे कार्यों को रेखांकित करते हुए बताया कि अभी 352 स्कूलों में जल प्रदाय योजनाओं पर काम चल रहा है. जबकि 214 आंगनबाड़ी केन्द्रों में यह कार्य शुरु हो गया है. ग्राम पंचायतें आधी-अधूरी नल जल योजनाओं का संचालन नहीं करती हैं. कलेक्टर ने सीमित खर्चे पर ग्राम पंचायत स्तर पर बेहतर ढंग से नल जल योजनाएं चलाने पर जोर दिया.

अनूपपुर। जिले के कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर ने जल जीवन मिशन के तहत जल आपूर्ति के लिए बैठक ली. कलेक्टर ने बैठक में कहा कि, ग्राउंड वॉटर की छोटी-छोटी जल प्रदाय योजनाएं बनाने की बजाय बेहतर होगा कि उनकी जगह बड़ी-बड़ी योजनाएं बनाई जाएं.

कलेक्टर ने दिए सुझाव

कलेक्टर ने साफ किया कि जल जीवन मिशन के तहत ग्राउण्ड वाटर की छोटी जल परियोजनाओं से लंबा लाभ नहीं लिया जा सकता. बड़ी जल परियोजनाओं से ही काफी हद तक लाभ उठाया जा सकता है. यह काम जल निगम को देने का सुझाव दिया गया. जल निगम अगर यह काम नहीं कर पाता है तो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को इन परियोजनाओं का काम दिया जाएगा. इससे बीस साल तक के जल प्रदाय का इंतजाम हो जाएगा और अगले कई सालों के लिए जल संकट की स्थिति से निपटा जा सकता है.

बिजली कम्पनी के संभागीय यंत्री को दिये निर्देश

ग्राम पंचायतों में नल-जल योजनाओं के बढ़े हुए बिजली के बिल का मामला भी सामने आया. कलेक्टर ने इस समस्या के समाधान के लिए बिजली कम्पनी के संभागीय यंत्री को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बिजली बिल की वास्तविक वसूली योग्य राशि की वसूली की जाए. जिससे नल-जल योजनाएं बिना रुके चलती रही. कलेक्टर ने इस तरह के बिजली बिलों का आंकलन करने के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिए.

स्कूल और आंगनबाड़ी में रखे नजर

कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी ने स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में जल प्रदाय योजनाओं के चल रहे कार्यों को रेखांकित करते हुए बताया कि अभी 352 स्कूलों में जल प्रदाय योजनाओं पर काम चल रहा है. जबकि 214 आंगनबाड़ी केन्द्रों में यह कार्य शुरु हो गया है. ग्राम पंचायतें आधी-अधूरी नल जल योजनाओं का संचालन नहीं करती हैं. कलेक्टर ने सीमित खर्चे पर ग्राम पंचायत स्तर पर बेहतर ढंग से नल जल योजनाएं चलाने पर जोर दिया.

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