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भागवत दिखावे का नहीं, ज्ञान प्रसारित करने का है माध्यम: व्यास कृष्ण वेणु

अनूपपुर की कोतमा तहसील में भागवत कथा का आयोजन किया गया. यहां कथावाचक व्यास कृष्ण वेणु प्रवचन देने के लिए शामिल हुए.

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Published : Sep 20, 2019, 9:37 AM IST

अनूपपुर। कोतमा तहसील में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है. कथा वाचक श्रद्धेय व्यास कृष्ण वेणु ने कहा कि प्रेम से बढ़कर धर्म और धन कोई नहीं है. प्रेम ही जीवन की असीम संपत्ति है, जो कि किसी से छीनने पर नहीं मिलती न मांगने पर मिलती है, वह हमेशा देने पर दोगुनी मिलती है.

कथावाचक कृष्ण वेणु ने कहा कि कथा दिखावे, आडम्बर और तामझाम के लिए नहीं है, बल्कि ज्ञान को प्रसारित करने और जीवन को मोक्ष दिलाने का एक माध्यम है. भागवत कथा में होने वाले विभिन्न खर्चों को बचाकर किसी जरूरतमंद की मदद करना सबसे बड़ा पुण्य का काम है. साथ ही रूक्मिणी विवाह में आए नकदी, आभूषण और उपहारों को किसी गरीब कन्या को देने का आग्रह किया.

कोतमा में भागवत कथा का आयोजन

कथावाचक कृष्ण वेणु का अनुशरण करते हुए भजन गायक संदीप शिवहरे ने उनके सहयोगी रहे स्वर्गीय रवि गुप्ता की बेटियों के नाम पर एफडी के 26-26 हजार रुपए दिए. व्यास श्री कृष्ण वेणु ने भी रुक्मिणी विवाह में प्राप्त सभी सामान, नगद और आभूषण को उन बच्चियों को दान कर दिए.

उन्होंने कहा कि हर भागवत आयोजक और व्यास गद्दी में विराजित भागवताचार्य यह संकल्प ले ले, तो हर रुक्मिणी विवाह में एक निर्धन कन्या का उद्धार सम्भव है और आयोजक को भी सात दिवसीय भागवत कथा सुनने और इस दान से पुण्य फल की निश्चित प्राप्ति होगी और समाज में एक जनचेतना भी आएगी.

अनूपपुर। कोतमा तहसील में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है. कथा वाचक श्रद्धेय व्यास कृष्ण वेणु ने कहा कि प्रेम से बढ़कर धर्म और धन कोई नहीं है. प्रेम ही जीवन की असीम संपत्ति है, जो कि किसी से छीनने पर नहीं मिलती न मांगने पर मिलती है, वह हमेशा देने पर दोगुनी मिलती है.

कथावाचक कृष्ण वेणु ने कहा कि कथा दिखावे, आडम्बर और तामझाम के लिए नहीं है, बल्कि ज्ञान को प्रसारित करने और जीवन को मोक्ष दिलाने का एक माध्यम है. भागवत कथा में होने वाले विभिन्न खर्चों को बचाकर किसी जरूरतमंद की मदद करना सबसे बड़ा पुण्य का काम है. साथ ही रूक्मिणी विवाह में आए नकदी, आभूषण और उपहारों को किसी गरीब कन्या को देने का आग्रह किया.

कोतमा में भागवत कथा का आयोजन

कथावाचक कृष्ण वेणु का अनुशरण करते हुए भजन गायक संदीप शिवहरे ने उनके सहयोगी रहे स्वर्गीय रवि गुप्ता की बेटियों के नाम पर एफडी के 26-26 हजार रुपए दिए. व्यास श्री कृष्ण वेणु ने भी रुक्मिणी विवाह में प्राप्त सभी सामान, नगद और आभूषण को उन बच्चियों को दान कर दिए.

उन्होंने कहा कि हर भागवत आयोजक और व्यास गद्दी में विराजित भागवताचार्य यह संकल्प ले ले, तो हर रुक्मिणी विवाह में एक निर्धन कन्या का उद्धार सम्भव है और आयोजक को भी सात दिवसीय भागवत कथा सुनने और इस दान से पुण्य फल की निश्चित प्राप्ति होगी और समाज में एक जनचेतना भी आएगी.

Intro:सांसारिक दुखों से मुक्ति चाहिए तो श्रीहरि से मित्रता करिए। सच्चा मित्र वही है जो अपने मित्र को विपत्ति में साथ दे। उसे अपने से नीचा रखने के बजाय समकक्ष बनाने का प्रयास करे। अनूपपुर जिले के कोतमा नगर स्थित पुराने अस्पताल में श्रीमद्भागवत कथा के कथा वाचक श्रद्धेय व्यास श्री कृष्ण वेणु ने वर्णन किया। कहा कि प्रेम से बढ़कर धर्म और धन कोई नहीं है प्रेम ही जीवन की असीम संपत्ति है जो कि किसी से छीनने पर नहीं मिलती न मांगने पर मिलती है वह हमेशा देने पर दुगनी प्राप्त होती है


कृष्ण और रुक्मिणी विवाह से आयोजक ले एक निर्धन कन्या के विवाह कराने का संकल्प--


भागवत कथा के प्रथम दिन से ही कथा को एक सामाजिक चेतना जगाने का मॉध्यम बताते हुए व्यास श्री कृष्ण वेणु ने दिखावे, आडम्बर, व ताम झाम से परिपूर्ण कथा का विरोध किया उनका कहना है कि भागवत ग्रंथ ज्ञान को प्रसारित करने और जीवन को मोक्ष दिलाने का एक मॉध्यम भागवत कथा है।जिसमे सिर्फ भागवत में वर्णित कथाओं का ही वर्णन होना चाहिए न कि बाहर के प्रसंगों का,साथ ही भजन की श्रृंखला और झांकियों के ताम झाम से श्रोताओं को खुस करने का मॉध्यम भागवत नही है।भागवत कथा में होने वाले विभिन्न खर्चों को बचाकर किसी जरूरत मन्द इंसान को दान करना ज्यादा पूण्य का काम बताये।कथा के छठवें दिन व्यास श्री कृष्ण रेणु ने रुक्मणि विवाह में पौ पखरी में प्राप्त समस्त उपहारों नगदी,व आभूषण को किसी गरीब कन्या के विवाह हेतु दान करने का संदेश दिए।जिसका अनुशरण करते हुए भजन गायक संदीप शिवहरे ने संगीत कार्य मे उनके सहयोगी रहे स्व,रवि गुप्ता के बच्चियों के विवाह में सहयोग हेतु पहले से मन से संकल्पित थे।रवि गुप्ता जो कला जगत का एक अच्छा कलाकार था जो महज 30 साल की उम्र में ही गुजर गए थे।उनकी दो छोटी बच्चियां है।उन बच्चियों के भविष्य को लेकर चिंतित कला जगत के समस्त कलाकार और भजन गायक संदीप शिवहरे ने दोनों बच्चियों के नाम नगद राशि 26/26 हजार रुपये नव्या गुप्ता और सिमरन गुप्ता के नाम की एफ डी उनकी माँ को शालू गुप्ता को दिए व व्यास श्री कृष्ण वेणु ने रुक्मिणी विवाह में प्राप्त समस्त सामग्रियों,नगदी व आभूषण को उन बच्चियों को दान कर दिए।


Body:इस तरह व्यास गद्दी से एक सामाजिक संदेश देने का कार्य किये की कन्या के विवाह हेतु दान कन्या दान के बराबर पूण्य फलदायी है। यदि हर भागवत आयोजक व व्यास गद्दी में विराजित भागवताचार्य यह संकल्प लेले तो हर रुक्मिणी विवाह में एक निर्धन कन्या का उद्धार सम्भव है और आयोजक को भी सात दिवसीय भागवत कथा सुनने और इस दान से पूण्य फल की निश्चित प्राप्ति होगी और समाज मे एक जनचेतना भी जाग्रत होगी।

बाइट:- व्यास श्री कृष्ण वेणु Conclusion:
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