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अनूपपुर की बेटी चम्पा सिंह करेंगी PM मोदी से संवाद, कल होगा विशेष कार्यक्रम का आयोजन - महिला स्वसहायता समूह कार्यक्रम में जुड़ेंगे मोदी

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वसहायता समूह के सदस्यों से संवाद करेंगे. इस दौरान अनूपपुर की चम्पा सिंह को प्रधानमंत्री मोदी से बात करने का अवसर प्राप्त होगा.

champa singh will interact with pm modi
चम्पा सिंह करेंगी PM मोदी से संवाद
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Published : Aug 11, 2021, 7:20 PM IST

अनूपपुर। प्रधानमंत्री महिला नारी सशक्तिकरण के संबंध में बेहतरीन कार्य करने वाले स्वसहायता समूह के सदस्यों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 अगस्त को संवाद करेंगे. अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ निवासी कृष्णा स्वसहायता समूह की चम्पा सिंह को प्रधानमंत्री से बात करने का अवसर मिलेगा. प्रधानमंत्री से संवाद का यह कार्यक्रम गुरुवार दोपहर 12ः30 बजे शुरू होगा. प्रधानमंत्री से संवाद के लिए मध्य प्रदेश से चुनी गईं चम्पा सिंह राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वसहायता समूह में कार्य कर रही हैं.

संघर्षपूर्ण रहा चम्पा सिंह की जीवन

चम्पा सिंह का जन्म एक बेहद ही गरीब परिवार में अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ विकासखण्ड के ग्राम सोनियामार में हुआ. मात्र 12 साल की उम्र में ही उनके पिता का निधन हो गया. आर्थिक समस्या को देखते हुए चम्पा सिंह ने अपनी मां के साथ काम में हाथ बंटाना शुरू कर दिया, इस वजह से उन्हें पढ़ाई भी छोड़नी पड़ गई. कक्षा 8वीं तक ही वह पढ़ाई कर सकीं. उनके घर में मां और दो छोटे भाई हैं. घर में भाईयों के बड़े होने के कारण उनकी शादी हो गई, जिससे वह अलग जीवन निर्वाह करने लगे. चम्पा और उनकी मां भाईयों से अलग हो गईं. जिसके बाद चम्पा की जिम्मेदारियां और भी ज्यादा बढ़ गईं.

champa singh will interact with pm modi
चम्पा सिंह करेंगी PM मोदी से संवाद

समय गुजरता गया और चम्पा की शादी पास के ही गांव में हो गई. कुछ समय बाद अचानक ही एक दिन चम्पा के पति का निधन हो गया. काफी उतार-चढ़ाव के बीच चम्पा अपने घर पर अपनी मां के साथ आकर रहने लगीं. जीवन में आए तमाम दुखों के बावजूद वह संघर्ष करती रहीं, और आजीविका मिशन से जुड़कर उन्होंने गांव की अन्य महिलाओं को जोड़ा और एक समूह का गठन किया.

चम्पा सिंह ने धीरे-धीरे बचत कर समूह को आगे बढ़ाया. समूह निर्माण के पश्चात चम्पा ने बुक कीपर का कार्य शुरू कर दिया, जिससे थोड़ी आमदनी हो जाया करती थी. लेकिन इसके बाद भी वह अपनी और परिवार की छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रही थी. उन्होंने और आगे बढ़कर आय के साधन जुटाने के लिए समूह के माध्यम से सिलाई का प्रशिक्षण प्राप्त किया. कृषि सखी के रूप में भी प्रशिक्षण प्राप्त किया.

ऐसे मिला चम्पा को अवसर

चम्पा सिंह को हरियाणा राज्य के झज्जर विकासखण्ड में कार्य करने को मौका मिला. जिसमें उन्होंने 15 कार्य दिवस पूर्ण किए. इसके बदले में मानदेय के रूप में 11600 रुपए प्राप्त हुए, जो चम्पा के जीवन की सबसे बड़ी कमाई थी. इसके अलावा अन्य राज्य उत्तरप्रदेश में 3 बार, हमीरपुर एवं जालौन जिलों में रहकर कार्य करने का मौका मिला. चम्पा ने कृषि सखी के रूप में 6 बार अलग-अलग स्थानों पर प्रशिक्षण प्राप्त किया. वह लगभग 5500 परिवारों को कम लागत, कृषि तकनीक और जैविक कृषि का प्रशिक्षण प्रदान कर चुकी हैं.

3 दिन तक रामराजा सरकार के दर्शन नहीं कर पाएंगे भक्त, जिला प्रशासन ने जारी किए आदेश

आजीविका मिशन से चल पड़ी जीविका

चम्पा सिंह वर्तमान में आजीविका मिशन के अंतर्गत मास्टर कृषि के साथ-साथ समूह सदस्यों की आजीविका में जैविक कृषि और भूमि सुधार कार्यक्रमों के माध्यम से अभिवृद्धि हेतु कार्यरत स्वयंसेवी संस्था सृजन के साथ भी कार्य कर रही हैं. जहां से उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है. अब तक उन्होंने समूह से 50 हजार रुपये ले रखा है. जिसे उन्होंने अपने भाई की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं मकान मरम्मत आदि पर खर्च किया. चम्पा अपनी भूमि पर खेती एवं सब्जी उत्पादन से 2 लाख 70 हजार रुपये आय अर्जित कर रही हैं.

चम्पा को आजीविका और कौशल विकास दिवस 5 मई 2018 के अवसर पर राज्य स्तर पर उत्कृष्ट कार्य हेतु पुरुस्कृत किया जा चुका है. चम्पा कहती हैं कि जब से वह आजीविका मिशन से जुड़ी है, तब से वह अपने जीवन को बदलता और सपनों को साकार होता देख रही हैं.

अनूपपुर। प्रधानमंत्री महिला नारी सशक्तिकरण के संबंध में बेहतरीन कार्य करने वाले स्वसहायता समूह के सदस्यों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 अगस्त को संवाद करेंगे. अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ निवासी कृष्णा स्वसहायता समूह की चम्पा सिंह को प्रधानमंत्री से बात करने का अवसर मिलेगा. प्रधानमंत्री से संवाद का यह कार्यक्रम गुरुवार दोपहर 12ः30 बजे शुरू होगा. प्रधानमंत्री से संवाद के लिए मध्य प्रदेश से चुनी गईं चम्पा सिंह राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वसहायता समूह में कार्य कर रही हैं.

संघर्षपूर्ण रहा चम्पा सिंह की जीवन

चम्पा सिंह का जन्म एक बेहद ही गरीब परिवार में अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ विकासखण्ड के ग्राम सोनियामार में हुआ. मात्र 12 साल की उम्र में ही उनके पिता का निधन हो गया. आर्थिक समस्या को देखते हुए चम्पा सिंह ने अपनी मां के साथ काम में हाथ बंटाना शुरू कर दिया, इस वजह से उन्हें पढ़ाई भी छोड़नी पड़ गई. कक्षा 8वीं तक ही वह पढ़ाई कर सकीं. उनके घर में मां और दो छोटे भाई हैं. घर में भाईयों के बड़े होने के कारण उनकी शादी हो गई, जिससे वह अलग जीवन निर्वाह करने लगे. चम्पा और उनकी मां भाईयों से अलग हो गईं. जिसके बाद चम्पा की जिम्मेदारियां और भी ज्यादा बढ़ गईं.

champa singh will interact with pm modi
चम्पा सिंह करेंगी PM मोदी से संवाद

समय गुजरता गया और चम्पा की शादी पास के ही गांव में हो गई. कुछ समय बाद अचानक ही एक दिन चम्पा के पति का निधन हो गया. काफी उतार-चढ़ाव के बीच चम्पा अपने घर पर अपनी मां के साथ आकर रहने लगीं. जीवन में आए तमाम दुखों के बावजूद वह संघर्ष करती रहीं, और आजीविका मिशन से जुड़कर उन्होंने गांव की अन्य महिलाओं को जोड़ा और एक समूह का गठन किया.

चम्पा सिंह ने धीरे-धीरे बचत कर समूह को आगे बढ़ाया. समूह निर्माण के पश्चात चम्पा ने बुक कीपर का कार्य शुरू कर दिया, जिससे थोड़ी आमदनी हो जाया करती थी. लेकिन इसके बाद भी वह अपनी और परिवार की छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रही थी. उन्होंने और आगे बढ़कर आय के साधन जुटाने के लिए समूह के माध्यम से सिलाई का प्रशिक्षण प्राप्त किया. कृषि सखी के रूप में भी प्रशिक्षण प्राप्त किया.

ऐसे मिला चम्पा को अवसर

चम्पा सिंह को हरियाणा राज्य के झज्जर विकासखण्ड में कार्य करने को मौका मिला. जिसमें उन्होंने 15 कार्य दिवस पूर्ण किए. इसके बदले में मानदेय के रूप में 11600 रुपए प्राप्त हुए, जो चम्पा के जीवन की सबसे बड़ी कमाई थी. इसके अलावा अन्य राज्य उत्तरप्रदेश में 3 बार, हमीरपुर एवं जालौन जिलों में रहकर कार्य करने का मौका मिला. चम्पा ने कृषि सखी के रूप में 6 बार अलग-अलग स्थानों पर प्रशिक्षण प्राप्त किया. वह लगभग 5500 परिवारों को कम लागत, कृषि तकनीक और जैविक कृषि का प्रशिक्षण प्रदान कर चुकी हैं.

3 दिन तक रामराजा सरकार के दर्शन नहीं कर पाएंगे भक्त, जिला प्रशासन ने जारी किए आदेश

आजीविका मिशन से चल पड़ी जीविका

चम्पा सिंह वर्तमान में आजीविका मिशन के अंतर्गत मास्टर कृषि के साथ-साथ समूह सदस्यों की आजीविका में जैविक कृषि और भूमि सुधार कार्यक्रमों के माध्यम से अभिवृद्धि हेतु कार्यरत स्वयंसेवी संस्था सृजन के साथ भी कार्य कर रही हैं. जहां से उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है. अब तक उन्होंने समूह से 50 हजार रुपये ले रखा है. जिसे उन्होंने अपने भाई की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं मकान मरम्मत आदि पर खर्च किया. चम्पा अपनी भूमि पर खेती एवं सब्जी उत्पादन से 2 लाख 70 हजार रुपये आय अर्जित कर रही हैं.

चम्पा को आजीविका और कौशल विकास दिवस 5 मई 2018 के अवसर पर राज्य स्तर पर उत्कृष्ट कार्य हेतु पुरुस्कृत किया जा चुका है. चम्पा कहती हैं कि जब से वह आजीविका मिशन से जुड़ी है, तब से वह अपने जीवन को बदलता और सपनों को साकार होता देख रही हैं.

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