अनूपपुर। शिक्षा केंद्र बदरा और संकुल भाद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अंतर्गत ग्राम पंचायत बाड़ीखार में संचालित शासकीय प्राथमिक पाठशाला जर्जर भवन में संचालन किया जा रहा है. वहीं, शनिवार दोपहर को बच्चे जब मध्यान्ह भोजन करने निकले, तभी शनिवार दोपहर करीब 1:40 बजे छत के कमजोर हिस्से का छज्जा भरभरा कर नीचे गिर गया. कमरा खाली था, लिहाजा कोई दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुआ. लगभग 3 दशक पुराना प्राथमिक पाठशाला बाड़ीखार का स्कूल भवन है, जो जर्जर भवन के रूप में विभाग के तहत चिन्हित किया जा चुका है. जिला शिक्षा केंद्र की तरफ से इस भवन के डिस्मेंटल के लिए लोक निर्माण विभाग को पत्राचार किया जा चुका है, लेकिन अभी तक भवन गिराने की कार्रवाई नहीं हुई है. लेटलतीफी के चलते आखिरकार शनिवार को भवन का जर्जर हिस्सा टूट कर नीचे आ गिरा जहां बच्चे बैठकर पढ़ते हैं.
गिराया जाना है भवनः जानकारी अनुसार अनूपपुर जिले में पिछले वर्ष 128 विद्यालय जर्जर घोषित किए गए थे, जिसमें से 51 को गिरा दिया गया है, क्योंकि इन विद्यालयों के नए भवन की मंजूरी हो चुकी है, अभी भी कई विद्यालय गिराया जाना बाकी है, जिस पर शीघ्रता पूर्वक कार्रवाई नहीं हो रही है. ऐसे स्कूलों में बच्चे बैठाए जा रहे हैं, जो कि जोखिम भरा साबित हो सकता है. इस शैक्षणिक सत्र में लोक निर्माण विभाग के पास 71 स्कूलों की सूची भेजी गई है. इनमें से भी कई स्कूल गिरा दिए गए हैं और बहुत से अभी नए भवन की मंजूरी न मिलने के कारण नहीं गिराया गया है. जनपद शिक्षा केंद्र बदरा के जनपद समन्वयक को बाड़ी खार स्कूल की हालत पता थी, बावजूद इसके उन्होंने स्कूल को किसी दूसरी सुरक्षित जगह पर स्थानांतरित करने का ध्यान नहीं दिया और न ही शनिवार को उक्त विद्यालय पहुंचकर जायजा लिया. संकुल भाद स्कूल से प्राचार्य अंजली सिंह जरूर विद्यालय का निरीक्षण किया. इस मामले में जिला शिक्षा केंद्र की भी लापरवाही उजागर हुई है. घटना के बाद संस्था प्रमुख व ग्रामीणों के द्वारा बच्चों का स्कूल बैग कक्षा से बाहर निकाला गया.
कक्षा तीसरी से पांचवी के बच्चे कक्ष में करते थे पढ़ाईः जानकारी अनुसार प्राथमिक पाठशाला बाड़ीखार में कक्षा पहली से 5वीं तक कुल 40 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. एक कक्ष में तीसरी से पांचवी और दूसरे में पहली से दूसरे के बच्चों को बैठाया जाता है, जिस कक्ष में यह घटना हुई है वहां 26 विद्यार्थी तीसरी से 5वीं के बैठे थे. मध्यान्ह भोजन का समय होने के कारण बच्चे जैसे कमरे से बाहर निकले, उसी समय छत का यह जर्जर हिस्सा ब्लैक बोर्ड के समीप गिर गया. बताया गया 1996 में इस भवन का निर्माण हुआ था, जो मरम्मत और खराब निर्माण कार्य के चलते जर्जर हो चुका था. वर्षा काल में भवन की सभी दीवार सीपेज थी तथा कक्षा के अंदर पानी आ जाया करता है.
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बच्चों के लिए दूसरी सुरक्षित जगह तय की जाएगीः इस मामले पर सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक हेमंत खैरवार ने बताया कि, ''मुझे इस बारे में जानकारी बीआरसी बदरा से नहीं मिली है. मुख्यालय से बाहर हूं, आने के साथ ही विद्यालय की स्थिति का पता करते हुए बच्चों के लिए दूसरी सुरक्षित जगह तय की जाएगी. इस भवन का नाम भी डिस्मेंटल सूची में शामिल है, जिसे जल्द अब गिरवाया जाएगा.''