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70 प्रतिशत बोवनी हुई पूरी, किसान इन बातों का रखें ध्यान - अलीराजपुर में फसल बोवनी

प्रदेश के कई जिलों में बारिश शुरू हो गई है, इसके साथ ही अब सोयाबीन की बोवनी भी शुरू हो चुकी है. ऐसे में किसानों को इस दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. आइए जानते हैं कृषि विभाग के उपसंचालक कैलाश चंद्र वास्कले से.

Crop sowing in Alirajpur
अलीराजपुर में फसल बोवनी
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Published : Jul 3, 2020, 6:44 PM IST

अलीराजपुर। आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले में वर्षा ऋतु की फसल बोवनी अभी तक 70 प्रतिशत हो चुकी है. वहीं कई इलाकों में रुक-रुक कर बारिश होने से बोवना भी रुकी हुई है. कृषि विभाग मुताबिक अब तक इस साल बरसात पिछले साल की बराबरी में पहुंच चुकी है. विभाग की माने तो अलीराजपुर जिला इंदौर संभाग में उड़द की सबसे ज्यादा पैदावार करने वाला जिला है और इस बार भी अगर सब कुछ अनुकूल रहा तो यहां उड़द की बंपर पैदावार होगी. वहीं दूसरे व तीसरे नंबर पर उत्पादित मक्का और कपास की उपज में भी बढ़ोतरी हो सकती है.

कैलाश चंद्र वास्कले

कृषि विभाग के उप संचालक कैलाश चंद्र वास्कले ने बताया कि अलीराजपुर जिले में इस बार 1 लाख 82 हजार 500 हेक्टेयर के आसपास बोवनी का लक्ष्य रखा गया है, जिसके चलते इस बार फसल की बोनी अभी तक 70 फीसदी हो चुकी है. जिले में अब तक 164 मिलिमीटर हो चुकी है, जोकि पिछले साल की तुलना में 2 मिलिमीटर ज्यादा है. कैलाश चंद्र ने बताया कि किसानों को बारिश के समय की फसल पर काफी ध्यान देना चाहिए. दवाई के छिड़काव के अलावा जमीन की देख-रेख भी करनी चाहिए.

मिट्टी परीक्षण


संतुलित उर्वरक प्रबंधन और मृदा स्वास्थ्य के लिए मिट्टी का मुख्य तत्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, द्वितीयक पोषक तत्व जैसे सल्फर, कैल्शियम, मैग्निशियम और सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे जस्ता, तांबा, लोहा, मैगनीज, मोलिब्डिनम, बोराॅन साथ ही पीएच, ईसी और कार्बनिक द्रव्य का परीक्षण जरूर कराएं.

बारिश के मुताबिक ऐसे करें बोवनी


कभी बारिश ज्यादा हो जाती है, तो कभी बारिश कम होती है, इस दौरान किसान रिज फरो के जरिए बोवनी कर सकते हैं, फरो बनाकर किसान अपने बीज को फरो में डालें जिससे कम या ज्यादा बारिश होने पर बीज को कोई नुकसान नहीं होगा. बहुत बार देखा गया है कि, किसान लो-लैंड पर भी खेती करते हैं. इन जगहों पर ब्राड बैड फरो मशीन का इस्तेमाल करें, जिससे ज्यादा बारिश होने पर पानी नाली के जरिए बाहर चला जाएगा और आप का बीज और पौधा सुरक्षित रहे.

अलीराजपुर। आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले में वर्षा ऋतु की फसल बोवनी अभी तक 70 प्रतिशत हो चुकी है. वहीं कई इलाकों में रुक-रुक कर बारिश होने से बोवना भी रुकी हुई है. कृषि विभाग मुताबिक अब तक इस साल बरसात पिछले साल की बराबरी में पहुंच चुकी है. विभाग की माने तो अलीराजपुर जिला इंदौर संभाग में उड़द की सबसे ज्यादा पैदावार करने वाला जिला है और इस बार भी अगर सब कुछ अनुकूल रहा तो यहां उड़द की बंपर पैदावार होगी. वहीं दूसरे व तीसरे नंबर पर उत्पादित मक्का और कपास की उपज में भी बढ़ोतरी हो सकती है.

कैलाश चंद्र वास्कले

कृषि विभाग के उप संचालक कैलाश चंद्र वास्कले ने बताया कि अलीराजपुर जिले में इस बार 1 लाख 82 हजार 500 हेक्टेयर के आसपास बोवनी का लक्ष्य रखा गया है, जिसके चलते इस बार फसल की बोनी अभी तक 70 फीसदी हो चुकी है. जिले में अब तक 164 मिलिमीटर हो चुकी है, जोकि पिछले साल की तुलना में 2 मिलिमीटर ज्यादा है. कैलाश चंद्र ने बताया कि किसानों को बारिश के समय की फसल पर काफी ध्यान देना चाहिए. दवाई के छिड़काव के अलावा जमीन की देख-रेख भी करनी चाहिए.

मिट्टी परीक्षण


संतुलित उर्वरक प्रबंधन और मृदा स्वास्थ्य के लिए मिट्टी का मुख्य तत्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, द्वितीयक पोषक तत्व जैसे सल्फर, कैल्शियम, मैग्निशियम और सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे जस्ता, तांबा, लोहा, मैगनीज, मोलिब्डिनम, बोराॅन साथ ही पीएच, ईसी और कार्बनिक द्रव्य का परीक्षण जरूर कराएं.

बारिश के मुताबिक ऐसे करें बोवनी


कभी बारिश ज्यादा हो जाती है, तो कभी बारिश कम होती है, इस दौरान किसान रिज फरो के जरिए बोवनी कर सकते हैं, फरो बनाकर किसान अपने बीज को फरो में डालें जिससे कम या ज्यादा बारिश होने पर बीज को कोई नुकसान नहीं होगा. बहुत बार देखा गया है कि, किसान लो-लैंड पर भी खेती करते हैं. इन जगहों पर ब्राड बैड फरो मशीन का इस्तेमाल करें, जिससे ज्यादा बारिश होने पर पानी नाली के जरिए बाहर चला जाएगा और आप का बीज और पौधा सुरक्षित रहे.

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