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अवैध मिल संचालकों के आगे प्रशासन नतमस्तक, बिना एनओसी के हो रहा संचालन

सतना के कोटर में शिव शक्ति एग्रोटेक चावल मिल चार सालों से बिना प्रदूषण विभाग की एनओसी के चल रही है. प्रदूषण विभाग में कई बार शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

बिना एनओसी के चल रही राइस मिल
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Published : Sep 19, 2019, 5:11 PM IST

सतना। कोटर के पवाइया गांव में बिना प्रदूषण विभाग की एनओसी के शिव शक्ति एग्रोटेक चावल मिल संचालित हो रही है. मिल संचालक अफसरों की मिलीभगत से बिना पिछले चार सालों से बिना किसी अनुमति के चला रहा है. उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय प्रशासन नतमस्तक नजर आ रहा है.

बिना एनओसी के चल रही राइस मिल

शिकायत होने के बाद भी प्रदूषण विभाग और विद्युत विभाग के अधिकारी कोई ठोस कार्रवाई ना कर एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. जिससे दोनों विभाग के अधिकारियों पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. जब मीडिया कवरेज के लिए राइस मिल पहुंची, तो मिल का दबंग मालिक हाथा-पाई पर उतर आया.

कई बार शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं
पवाइया गांव में बिना प्रदूषण विभाग की एनओसी के शिव शक्ति एग्रोटेक राइस मिल चार सालों से चल रही है. शिकायत करने पर प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मिल का बिजली कनेक्शन काटने के लिए विद्युत विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर दे दिया है. विद्युत विभाग को पत्र लिखे दो महिने हो गए हैं. जिसके बाद सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की गई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

मिल के प्रदूषण से ग्रामीण और राहगीर परेशान
राइस मिल के चलते ग्रामीणों और राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मिल से धान का गर्दा रोड तक पहुंचता है, जिससे आए दिन एक्सीडेंट हो रहे हैं. बगल से निकलने वाली नहर भी प्रदूषित हो रही है. राइस मिल से होने वाला प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए अब बेहद हानिकारक साबित होते जा रहा है. शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे दर्जन भर किसानों ने खेती करना बंद कर दिया है.

एक-दूसरे पर लगा रहे प्रदूषण विभाग और विद्युत विभाग के अधिकारी
राइस मिल की शिकायत को लेकर प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने चार सालों में केवल एक ही नोटिस जारी किया है, जिले के प्रदूषण नियंत्रण विभाग के क्षेत्रीय संचालक एके श्रीवास्तव का कहना है कि राइस मिल से कोई नुकसान नहीं हो रहा है, ना ही क्षेत्र में कोई गंभीर स्थिति बनी हुई है. एके श्रीवास्तव ने कहा कि उन्होंने मिल का बिजली कनेक्शन काटने का पत्र जारी कर दिया है.

भ्रष्टाचार के लग रहे हैं आरोप
वहीं जब विद्युत विभाग के अधिकारी से पत्र के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने किसी प्रकार का पत्र मिलने से साफ मना कर दिया. उन्होंने प्रदूषण विभाग के अधिकारियों को सुझाव दे डाले कि शुरूआत में जांच-पड़ताल कर लेना चाहिए. ताकि भविष्य में इस तरह की नौबत ना आए. वहीं जब प्रदूषण नियंत्रण विभाग के क्षेत्रीय संचालक से विद्धुत विभाग के बड़े अफसर को कोई पत्र न मिलने की बात कही गई तो उन्होंने अफसर पर इशारों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बात को टाल दिया.

सतना। कोटर के पवाइया गांव में बिना प्रदूषण विभाग की एनओसी के शिव शक्ति एग्रोटेक चावल मिल संचालित हो रही है. मिल संचालक अफसरों की मिलीभगत से बिना पिछले चार सालों से बिना किसी अनुमति के चला रहा है. उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय प्रशासन नतमस्तक नजर आ रहा है.

बिना एनओसी के चल रही राइस मिल

शिकायत होने के बाद भी प्रदूषण विभाग और विद्युत विभाग के अधिकारी कोई ठोस कार्रवाई ना कर एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. जिससे दोनों विभाग के अधिकारियों पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. जब मीडिया कवरेज के लिए राइस मिल पहुंची, तो मिल का दबंग मालिक हाथा-पाई पर उतर आया.

कई बार शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं
पवाइया गांव में बिना प्रदूषण विभाग की एनओसी के शिव शक्ति एग्रोटेक राइस मिल चार सालों से चल रही है. शिकायत करने पर प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मिल का बिजली कनेक्शन काटने के लिए विद्युत विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर दे दिया है. विद्युत विभाग को पत्र लिखे दो महिने हो गए हैं. जिसके बाद सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की गई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

मिल के प्रदूषण से ग्रामीण और राहगीर परेशान
राइस मिल के चलते ग्रामीणों और राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मिल से धान का गर्दा रोड तक पहुंचता है, जिससे आए दिन एक्सीडेंट हो रहे हैं. बगल से निकलने वाली नहर भी प्रदूषित हो रही है. राइस मिल से होने वाला प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए अब बेहद हानिकारक साबित होते जा रहा है. शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे दर्जन भर किसानों ने खेती करना बंद कर दिया है.

एक-दूसरे पर लगा रहे प्रदूषण विभाग और विद्युत विभाग के अधिकारी
राइस मिल की शिकायत को लेकर प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने चार सालों में केवल एक ही नोटिस जारी किया है, जिले के प्रदूषण नियंत्रण विभाग के क्षेत्रीय संचालक एके श्रीवास्तव का कहना है कि राइस मिल से कोई नुकसान नहीं हो रहा है, ना ही क्षेत्र में कोई गंभीर स्थिति बनी हुई है. एके श्रीवास्तव ने कहा कि उन्होंने मिल का बिजली कनेक्शन काटने का पत्र जारी कर दिया है.

भ्रष्टाचार के लग रहे हैं आरोप
वहीं जब विद्युत विभाग के अधिकारी से पत्र के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने किसी प्रकार का पत्र मिलने से साफ मना कर दिया. उन्होंने प्रदूषण विभाग के अधिकारियों को सुझाव दे डाले कि शुरूआत में जांच-पड़ताल कर लेना चाहिए. ताकि भविष्य में इस तरह की नौबत ना आए. वहीं जब प्रदूषण नियंत्रण विभाग के क्षेत्रीय संचालक से विद्धुत विभाग के बड़े अफसर को कोई पत्र न मिलने की बात कही गई तो उन्होंने अफसर पर इशारों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बात को टाल दिया.

Intro:एंकर --
जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का जी हाँ सतना के एक राइस मिल संचालक का कारनामा कुछ ऐसा ही है जिससे मील के आसपास वासिंदे किसान खासा परेशान है.और काफी शिकवा शिकायत के बाद कार्यवाही सिर्फ कागजों तक ही सीमित है.मामला सतना जिले के कोटर पवाईया स्थित शिव शक्ति राइस मिल का है.जहाँ मिल के प्रदूषण से दर्जन भर किसानों ने खेती करना बंद दिया है.धान के गर्दा से रोज़ाना एक्सीडेंट होते है.मिल का गर्दा स्वास्थ्य के लिये बेहद हानिकारक साबित हो रहा है.बगल से निकलने वाली नहर भी प्रदूषित हो रही है.लेकिन अफसरों की मिलीभगत से अवैध कारखाना बिना अनुमति चार साल से बेरोकटोक संचालित है.जब मीडियाकर्मी कवरेज करने पहुंचे तो दबंग मिल मालिक हांथा पाई पर उतर आया.नियम कानून की धज्जियां उड़ाते एक अवैध कारखाने पर ठोस कार्रवाई करने के बजाय दो बड़े विभागों के अफसर कायर्वाही के नाम पर गेंद एक दूसरे के पाले में फेंकते दिखे.यहाँ तक कि विद्युत विभाग के अधिकारी ने प्रदूषण विभाग के अधिकारीयो पर सवाल भी खड़े कर दिए ।


Body:Vo --
कोटर के पवाईया गाँव के पास शिव शक्ति एग्रोटेक चावल मिल संचालित है.दबंग मिल मालिक अफसरों की मिलीभगत से बिना प्रदूषण विभाग की एनओसी के चार सालों से बेरोकटोक चला रहा है.मिल के प्रदूषण से ग्रामीण राहगीर और दर्जन भर किसान बेहद परेशान है.शिकवा शिकायत के बाद जब कुछ न ही सका तो खेती बंद कर दिया है. बावजूद इसके बेरोकटोक मिल चला रहा है.प्रदूषण विभाग के बड़े अफसर ने इन चार सालों में केवल एक नोटिस जारी की है. इतना ही नही साहब ने मिल से किसी को कोई नुकसान न होने तक की बात कह दी.मिल का विद्धुत काटने का पत्र जारी करने की बात कहकर बोझ टाल दिया.जबकि उन्हें मिल कोर्ट से मिल सीज करवाने तक का अधिकार है.मामले में विद्धुत विभाग के बड़े अफसर ने कोई पत्र न मिलने की बात कही.विद्धुत विभाग के अफसर ने प्रदूषण विभाग के अफसर पर इशारों में भृष्टाचार का आरोप लगाते हुये विद्धुत कनेक्शन काटने से साफ मना कर दिया.दो दो विभागों के बड़े अफसर एक अवैध.नियम कानून विरुद्ध. बिना एनओसी.जो जनता के जन अधिकार का हनन कर रही है.बंद नही करा पा रहे है.बल्कि मिल मालिक की तरफदारी करते दिख रहे है.जाहिर है जब सैयां भये कोतवाल तो डर कहे का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.जब इन मिल मक़लीको पर दो विभागों का वर दहस्त है तो बाकी बड़ी फेक्ट्रियो के प्रदूषण पर ये विभाग किस तरह मेहरबान होंगे ।

Conclusion:Byte --
महेंद्र सिंह -- शिकायतकर्ता सतना ।
Byte --
ए.के. श्रीवास्तव -- क्षेत्रीय संचालक प्रदूषण नियंत्रण विभाग सतना ।
Byte --
जी.के. द्विवेदी -- अधीक्षण यंत्री सतना ।
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