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बदली बाई ने जैविक खेती से बदली परिवार की सूरत, देसी तरीका बना मुनाफे का साधन - Organic farming in Alirajpur

अलीराजपुर जिले की महिला किसान बदली बाई ने जैविक खेती से पूरे परिवार की जिंदगी बदल दी है. कभी मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करने वाली बदली बाई आज जैविक खेती कर अच्छा-खासा मुनाफा कमा रही हैं.

earn profit from organic farming
जैविक खेती कर रहीं बदली बाई
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Published : Nov 28, 2019, 8:10 PM IST

Updated : Nov 28, 2019, 10:58 PM IST

अलीराजपुर। मन में कुछ नया करने का जुनून ही आपको औरों से अलग बनाता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है आदिवासी बाहुल्य जिले अलीराजपुर की एक महिला ने. कभी मजदूरी करने वाली बदली बाई आज दूसरी महिलाओं को लिए एक मिसाल से कम नहीं हैं.

बदली बाई ने जैविक खेती से बदली परिवार की सूरत

सेजवाड़ा गांव की बदली बाई ने कड़ी मेहनत से अपने परिवार की जिंदगी बदल डाली. एक समूह से जुड़कर बदली बाई ने जैविक खेती के न सिर्फ गुर सीखे बल्कि उन्हें धरातल पर साबित भी कर दिखाया. लिहाजा आज उन्हें जैविक खेती से खासा मुनाफा हो रहा है.

ट्रेनिंग लेने के बाद धरातल पर किया साबित
बदली बाई ने खेती से ही कमा कर अपने 6 बेटों को पढ़ाया ओर नोकरी पर लगाया. एक लड़का दिल्ली में पढ़ाई कर रहा है और उसने नीट की परीक्षा भी पास कर ली है. वहीं 4 बेटे पुणे में नोकरी कर रहे हैं. अलीराजपुर में जैविक खेती की ट्रेनिग के बाद बदली बाई ने अपने खेत में जैविक खेती करना शुरू किया और फसल पर छिड़काव की दवा भी खुद तैयार की. बदली बाई के पती की मानें तो उनके परिवार की सूरत जैविक खेती की बदौलत ही बदली है.

देसी पत्तों से बना रही ओषधि
मध्यप्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र के आदिवासी बहुल इलाके अलीराजपुर की बदली बाई ने अपने परिवार के साथ गांव की महिलाओं को ट्रेनिंग दी और उन्हें भी जेविक खेती की करने के लिए प्रेरित किया. बदली बाई अब पत्तों से ओषधि बनाने रही हैं, जो फसलों और सब्जियों के लिए जरूरी है. देसी तरीके से खेती करने का असर मुनाफे के रूप में दिख रहा है. यही वजह है कि गांव के दूसरे किसान भी जैविक खेती की तरफ बढ़ रहे हैं.

दूसरों को भी किया प्रेरित
बदली बाई ने खुद की तो तकदीर संवारी साथ ही गांव की भी तस्वीर बदलना शुरू किया. इतना ही नहीं गांव के बेरोजगार युवाओं को समझाकर नौकरी करने के लिए प्रेरित किया, जिसका असर ये हुआ कि गांव के16 से ज्यादा युवा आज पुणे में नौकरी कर रहें और परिवार को जैविक खेते के लिए आर्थिक मदद देने लगे हैं. बदली बाई के इसी अंदाज ने उन्हें आज आम से खास बना दिया है.

अलीराजपुर। मन में कुछ नया करने का जुनून ही आपको औरों से अलग बनाता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है आदिवासी बाहुल्य जिले अलीराजपुर की एक महिला ने. कभी मजदूरी करने वाली बदली बाई आज दूसरी महिलाओं को लिए एक मिसाल से कम नहीं हैं.

बदली बाई ने जैविक खेती से बदली परिवार की सूरत

सेजवाड़ा गांव की बदली बाई ने कड़ी मेहनत से अपने परिवार की जिंदगी बदल डाली. एक समूह से जुड़कर बदली बाई ने जैविक खेती के न सिर्फ गुर सीखे बल्कि उन्हें धरातल पर साबित भी कर दिखाया. लिहाजा आज उन्हें जैविक खेती से खासा मुनाफा हो रहा है.

ट्रेनिंग लेने के बाद धरातल पर किया साबित
बदली बाई ने खेती से ही कमा कर अपने 6 बेटों को पढ़ाया ओर नोकरी पर लगाया. एक लड़का दिल्ली में पढ़ाई कर रहा है और उसने नीट की परीक्षा भी पास कर ली है. वहीं 4 बेटे पुणे में नोकरी कर रहे हैं. अलीराजपुर में जैविक खेती की ट्रेनिग के बाद बदली बाई ने अपने खेत में जैविक खेती करना शुरू किया और फसल पर छिड़काव की दवा भी खुद तैयार की. बदली बाई के पती की मानें तो उनके परिवार की सूरत जैविक खेती की बदौलत ही बदली है.

देसी पत्तों से बना रही ओषधि
मध्यप्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र के आदिवासी बहुल इलाके अलीराजपुर की बदली बाई ने अपने परिवार के साथ गांव की महिलाओं को ट्रेनिंग दी और उन्हें भी जेविक खेती की करने के लिए प्रेरित किया. बदली बाई अब पत्तों से ओषधि बनाने रही हैं, जो फसलों और सब्जियों के लिए जरूरी है. देसी तरीके से खेती करने का असर मुनाफे के रूप में दिख रहा है. यही वजह है कि गांव के दूसरे किसान भी जैविक खेती की तरफ बढ़ रहे हैं.

दूसरों को भी किया प्रेरित
बदली बाई ने खुद की तो तकदीर संवारी साथ ही गांव की भी तस्वीर बदलना शुरू किया. इतना ही नहीं गांव के बेरोजगार युवाओं को समझाकर नौकरी करने के लिए प्रेरित किया, जिसका असर ये हुआ कि गांव के16 से ज्यादा युवा आज पुणे में नौकरी कर रहें और परिवार को जैविक खेते के लिए आर्थिक मदद देने लगे हैं. बदली बाई के इसी अंदाज ने उन्हें आज आम से खास बना दिया है.

Intro:एंकर- मध्यप्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र के आदिवासी बहुल इलाके की एक महिला ने अपनी ओर अपने परिवार की तकदीर खुद बनाई है। अलीराजपुर जिले के छोटे से गांव सेजवाड़ा की महिला बदली बाई जो पहले अपने पति के साथ मजदूरी करती थी लेकिन समूह से जुड़कर बदली बाई ने जैविक खेती और औषधी बनाने की ट्रेनिंग ली। ट्रेनिग के बाद बदली बाई ने अपने खेत मे भी जैविक खेती करना शुरू किया और फसल पर छिड़काव की दवा भी खुद बनाई जिससे उसकी आमदनी बढ़ने लगी और अच्छा खासा मुनाफा हो के लगा। बदली बाई ने खेती से ही कमा कर अपने 6 बेटों को पढ़ाया ओर नोकरी पर लगाया। बदली बाई का एक लड़का दिल्ली में पढ़ाई कर रहा है और उसने नीट की परीक्षा पास कर ली है वही 4 बेटे उसके पुणे में नोकरी कर रहे है । वही बदली बाई ने अपने परिवार बच्चो की तकदीर सवारने के साथ साथ गांव की भी तकदीर सवारना शुरू कर दिया। सेजवाड़ा गांव में लोगो को जैविक खेती करना सीखना शुरू किया वही गांव के बेरोजगार युवाओ को समझाकर नोकरियों में लगवाया। बदली बाई सेजावाड़ा गांव के लिए मदर इंडिया से कम नही है।


Body:बाइट1- भारता भाई,किसान,बच्चे नोकरी लगे
बाइट2- पांगला भाई, बदली बाई के पति
बाइट3- बदली बाई,जैविक खेती किसान
बाइट4- भूरसिंह धाकड़,ब्लॉक समन्वयक,मप्र आजीविका मिशन


Conclusion:वीओ1- गुजरात राज्य से सटा हुआ अलीराजपुर जिले का एक छोटा सा गांव सेजावाड़ा। यहाँ की महिला बदली बाई ने महिला शक्ति क्या होती और क्या कर सकती है ये करके बताया है। बदली बाई पहले अपने पति के साथ गुजरात मजदूरी किया करती थी। सन 2015 में वो वापस अपने गांव सेजवाड़ा आये और आजीविका के समूह से जुड़ गई। फिर उसने कुछ करने की ठानी ओर आजीविका की मदद से जैविक खेती करन सीखा उसके बाद बदली बाई ने अपने पति पांगला भाई को जैविक खेती के फायदे बताये जिसके बाद से दोनों पति पत्नी जैविक खेती करने लगे वही बदली बाई ने फसल पर छिड़कने के लिए पत्तो से ओषधि बनाई जो सफल हुई और फिर शुरू हुआ बदली बाई के तकदीर बदलने का सिलसिला। खेत मे सब्जी और अन्य फसल करके अच्छा मुनाफा होने लगा । बदली बाई के 6 लड़के है जिन्हें खेती करके उसने पढाया ओर फिर 4 लड़को पुणे में नोकरी में लगाया और एक लड़के को दिल्ली में पढ़ा रही। वही एक लड़का अलीराजपुर पढ़ रहा है।
बाइट3- बदली बाई, जैविक खेती किसान
बाइट2- पांगला भाई, पति
बाइट4- भूरसिंह धाकड़,ब्लॉक समन्वयक,मप्र आजीविका मिशन

वीओ2- बदली बाई ने खुद की तो तकदीर सँवारी साथ ही गांव की भी तकदीर बदलना शुरू किया। पहले तो उसने गांव के लोगो को जैविक खेती करने के फायदे बताये ओर जैविक खेती करना सिखाया। जिसके बाद गांव के बेरोजगार युवाओं को समझाकर नोकरी करने के लिए प्रेरित किया जिसका असर ये हुआ कि गांव 16 से ज्यादा युवा आज पुणे में नोकरी कर रहे और परिवार को आर्थिक मदद देने लगे है। बदली बाई का ये काम निरन्तर जारी है और आज भी वो निकल जाती है घर से लोगो को प्रेरित करने।

बाइट3- बदली बाई,जैविक खेती,किसान
बाइट4- भूरसिंह धाकड़,ब्लॉक समन्वयक,मप्र आजीविका मिशन
बाइट1- भारता भाई, किसान,बच्चे नोकरी करने लगे
Last Updated : Nov 28, 2019, 10:58 PM IST
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