अलीराजपुर। लॉकडाउन में लगातार अपनी ड्यूटी कर रहे कई कोरोना वॉरियर्स में पुलिस विभाग की सबसे अहम भूमिका है. लॉकडाउन के दौरान बिना काम के घर से बाहर निकलने वालों को रोकने, दुकानों में गाइडलाइन का पालन कराने के साथ भीड़ नहीं जुटने देने की जिम्मेदारी पुलिस की है.
तैनात पुलिसकर्मियों को हो रही परेशानी
लॉकडाउन की ड्यूटी के दौरान शहर के अलग-अलग चौक चारौहों पर तैनात पुलिसकर्मियों ने बातचीत में बताया कि वे सुबह से ही ड्यूटी पर जाते हैं. दोपहर 2 बजे तक प्वॉइंट पर ड्यूटी रहती है. उसके बाद पुलिस कोतवाली पहुंचकर भी कुछ घंटे तक ड्यूटी देते हैं. लॉकडाउन की वजह से होटल बंद हैं. ऐसे में सुबह जो घर से खाकर आ गए. उसी पर पूरे दिन काटने पड़ते हैं. दोपहर में भोजन की कोई व्यवस्था पुलिस महकमे की ओर से नहीं की गई है. खाने की व्यवस्था नहीं किए जाने से सबसे अधिक समस्या उनको होती है, जो अकेले रहते हैं. उनके परिवार के लोग दूसरे जगह रहते हैं.
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कम हो रही पुलिसकर्मियों की इम्यूनिटी
एक पुलिसकर्मी ने बताया कि 'हम लोग आप सभी की सुरक्षा के लिए तैनात हैं, लेकिन हम लोगों की सुरक्षा का सही इंतजाम नहीं है. हमलोग अपनी बात किसे बताएं, जो हमारी सुने. यह समझ में नहीं आ रहा है. हमारी इम्यूनिटी गिर रही है. 10 से 12 घंटे ड्यूटी के बाद हमें खुद घर जाकर खाना बनाना पड़ता है, कपड़े धोने पड़ते हैं, इन सब में समय खत्म हो जाता है, ऐसे में वो अपने शरीर का ध्यान रख पा रहे हैं. वे अपने शरीर को चुस्त बनाए रखने के लिए किसी तरह का व्यायाम नहीं कर पा रहे हैं. इन दिनों हमें अच्छा खाना नहीं मिल रहा है और खाना खाने के तुरंत सोने से हम सबका स्वास्थ्य खराब हो रहा है. कोरोना से लड़ने के लिए सबकी प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होनी चाहिए लेकिन हमारी प्रतिरोधक क्षमता दिन प्रति दिन कम होती जा रही है. हमारी नींद भी पूरी नहीं हो पा रही है
कोतवाली पुलिस प्रभारी दिनेश सोलंकी ने बताया कि सभी ड्यूटी पर लगाए गए पुलिसकर्मी लोकल के हैं. वह अपने हिसाब से व्यवस्था कर लेते हैं. जिला मुख्यालय पर 23 प्वाइंट लगाए रहे हैं जिसमें 60 पुलिसकर्मी समय-समय पर तैनात रहते हैं.