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सोलर प्लांट लगाने के विरोध में महिलाओं ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

लाडोन गांव में सोलर प्लांट लगने से वहां की महिलाओं ने कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपा है. महिलाओं का कहना है कि यदि प्लांट लगाया गया तो मवेशियों के घूमने और चरने की जगह खत्म हो जाएगी. महिलाओं ने कंपनी से जमीन खाली करवाने की मांग की है.

Women submitted memorandum to collectorate
महिलाओं ने कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपा
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Published : Aug 11, 2020, 5:57 PM IST

आगर मालवा। जिले के लाडोन गांव में एक निजी कंपनी सोलर ऊर्जा प्लांट को लगा रही है. लाडोन के ग्रामीण इस सोलर ऊर्जा प्लांट को लगाए जाने को लेकर काफी विरोध कर रहे हैं. विरोध के चलते गांव की कई महिलाएं एकजुट होकर मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंची और मामले को लेकर ज्ञापन सौंपा. महिलाओं ने सोलर ऊर्जा प्लांट की जगह बदलने की मांग की है. कलेक्ट्रेट में पहुंची महिलाओं ने आवेदन में बताया कि गांव में सैकड़ों बीघा गोचर जमीन है.

महिलाओं ने कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपा

इस जमीन पर पूरे गांव के मवेशी घूमते रहते हैं. प्लांट लगने से यह जमीन खत्म हो जाएगी और मवेशियों को घूमने के लिए जगह नहीं बचेगी. इस जमीन पर सोलर ऊर्जा प्लांट लगाने का काम काफी हद तक शुरु हो गया है. गांव के कई लोग मवेशियों के पालन-पोषण पर भी निर्भर हैं. ऐसे में यदि इस जगह पर सोलर प्लांट बनता है तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. ज्ञापन के जरिए महिलाओं ने गोचर जमीन को खाली करवाने की मांग की है.

सोलर पॉवर प्लांट के बारे में

सौर पैनल प्रकाश विद्युत प्रभाव है, जिसके जरिए बिजली उत्पादन में सूर्य से मिल रहे प्रकाश ऊर्जा (फोटॉन) का उपयोग करते हैं. एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट रीवा में बना है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री ने 10 जुलाई को किया था. यह प्लांट रीवा से 25 किमी दूर 1590 एकड़ में फैला है. इसके इनोवेशन और उत्कृष्टता के लिए इसे वर्ल्ड बैंक ग्रुप प्रेसिडेंट अवार्ड भी मिला है. इसे प्रधानमंत्री की इस परियोजना में एक सौर पार्क के अंदर स्थित 500 हेक्टेयर जमीन पर 250-250 मेगावाट की तीन सोलर एनर्जी यूनिट्स शामिल हैं.

Solar plant
सोलर प्लांट

मिल सकता है रोजगार भी

सोलर प्लांट की डिमांड तेजी से बढ़ रही है, इससे रोजगार भी मिल सकता है. बैंक भी सोलर प्लांट के लिए लोन मुहैया करा है. बड़े स्तर पर प्लांट लगाने के लिए बिजली कंपनी से लाइसेंस लेना होगा. एग्रीमेंट के बाद प्रति किलोवॉट इंवेस्टमेंट 60-80 हजार रुपए होगी. इसके बाद प्लांट लगाकर बिजली बेचने पर आपको प्रति यूनिट की दर से पैसा मिलेगा. प्रदेश के अलावा पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सोलर एनर्जी को बेचने की सुविधा मिलती है. उत्तर प्रदेश सरकार भी सोलर प्लांट की स्कीम चला रही है.

कहां से खरीदें सोलर पैनल

पैनल खरीदने के लिए राज्य सरकार की रिन्यूबल एनर्जी डेवलपमेंट अथॉरिटी से संपर्क कर सकते हैं, जिसके दफ्तर हर राज्य के प्रमुख शहरों में हैं. प्राइवेट डीलर्स के पास भी सोलर पैनल उपलब्ध हैं, इसके लिए आपको अथॉरिटी से अपनी लोन राशि के लिए संपर्क करना होगा. बता दें कि सोलर पैनल में मेंटनेंस का खर्चा नहीं आता है, लेकिन 10 साल में इसकी बैटरी बदलनी होती है. यदि एक AC चलाना है तो दो किलोवॉट का सोलर पैनल लगाना होगा. इन पैनल को आसानी से एक जगह से दूसरी जगह मूव किया जाता है.

आगर मालवा। जिले के लाडोन गांव में एक निजी कंपनी सोलर ऊर्जा प्लांट को लगा रही है. लाडोन के ग्रामीण इस सोलर ऊर्जा प्लांट को लगाए जाने को लेकर काफी विरोध कर रहे हैं. विरोध के चलते गांव की कई महिलाएं एकजुट होकर मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंची और मामले को लेकर ज्ञापन सौंपा. महिलाओं ने सोलर ऊर्जा प्लांट की जगह बदलने की मांग की है. कलेक्ट्रेट में पहुंची महिलाओं ने आवेदन में बताया कि गांव में सैकड़ों बीघा गोचर जमीन है.

महिलाओं ने कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपा

इस जमीन पर पूरे गांव के मवेशी घूमते रहते हैं. प्लांट लगने से यह जमीन खत्म हो जाएगी और मवेशियों को घूमने के लिए जगह नहीं बचेगी. इस जमीन पर सोलर ऊर्जा प्लांट लगाने का काम काफी हद तक शुरु हो गया है. गांव के कई लोग मवेशियों के पालन-पोषण पर भी निर्भर हैं. ऐसे में यदि इस जगह पर सोलर प्लांट बनता है तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. ज्ञापन के जरिए महिलाओं ने गोचर जमीन को खाली करवाने की मांग की है.

सोलर पॉवर प्लांट के बारे में

सौर पैनल प्रकाश विद्युत प्रभाव है, जिसके जरिए बिजली उत्पादन में सूर्य से मिल रहे प्रकाश ऊर्जा (फोटॉन) का उपयोग करते हैं. एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट रीवा में बना है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री ने 10 जुलाई को किया था. यह प्लांट रीवा से 25 किमी दूर 1590 एकड़ में फैला है. इसके इनोवेशन और उत्कृष्टता के लिए इसे वर्ल्ड बैंक ग्रुप प्रेसिडेंट अवार्ड भी मिला है. इसे प्रधानमंत्री की इस परियोजना में एक सौर पार्क के अंदर स्थित 500 हेक्टेयर जमीन पर 250-250 मेगावाट की तीन सोलर एनर्जी यूनिट्स शामिल हैं.

Solar plant
सोलर प्लांट

मिल सकता है रोजगार भी

सोलर प्लांट की डिमांड तेजी से बढ़ रही है, इससे रोजगार भी मिल सकता है. बैंक भी सोलर प्लांट के लिए लोन मुहैया करा है. बड़े स्तर पर प्लांट लगाने के लिए बिजली कंपनी से लाइसेंस लेना होगा. एग्रीमेंट के बाद प्रति किलोवॉट इंवेस्टमेंट 60-80 हजार रुपए होगी. इसके बाद प्लांट लगाकर बिजली बेचने पर आपको प्रति यूनिट की दर से पैसा मिलेगा. प्रदेश के अलावा पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सोलर एनर्जी को बेचने की सुविधा मिलती है. उत्तर प्रदेश सरकार भी सोलर प्लांट की स्कीम चला रही है.

कहां से खरीदें सोलर पैनल

पैनल खरीदने के लिए राज्य सरकार की रिन्यूबल एनर्जी डेवलपमेंट अथॉरिटी से संपर्क कर सकते हैं, जिसके दफ्तर हर राज्य के प्रमुख शहरों में हैं. प्राइवेट डीलर्स के पास भी सोलर पैनल उपलब्ध हैं, इसके लिए आपको अथॉरिटी से अपनी लोन राशि के लिए संपर्क करना होगा. बता दें कि सोलर पैनल में मेंटनेंस का खर्चा नहीं आता है, लेकिन 10 साल में इसकी बैटरी बदलनी होती है. यदि एक AC चलाना है तो दो किलोवॉट का सोलर पैनल लगाना होगा. इन पैनल को आसानी से एक जगह से दूसरी जगह मूव किया जाता है.

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