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पक्षियों के लिए अनूठी पहल, सतीश शास्त्री ने आगर की दुकानों को बना दिया प्याऊ

गर्मी के सीजन में पानी की किल्लत होना आम बात हो जाती है. अपने लिए पानी की पूर्ति करने लिए लोग कही से भी व्यवस्था जुटा लेते है लेकिन मूक पक्षी गर्मी के सीजन में पानी न मिलने के चलते आपने दम तोड़ देते हैं. ऐसे में गर्मी के सीजन में पक्षियों को पानी की समस्या न हो, इसके लिये शहर के सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ कुछ दुकानदार भी आगे आए हैं.

पक्षियों के लिए अनूठी पहल
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Published : Mar 30, 2019, 3:22 PM IST

आगर-मालवा। जल है तो जीवन है, बिन पानी सब सून, पानी है तो ये जिंदगानी है, जैसे वाक्य राह चलते किसी भी दीवार पर लिखे दिख जाते हैं. इन वाक्यों से इंसान के लिए पानी की अहमियत का एहसास खुद-ब-खुद हो जाता है, लेकिन पानी की जितनी जरूरत इंसानों को है उतनी ही जरूरत अन्य पशु-पक्षियों को भी. पक्षियों की इस समस्या को आगर-मालवा में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सतीश शास्त्री ने समझा और पक्षियों के लिए एक नई शुरूआत की.

भीषण गर्मी के मौसम में जब सूरज आसमान से आग बरसा रहा होता है, तब इंसान अपने घरों में कूलर, एसी के सामने बैठ कर ठंडे पानी का आनंद लेता है, लेकिन पशु-पक्षी पानी की दो बूंद के लिए इधर-उधर भटकते हैं और कई बार तो पानी की तलाश में दम भी तोड़ देते हैं.

पक्षियों के लिए अनूठी पहल

इसी को ध्यान में रखते हुए सतीश शास्त्री ने शहर के दुकानदारों को पानी के सकोरे बाटें और उनमें पक्षियों के लिए पानी रखने की अपील की. सतीश की ये अपील रंग लाने लगी और शहर की कई दुकानें पक्षियों की प्याऊ बन गईं. सतीश की ये कोशिश बताती है कि हम भारतीय दुनिया में रहने वाले हर जीव का ध्यान रखना जानते हैं.

आगर-मालवा। जल है तो जीवन है, बिन पानी सब सून, पानी है तो ये जिंदगानी है, जैसे वाक्य राह चलते किसी भी दीवार पर लिखे दिख जाते हैं. इन वाक्यों से इंसान के लिए पानी की अहमियत का एहसास खुद-ब-खुद हो जाता है, लेकिन पानी की जितनी जरूरत इंसानों को है उतनी ही जरूरत अन्य पशु-पक्षियों को भी. पक्षियों की इस समस्या को आगर-मालवा में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सतीश शास्त्री ने समझा और पक्षियों के लिए एक नई शुरूआत की.

भीषण गर्मी के मौसम में जब सूरज आसमान से आग बरसा रहा होता है, तब इंसान अपने घरों में कूलर, एसी के सामने बैठ कर ठंडे पानी का आनंद लेता है, लेकिन पशु-पक्षी पानी की दो बूंद के लिए इधर-उधर भटकते हैं और कई बार तो पानी की तलाश में दम भी तोड़ देते हैं.

पक्षियों के लिए अनूठी पहल

इसी को ध्यान में रखते हुए सतीश शास्त्री ने शहर के दुकानदारों को पानी के सकोरे बाटें और उनमें पक्षियों के लिए पानी रखने की अपील की. सतीश की ये अपील रंग लाने लगी और शहर की कई दुकानें पक्षियों की प्याऊ बन गईं. सतीश की ये कोशिश बताती है कि हम भारतीय दुनिया में रहने वाले हर जीव का ध्यान रखना जानते हैं.

Intro:गर्मी के सीजन में पानी की किल्लत होना आम बात हो जाती है। अपने लिए पानी की पूर्ति करने लिए लोग कही से भी व्यवस्था जुटा लेते है लेकिन मूक पक्षी गर्मी के सीजन में पानी न मिलने के चलते आपने प्राण तक खो देते है। ऐसे में आगामी गर्मी के सीजन में पक्षियों को पानी की समस्या न हो इसके लिये शहर के सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ कुछ दुकानदार भी आगे आए है। इन्होंने शहर के आधा सेंकडा से अधिक स्थानों पर स्थित छोटे पेड़ो पर पानी के सकोरे बांधे है।


Body:बता दे गर्मी ने अभी से अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए है वही गर्मी में हर कही पानी आसानी से उपलब्ध भी नही हो पाता है पानी के लिए सबसे ज्यादा परेशानी पक्षियों को उठानी पड़ती है। पक्षियों के लिए पानी की कमी को दूर करते हुवे सामाजिक कार्यकर्ता सतीश शास्त्री ने पहल करते हुवे शहर के दुकानदारों को जागरूक किया और सभी ने मिलकर पानी के सकोरे की व्यवस्था जुटाकर पेड़ो पर ये सकोरे डालकर इनमे पानी भरा। शहर के छावनी, तहसील चौराहा, कमलकुंडी, सरकबड़ा, गोपाल मंदिर, इंदिरा कॉम्प्लेक्स सहित अनेक ऐसे स्थान जहाँ छोटे पेड़ है वहा पर पानी के ये सकोरे बांधे गए।


Conclusion:अपनी दुकानों के सामने पक्षियों के लिए पानी के सकोरे बांधने वाले दुकानदार सुरेश जाधव, पंकज भंडारी, मनीष शर्मा, सुशील जैन आदि ने शहरवासियों से अपील करते हुवे कहा कि पक्षियों के पानी की व्यवस्था सभी को करनी चाहिए। लोग अपने घर की छत या गैलरी पर पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करे ताकि पक्षियों को आसानी से उपलब्ध हो सके

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