आगर-मालवा। जल है तो जीवन है, बिन पानी सब सून, पानी है तो ये जिंदगानी है, जैसे वाक्य राह चलते किसी भी दीवार पर लिखे दिख जाते हैं. इन वाक्यों से इंसान के लिए पानी की अहमियत का एहसास खुद-ब-खुद हो जाता है, लेकिन पानी की जितनी जरूरत इंसानों को है उतनी ही जरूरत अन्य पशु-पक्षियों को भी. पक्षियों की इस समस्या को आगर-मालवा में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सतीश शास्त्री ने समझा और पक्षियों के लिए एक नई शुरूआत की.
भीषण गर्मी के मौसम में जब सूरज आसमान से आग बरसा रहा होता है, तब इंसान अपने घरों में कूलर, एसी के सामने बैठ कर ठंडे पानी का आनंद लेता है, लेकिन पशु-पक्षी पानी की दो बूंद के लिए इधर-उधर भटकते हैं और कई बार तो पानी की तलाश में दम भी तोड़ देते हैं.
इसी को ध्यान में रखते हुए सतीश शास्त्री ने शहर के दुकानदारों को पानी के सकोरे बाटें और उनमें पक्षियों के लिए पानी रखने की अपील की. सतीश की ये अपील रंग लाने लगी और शहर की कई दुकानें पक्षियों की प्याऊ बन गईं. सतीश की ये कोशिश बताती है कि हम भारतीय दुनिया में रहने वाले हर जीव का ध्यान रखना जानते हैं.