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अतिथि शिक्षकों के भरोसे 35 साल पुराना कॉलेज, 24 पद पड़े खाली

आगर जिले के सुसनेर शासकीय स्वामी विवेकानन्द कॉलेज को आज तक पूरा स्टाफ नहीं मिल सका है, शासन ने यहां पद तो स्वीकृत कर दिया, लेकिन नियुक्ति करना भूल गया. लिहाजा, अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही स्कूल चल रहा है, जबकि 24 पद खाली पड़े हैं.

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Published : Aug 4, 2019, 3:52 PM IST

अतिथि विद्वानों के भरोसे कॉलेज

आगर। मध्यप्रदेश में शिक्षा का स्तर दूसरे राज्यों की तुलना में नीचे गिरता जा रहा है. सुसनेर का शासकीय स्वामी विवेकानंद कॉलेज अतिथि शिक्षकों के भरोसे संचालित हो रहा है, लेकिन शिक्षकों की स्थाई नियुक्ति कब होगी, ये कह पाना थोड़ा मुश्किल है.

बिना शिक्षक के कॉेलज

कॉलेज छात्रों के मुताबिक नए छात्रों को पता ही नहीं होता कि कॉलेज अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहा है. जब से कॉलेज शुरु हुआ है, तभी से यहां दो ही स्थाई शिक्षक पदस्थ हैं. उसके बाद आज तक किसी भी स्थाई शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई. कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों ने शासन से मांग करते हुए कहा कि कॉलेज में जल्द स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी.

स्वामी विवेकानंद कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर जीसी गुप्ता ने बताया कि कॉलेज में दो प्राध्यापक स्थाई हैं और सभी पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति लंबित है. पिछले साल शासन ने अतिथि विद्वानों को पढ़ाने के लिए नियमित कर रखा है. छात्रों ने रिक्त पदों को भरने के लिए उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिख स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति की मांग की है.

आगर। मध्यप्रदेश में शिक्षा का स्तर दूसरे राज्यों की तुलना में नीचे गिरता जा रहा है. सुसनेर का शासकीय स्वामी विवेकानंद कॉलेज अतिथि शिक्षकों के भरोसे संचालित हो रहा है, लेकिन शिक्षकों की स्थाई नियुक्ति कब होगी, ये कह पाना थोड़ा मुश्किल है.

बिना शिक्षक के कॉेलज

कॉलेज छात्रों के मुताबिक नए छात्रों को पता ही नहीं होता कि कॉलेज अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहा है. जब से कॉलेज शुरु हुआ है, तभी से यहां दो ही स्थाई शिक्षक पदस्थ हैं. उसके बाद आज तक किसी भी स्थाई शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई. कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों ने शासन से मांग करते हुए कहा कि कॉलेज में जल्द स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी.

स्वामी विवेकानंद कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर जीसी गुप्ता ने बताया कि कॉलेज में दो प्राध्यापक स्थाई हैं और सभी पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति लंबित है. पिछले साल शासन ने अतिथि विद्वानों को पढ़ाने के लिए नियमित कर रखा है. छात्रों ने रिक्त पदों को भरने के लिए उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिख स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति की मांग की है.

Intro:आगर। प्रदेश में शिक्षा का स्तर अन्य राज्यों की तुलना में और काफी नीचे गिरता नजर आ रहा है। सरकार इसके पीछे बडी राशि खर्च करने का दावा भी करती है। गांवो और कस्बों में बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के वादे किए जाते है लेकिन जब वास्तविकता टटोली जाती है तो धरातल पर कुछ और ही नजर आता है। शासन एक और तो संभाग स्तर पर संचालित हो रहे शासकीय कॉलेजों में पुरा स्टाफ तैनात करता है, वही दुसरी और 35 साल पुराने आगर जिलें में सुसनेर के शासकीय स्वामी विवेकानन्द महाविद्यालय को आज तक पुरा स्टाफ उपलब्ध नहीं करा पाया है। यहां शासन ने पद तो स्वीकृत कर दिए, किन्तु उन पर नियुक्ति करना भूल गया। ऐसे में सालों से विद्यार्थीयों की पढाई अतिथि विद्ववानों के भरौसे चल रही है।Body:दरअसल मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग ने सन् 1984 में सुसनेर में महाविद्यालय प्रारंभ किया था। तीन दशक बीत जाने के बाद भी विभाग कॉलेज को न तो स्थाई प्राचार्य उपलब्ध करा पाया है और न ही सहायक प्राध्यपकों के रिक्त पदों पर नियुक्तियां कर पाया है।

प्रवेश के बाद बनती है छात्रों में असमंजस की स्थिति
कॉलेज में पढने वाले छात्र छात्राओ के सामने हर साल उस समय असंजमस की स्थिति पैदा होती है। जब वे कॉलेज में प्रवेश ले चुके होते है तब तक उन्हे यह भी पता नहीं होता है कि उन्है पढाएगा कोन? ऐसे में उनके मन में यह संकोच रहता है की एडमीशन तो ले लिया किन्तु पढाएगा कौन? यह स्थिति पिछले कई वर्षो से बनी हुई है। आज भी महाविद्यालय एक ही प्रभारी प्राचार्य के भरोसे है। हर साल प्रवेश प्रक्रिया के बाद महाविद्यालय में पढने वाले छात्र छात्राओ को पढाई कराने के लिऐ जिन विषयाे के प्राध्यापक नही है उनकी नियुक्ति के लिए ऑन लाईन निविदाए आमंत्रित की जाती है उसके बाद विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार अतिथि विद्ववानों की तैनाती होती है। कई बार इन अतिथि विद्ववानों की भी नियुक्तियां देरी से होन के कारण छात्रों की पढाई प्रभावित होती है। कॉलेज अतिथियो के भरोसे होने से ज्यादातर छात्र अपने स्तर पर संसाधन जुटाकर पढाई करते है। उन्हे परीक्षा के समय न तो परामर्श मिल पाता है। और न ही अंतिम समय में ठीक से पढाई हो पाती है।

कॉलेज में करीब 1 हजार से भी अधिक छात्र-छात्राएं पढाई करते है, जो नगर सहित विभिन्न ग्रामों से करीब 30 किलोमीटर दूर से आते है। यहां बीए, बीकाम व बीएससी कोर्स संचालित है। जिनमें से अधिकांश विषयों के प्रौफेसर ही नहीं है। शासन पीएससी में चयनीत प्रौफसरो की भी नियुक्ति नहीं कर रहा है। हालहि में जिलें के पीएससी चयनित प्रोफेसरो ने सुसनेर विधायक को ज्ञापन सोपकर शासन से नियुक्तियां कराई जाने की मांग भी की थी।

ये है पद जिन पर होना है नियुक्तियां- कुल 24 पद रिक्त
प्राचार्य - 01
सहायक प्राध्यापक - 11
प्रयोगशाला टैक्निशियन - 04
प्रयोगशाला परिचालक - 04
लाइब्रेरीयन - 01
मुख्यलिपिक - 01
सहायक ग्रेड 2 - 01
सहायक ग्रेड 3 - 01Conclusion:स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर जी सी गुप्ता ने बताया कि कॉलेज में दो प्राध्यापक स्थाई है। शेष पदो पर नियुक्ति होना बाकी है। गत वर्ष से शासन ने अतिथि विद्ववानों को ही पढाने के लिए नियमित कर रखा है। उनके द्वारा ह विद्यार्थीयों की पढाई करवाई जा रही है। रिक्त पदों की पूर्ति के लिए उच्च शिक्षा विभाग से मांग पत्र भेजकर की गई है।

विज्युअल- कॉलेज परिसर, काॅलेज की कक्षा में छात्रों को पढाते हुएं अतिथि विद्ववान, स्वामी िववेकानंद कॉलेज भवन तथा प्रतिमा के है।

बाईट- गोविन्दसिंह लोलकी, ब्लॉक अध्यक्ष एनएसयुआई, सुसनेर।
बाईट- अभिषेक शर्मा, विकासखंड संयोजक, अभाविप, सुसनेर।
बाईट- डॉक्टर जी सी गुप्ता, प्रभारी प्राचार्य, स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय सुसनेर।
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