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न शिक्षक है न छात्र, कागजों में संचालित हो रहा अंग्रेजी माध्यम स्कूल - सुसनेर इन आगर

आगर जिले के सुसनेर में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा खोले गए शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल में इस सत्र में एक भी छात्र ने प्रवेश नहीं लिया है. इस स्कूल में छात्र संख्या बढने की बजाय लगातार घटती जा रहा है. इस बार तो स्कूल में न छात्र है और न ही शिक्षक.

कागजों में संचालित हो रहा अंग्रेजी माध्यम स्कूल
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Published : Aug 7, 2019, 10:06 PM IST

Updated : Aug 7, 2019, 10:46 PM IST

आगर-मालवा। आगर-मालवा जिले के सुसनेर में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा गरीब परीवारों के बच्चों के लिए अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा देने के लिए उत्कृष्ट माध्यमिक स्कूल खोला गया था. लेकिन इस स्कूल में छात्र संख्या बढने की बजाय लगातार घटती जा रहा है. इस बार तो स्कूल में न छात्र है और न ही शिक्षक. कुल मिलाकर अब सरकार का अंग्रेजी माध्यम का यह स्कूल कागजों में ही संचालित हो रहा है.

न शिक्षक है न छात्र, कागजों में संचालित हो रहा अंग्रेजी माध्यम स्कूल

यह स्कूल शहर के गरीब परिवारों के बच्चों के लिए खोला गया था. स्कूल में 6वीं से 8वीं तक स्कूल की जब शुरुआत हुई थी. तब स्कूल में 26 छात्र दर्ज थे. लेकिन अब स्कूल में एक भी छात्र नहीं है. जिस भवन में अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरूआत की गई थी अब उस भवन में कन्या प्राथमिक स्कूल के बच्चे पढ़ रहे है. अंग्रेजी स्कूल की इस बदहाल हालत के लिए स्कूल का प्रचार-प्रसार न होना भी एक बड़ी वजह बताया जा रहा है.

विकासखंड शिक्षा अधिकारी शांताराम गुप्ता का कहना है. कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूल के लिए शिक्षकों की नियुक्ति शासन द्वारा नहीं की गई है. शासन के आदेशानुसार हिन्दी मिडीयम के शिक्षकों से ही बच्चों की पढाई करवाई जा रही है. सुसनेर के अंग्रेजी माध्यम स्कूल में इस वर्ष बच्चों ने एडमिशन नहीं लिया है यदि कोई छात्र प्रवेश लेता है तो उसे हिन्दी माध्यम के शिक्षकों द्वारा पढाया जाएगा.

आगर-मालवा। आगर-मालवा जिले के सुसनेर में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा गरीब परीवारों के बच्चों के लिए अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा देने के लिए उत्कृष्ट माध्यमिक स्कूल खोला गया था. लेकिन इस स्कूल में छात्र संख्या बढने की बजाय लगातार घटती जा रहा है. इस बार तो स्कूल में न छात्र है और न ही शिक्षक. कुल मिलाकर अब सरकार का अंग्रेजी माध्यम का यह स्कूल कागजों में ही संचालित हो रहा है.

न शिक्षक है न छात्र, कागजों में संचालित हो रहा अंग्रेजी माध्यम स्कूल

यह स्कूल शहर के गरीब परिवारों के बच्चों के लिए खोला गया था. स्कूल में 6वीं से 8वीं तक स्कूल की जब शुरुआत हुई थी. तब स्कूल में 26 छात्र दर्ज थे. लेकिन अब स्कूल में एक भी छात्र नहीं है. जिस भवन में अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरूआत की गई थी अब उस भवन में कन्या प्राथमिक स्कूल के बच्चे पढ़ रहे है. अंग्रेजी स्कूल की इस बदहाल हालत के लिए स्कूल का प्रचार-प्रसार न होना भी एक बड़ी वजह बताया जा रहा है.

विकासखंड शिक्षा अधिकारी शांताराम गुप्ता का कहना है. कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूल के लिए शिक्षकों की नियुक्ति शासन द्वारा नहीं की गई है. शासन के आदेशानुसार हिन्दी मिडीयम के शिक्षकों से ही बच्चों की पढाई करवाई जा रही है. सुसनेर के अंग्रेजी माध्यम स्कूल में इस वर्ष बच्चों ने एडमिशन नहीं लिया है यदि कोई छात्र प्रवेश लेता है तो उसे हिन्दी माध्यम के शिक्षकों द्वारा पढाया जाएगा.

Intro:आगर। भले ही प्रदेश सरकार शिक्षा के नाम पर करोडो रूपए खर्च करके बच्चो को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रयास कर रही हो किन्तु शिक्षा विभाग के जिम्मैदार सरकार की योजनाओं को कितनी गंभीरता से ले रहे इसका उदाहरण आगर जिलें के सुसनेर के शासकीय स्कूलो में देखने को मिल रहा है। क्षैत्र के गरीब परीवारो के बच्चे भी अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा ले सके इसके लिए सरकार ने शासकीय उत्कृष्ट माध्यमिक स्कूल की शुरूआत अंग्रेजी माध्यम में की थी। किन्तु इस स्कूल के शुरू होने के बाद स्कूल में छात्र संख्या बढने की बजाय लगातार घटती गई और इस सत्र में तो यह हालत है कि यहां न तो छात्र है और न ही शिक्षक है। कुल मिलाकर अब सरकार का अंग्रेजी माध्यम का यह स्कूल कागजों में ही संचालित हो रहा है।Body:वर्ष 2015 – 16 में कक्षा 6 से 8 वीं तक पढाने के लिए अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरूआत की गई थी। हर वर्ष कक्षाएं तो बढती गई लेकिन 26 छात्रो के साथ शुरू हुए इस स्कूल में छात्र संख्या प्रतिवर्ष घटती रही है। सत्र 2017-18 में 12, सत्र 2018-19 में 8 और अब वर्तमान में यह शून्य पर आ गई है। इस स्कूल का प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण इस वर्ष यहां एक भी छात्र ने प्रवेश नहीं लिया है। जब इटीवी भारत की टीम यहा पहुंची तो बीते वर्षाे जिस भवन में अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरूआत की गई थी उस भवन पर से अंग्रेजी मिडियम स्कूल का नाम भी मिटरा हुआ था और उक्त भवन में कन्या प्राथमिक स्कूल के बच्चे बैठे हुएं थे। जिन्हे एक शिक्षिका के द्वारा पढाया जा रहा था। शिक्षिका से पूछे जाने पर जवाब मिला एक शाला- एक परिसर होने के कारण एकिकृत माध्यमिक विद्यालय सुसनेर के अन्तर्गत इस वर्ष से यह स्कूल यही संचािलत हो रहा है।Conclusion:28 सितम्बर 2015 को एक कार्यक्रम आयोजित कर शिक्षा विभाग ने नगर में अंग्रेजी माध्यम के उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय की शुरूआत की थी। इसके साथ ही इसी दिन सुसनेर ब्लॉक के ग्राम देहरीया और छापरिया में प्राथमिक स्तर के अंग्रेजी माध्यम स्कूल की भी शुरूआत की गई थी। नगरीय क्षेत्र में अंग्रेजी माध्यम का उत्कृष्ट विद्यालय होने के कारण यहा बच्चो को सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाना थी। किन्तु 3 साल बाद भी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने से आज धरातल पर यह स्कूल बंद ही हो चुका है। यहां न तो छात्र है और न ही उन्हे पढाने वाले शिक्षक मौजूद है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र के दोनो प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या 15 से 20 के बीच है। यहां पर हिन्दी माध्यम के शिक्षकों के द्वारा अंग्रेजी माध्मय के बच्चों को पढाया जा रहा है जबकि शासन को अलग से अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों की नियुक्ति करना थी।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी शांताराम गुप्ता का कहना है कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूल के लिए शिक्षकों की नियुक्ति शासन द्वारा नहीं की गई है। शासन के आदेशानुसार हिन्दी मिडीयम के शिक्षकों से ही बच्चों की पढाई करवाई जा रही है। सुसनेर के अंग्रेजी माध्यम स्कूल में इस वर्ष बच्चों ने एडमिशन नहीं लिया है यदि कोई छात्र प्रवेश लेता है तो उसे हिन्दी माध्यम के शिक्षकों द्वारा पढाया जाएगा। शेष ग्रामीण अंचल के अंग्रेजी मिडीयम स्कूलों में छात्रो ने प्रवेश लिया है वहां पर भी हिन्दी मिडीयम के शिक्षकों द्वार अध्यापन कार्य बच्चों को करवाया जा रहा है।
विज्युअल व फोटो
- शिक्षा विभाग के कार्यालय का।
इस भवन में संचालित होता था अंग्रेजी माध्यम स्कूल।
वर्तमान में कन्या प्राथमिक विद्यालय संचालित हो रहा है।

बाईट- शांताराम गुप्ता, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, सुसनेर।
Last Updated : Aug 7, 2019, 10:46 PM IST
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