आगर मालवा। कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रशासन अपने स्तर पर कार्य करने में जुटा है, तो वहीं आगर जिले के सुसनेर का एक परिवार आध्यात्म के जरिए विश्व को कोरोना महामारी से मुक्ति दिलाने के लिए लगातार 49 दिनों से अपने ही घर पर अनुष्ठान व पूजा-पाठ कर रहा है. इसी के साथ ही पूरा परिवार मिलकर सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी कर रहा है.
कोरोना से देश को निजात दिलाने हो रहा अनुष्ठान
सुसनेर के डाक बंगला रोड पर निवासरत संजय तिवारी और उनका परिवार लॉकडाउन के पहले चरण से ही कोरोना महामारी से निजात दिलाने के लिए अनुष्ठान कर रहा है, जो मंगलवार को लॉकडाउन के तीसरे चरण में 49 वें दिन भी जारी रहा. खास बात ये है कि, इस अनुष्ठान में परिवार के बच्चों से लेकर पुरुष एवं महिलाएं भी भाग ले रही हैं. संजय तिवारी ने बताया कि, महामारी के रूप में घोषित कोरोना से छुटकारा पाने के लिए उन्होंने घर में अनुष्ठान शुरू किया है. 25 मार्च से नवरात्रि में महामारी के नाश के लिए दुर्गा सप्तशती के श्लोक का संपुट द्वारा पाठ किया, साथ ही हवन एवं पूजा अर्चना की रामनवमी पर इसकी पूर्णाहुति की. इसके बाद न्याय के देवता शनि की पूजा अर्चना के लिए शनि अनुष्ठान किया गया एवं सवा लाख जाप करके 15 अप्रैल को पूर्णाहुति की.
महामृत्युंजय मंत्र का जाप जारी
संजय तिवारी ने बताया कि, जब कोई व्यक्ति मृत्यु के निकट हो, अगर सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाए तो भगवान महाकाल की कृपा से काल को भी मात दी जा सकती है. महामारी से देश के साथ पूरे विश्व को बचाने के लिए उनके परिवार के द्वारा सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र का जाप संपुट द्वारा किया जा रहा है, ये अभी भी जारी है. उन्होंने बताया कि, घर में रहकर लोग लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर परिवार के सदस्यों के साथ रहकर धार्मिक अनुष्ठान करने का मौका भी मिल रहा है. ये अनुष्ठान जनकल्याण के लिए किया जा रहा है.
पूत्र के द्वारा पंचामृत से होती है धार्मिक क्रियाओं की शुरूआत
अभी तक संजय तिवारी के घर में जो भी अनुष्ठान एवं पूजन किए गए हैं. उनमें उनके 6 साल के पूत्र आराध्य तिवारी एवं 5 साल की पूत्री आराध्या तिवारी ने शुरूआत की है. पूत्र आराध्य तिवारी के द्वारा सुबह भगवान भोलेनाथ के पंचामृत एवं रूद्वाभिषेक के साथ शुरुआत होती है. इस कार्य में उनकी मं रामजानकी तिवारी, पत्नि वंदना तिवारी, बहन आरती तिवारी, भाई मनीष तिवारी भी भाग लेकर धार्मिक क्रियाएं कर रहे हैं. धार्मिक अनुष्ठान के साथ बिमारी से नाश के लिए भगवान के सम्मुख अंखड ज्योत भी जलाई गई है.