आगर। कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन में लोगों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है. ऐसे में इस परिस्थिति में भी निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूल में पड़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को लॉकडाउन के दौरान स्कूल फीस के लिए परेशान किया जा रहा है. फीस न देने के एवज में अभिभावकों को स्कूल प्रबंधन रिजल्ट तक नहीं दे रहा है.
शुक्रवार को हाइवे स्थित एक स्कूल में फीस मांगे जाने को लेकर कुछ अभिभावक नाराज हो गए और हंगामा कर दिया. जिसकी सूचना मिलने पर जिला शिक्षा अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्कूल प्रिंसिपल से बातचीत कर समस्या का निराकरण किया.
बता दें कि लॉकडाउन के दौरान स्कूल फीस माफ किये जाने को लेकर सरकार द्वारा पहले ही कहा जा चुका है. वहीं कई स्कूल ऐसे भी है जिन्होंने बच्चों की फीस माफ भी कर दी. लेकिन शहर के सबसे बड़े स्कूल में जब बच्चों के रिजल्ट देने का समय आया तो अभिभावकों से मार्च और अप्रैल माह की फीस मांगी गई. आर्थिक परेशानी देख रहे कुछ बच्चों के परिजनों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन स्कूल प्रबंधन अपनी जिद पर अड़ा रहा ऐसे में अभिभावकों ने सीधे इसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी को कर दी.
आगर जिला शिक्षा अधिकारी केके अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन में हर वर्ग परेशान है. इस समय फीस के लिए रिजल्ट रोकना गलत है. मेरे द्वारा इस स्कूल के प्रिंसिपल से बात की गई है जिन अभिभावकों के पास वर्तमान में फीस भरने के लिए रुपये नहीं हैं उन्हें स्कूल प्रबंधन की ओर से 2-3 माह का समय दिया जाए, इस बात को स्कूल प्रबंधन ने भी स्वीकार कर लिया है.