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22 साल बाद आगर में बने कांग्रेस के विधायक विपिन, कहा- क्षेत्र के विकास के लिए किसी से भी लडूंगा - नवनिर्वाचित विधायक विपिन वानखेड़े ईटीवी भारत पर

बीजेपी के दबदबे वाली सीट आगर मालवा में इस बार कांग्रेस का विधायक चुना गया है, यहां कांग्रेस प्रत्याशी विपिन वानखेड़े ने 1998 वोटों से जीत हांसिल की है, जीत के बाद नवनिर्वाचित विधायक विपिन ने ईटीवी भारत से खास बात की है.

vipin wankhede
कांग्रेस के विधायक विपिन
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Published : Nov 11, 2020, 1:34 AM IST

आगर मालवा। आगर मालवा विधानसभा से उपचुनाव के कांग्रेस प्रत्याशी विपिन वानखेड़े ने 1998 वोटों से जीत हासिल की है. जीत के बाद वानखेड़े ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए क्षेत्र का विकास करने की बात कही, जीत के बाद वानखेड़े ने ईटीवी भारत से खास चर्चा की है.

विपिन वानखेड़े से खास बात चीत
जीत से खुश वानखेड़े ने कहा, जीत का सारा श्रेय वे क्षेत्र की जनता को देते हैं और अब उनकी सबसे पहली प्राथमिकता है कि जो वादे उन्होंने जनता से किये थे. उन वादों को पूरा करें. क्षेत्र की जनता ने जो मौका दिया है तो अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में बिल्कुल भी पीछे नहीं हटेंगे. वहीं फोरलेन के सवाल पर वानखेड़े ने कहा, प्रदेश में सरकार कांग्रेस की बनती तो वे निश्चित ही तीन माह के अंदर फोरलेन की प्रक्रिया आरंभ करवा देते, लेकिन अभी सरकार न बनने की स्थिति में भी वे हर लड़ाई लड़कर फोरलेन बनाये जाने की बात कह रहे हैं.

बता दें कि कांग्रेस ने 22 साल बाद इस सीट पर अपनी जीत दर्ज की है. पूर्व बीजेपी विधायक मनोहर ऊंटवाल के निधन के बाद ये सीट खाली हुई थी, जिसके बाद यहां उपचुनाव हुआ है, बीजेपी ने इस सीट पर दिवंगत नेता मनोहर ऊंटवाल के बेटे मनोज ऊंटवाल को अपना प्रत्याशी बनाया था.

बीजेपी के दबदबे वाली सीट रही है आगर

आगर विधानसभा सीट के सियासी इतिहास की जाए तो संघ की प्रयोग शाला कहे जाने वाले मालवांचल में इस सीट पर बीजेपी का दबदबा माना जाता है. अब तक हुए 15 आम चुनावों में से इस सीट पर 11 बार जनसंघ और बीजेपी के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है. तो चार बार कांग्रेस ने जीत का स्वाद चखा है. इस सीट पर बीजेपी के मनोहर ऊंटवाल दो बार चुनाव जीते थे. लेकिन दोनों ही बार वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए.

आगर मालवा। आगर मालवा विधानसभा से उपचुनाव के कांग्रेस प्रत्याशी विपिन वानखेड़े ने 1998 वोटों से जीत हासिल की है. जीत के बाद वानखेड़े ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए क्षेत्र का विकास करने की बात कही, जीत के बाद वानखेड़े ने ईटीवी भारत से खास चर्चा की है.

विपिन वानखेड़े से खास बात चीत
जीत से खुश वानखेड़े ने कहा, जीत का सारा श्रेय वे क्षेत्र की जनता को देते हैं और अब उनकी सबसे पहली प्राथमिकता है कि जो वादे उन्होंने जनता से किये थे. उन वादों को पूरा करें. क्षेत्र की जनता ने जो मौका दिया है तो अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में बिल्कुल भी पीछे नहीं हटेंगे. वहीं फोरलेन के सवाल पर वानखेड़े ने कहा, प्रदेश में सरकार कांग्रेस की बनती तो वे निश्चित ही तीन माह के अंदर फोरलेन की प्रक्रिया आरंभ करवा देते, लेकिन अभी सरकार न बनने की स्थिति में भी वे हर लड़ाई लड़कर फोरलेन बनाये जाने की बात कह रहे हैं.

बता दें कि कांग्रेस ने 22 साल बाद इस सीट पर अपनी जीत दर्ज की है. पूर्व बीजेपी विधायक मनोहर ऊंटवाल के निधन के बाद ये सीट खाली हुई थी, जिसके बाद यहां उपचुनाव हुआ है, बीजेपी ने इस सीट पर दिवंगत नेता मनोहर ऊंटवाल के बेटे मनोज ऊंटवाल को अपना प्रत्याशी बनाया था.

बीजेपी के दबदबे वाली सीट रही है आगर

आगर विधानसभा सीट के सियासी इतिहास की जाए तो संघ की प्रयोग शाला कहे जाने वाले मालवांचल में इस सीट पर बीजेपी का दबदबा माना जाता है. अब तक हुए 15 आम चुनावों में से इस सीट पर 11 बार जनसंघ और बीजेपी के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है. तो चार बार कांग्रेस ने जीत का स्वाद चखा है. इस सीट पर बीजेपी के मनोहर ऊंटवाल दो बार चुनाव जीते थे. लेकिन दोनों ही बार वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए.

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