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मॉडल एक्ट 2020 से परेशान मंडी कर्मचारी, विधायक को सौंपा ज्ञापन - mandi employees gave memorandum

आगर मालवा में मंडी के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने मंडी मॉडल एक्ट 2020 का विरोध करते हुए विधायक को ज्ञापन सौंपा है और एक्ट वापस लेने की बात कही है.

workers giving memorandum to mla
विधायक को ज्ञापन देते कर्मचारी
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Published : Jun 30, 2020, 6:42 PM IST

आगर मालवा। प्रदेश सरकार द्वारा मंडी अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं में संशोधन करते हुए मॉडल एक्ट 2020 की अधिसूचना जारी की गई, जिसमें निजी व्यापारियों को मंडी खोलने की अनुमति देने और इसका नियंत्रण मंडी समितियों से लेकर के संचालक अधिकारी को दिया गया है. मंगलवार को इस एक्ट को वापस लिए जाने की मांग को लेकर जिले के सुसनेर कृषि उपज मंडी के आउटसोर्स कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन क्षेत्रीय विधायक राणा विक्रम सिंह को उनके निवास पर पहुंचकर सौंपा है.

ज्ञापन में मंडी के आउटसोर्स कर्मचारी लखन भावसार, गोविंद सिंह, अभिषेक जयपद, नितेश पांडे, रमेश चौहान सहित कई अन्य ने बताया कि कई वर्षाें से आउटसोर्स कर्मचारियों के द्वारा मंडी प्रांगण के माध्यम से क्षेत्र के कृषकों को सेवा दी जा रही है. निजी मंडियां शुरु होने से किसानों को अपनी कृषि उपज का मंडी प्रांगण में लाना नाम मात्र रह जाएगा.

यदि ऐसा हुआ तो प्रदेश के कृषि उपज मंडी में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो जाएगी. ज्ञापन में चेतावनी दी गई की मॉडल एक्ट वापस नहीं लेने की दशा में संयुक्त मोर्चा एवं कर्मचारी संघ, तुलावटी संघ और क्षेत्रीय किसानों के साथ मॉडल एक्ट का विरोध किया जाएगा.

आगर मालवा। प्रदेश सरकार द्वारा मंडी अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं में संशोधन करते हुए मॉडल एक्ट 2020 की अधिसूचना जारी की गई, जिसमें निजी व्यापारियों को मंडी खोलने की अनुमति देने और इसका नियंत्रण मंडी समितियों से लेकर के संचालक अधिकारी को दिया गया है. मंगलवार को इस एक्ट को वापस लिए जाने की मांग को लेकर जिले के सुसनेर कृषि उपज मंडी के आउटसोर्स कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन क्षेत्रीय विधायक राणा विक्रम सिंह को उनके निवास पर पहुंचकर सौंपा है.

ज्ञापन में मंडी के आउटसोर्स कर्मचारी लखन भावसार, गोविंद सिंह, अभिषेक जयपद, नितेश पांडे, रमेश चौहान सहित कई अन्य ने बताया कि कई वर्षाें से आउटसोर्स कर्मचारियों के द्वारा मंडी प्रांगण के माध्यम से क्षेत्र के कृषकों को सेवा दी जा रही है. निजी मंडियां शुरु होने से किसानों को अपनी कृषि उपज का मंडी प्रांगण में लाना नाम मात्र रह जाएगा.

यदि ऐसा हुआ तो प्रदेश के कृषि उपज मंडी में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो जाएगी. ज्ञापन में चेतावनी दी गई की मॉडल एक्ट वापस नहीं लेने की दशा में संयुक्त मोर्चा एवं कर्मचारी संघ, तुलावटी संघ और क्षेत्रीय किसानों के साथ मॉडल एक्ट का विरोध किया जाएगा.

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