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सोयाबीन में अफलन से अन्नदाता चिंतित, देखें खबर - Agar News

हजारों हेक्टेयर की सोयाबीन फसल खराब होने की स्थिति में है.जिसके कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है.

फसलोंं में इल्लियों का प्रकोप
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Published : Aug 24, 2019, 10:27 AM IST

आगर। जिले के सुसनेर के समीप कई गांवों में हजारों हेक्टेयर की सोयाबीन की फसल खराब होने की स्थिति में है. जिससे किसानों की मुसीबत और बढ़ गई है. फसलों में इल्लियों का प्रकोप है, जिससे पौधों के पत्तों में इल्लियों ने छेद कर दिए है. इस पर कृषि विभाग खेतों में सर्वे करने पहुंचे.

हजारों हेक्टेयर की सोयाबीन की फसल खराब होने की स्थिति में

जिलें के सुसनेर के समीप कई गांवों में किसान अपने खेतों में अफलन की स्थिति को देखकर हैरान और परेशान है. कुछ गांवों में प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचने लगे है.

खेत में मौजूद किसान ने बताया कि 20 बीघा से अधिक जमीन में उसने सोयाबीन की बोवनी की थी. मगर फसल बड़ी होने के बाद अभी तक सोयाबीन के पौधों में फलियां नहीं लगी है. फसलों में इल्लियों का प्रकोप है. पत्तो पर इल्लियों ने छेद कर दिया है.

किसानों के अनुसार गांव में ही करीब 500 हेक्टेयर जमीन में सोयाबीन की फसल अफलन की स्थिति में है, जिसके चलते आर्थिक स्थिति खराब होने की आशंका बनी हुई है. गांव के लोगों ने बताया कि पटवारी ने आकर सर्वे किया लेकिन खेत में न जाकर, सड़क पर खड़े-खड़े खेत की स्थिति जान ली. ऐसे में पटवारी का सर्वे कितना सही होगा यह विचार करने वाली बात है.

कृषि विभाग के एसएडीओं दिलीप कुमार पाण्डे ने किसानों के साथ उनके खेतों पर जाकर फसल की स्थिति को जाना और यह माना की फसल में अफलन की स्थिति है. सर्वे में 20 से 30 प्रतिशत अफलन की स्थिति पायी गई है. विभाग का सर्वे अभी जारी है.

आगर। जिले के सुसनेर के समीप कई गांवों में हजारों हेक्टेयर की सोयाबीन की फसल खराब होने की स्थिति में है. जिससे किसानों की मुसीबत और बढ़ गई है. फसलों में इल्लियों का प्रकोप है, जिससे पौधों के पत्तों में इल्लियों ने छेद कर दिए है. इस पर कृषि विभाग खेतों में सर्वे करने पहुंचे.

हजारों हेक्टेयर की सोयाबीन की फसल खराब होने की स्थिति में

जिलें के सुसनेर के समीप कई गांवों में किसान अपने खेतों में अफलन की स्थिति को देखकर हैरान और परेशान है. कुछ गांवों में प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचने लगे है.

खेत में मौजूद किसान ने बताया कि 20 बीघा से अधिक जमीन में उसने सोयाबीन की बोवनी की थी. मगर फसल बड़ी होने के बाद अभी तक सोयाबीन के पौधों में फलियां नहीं लगी है. फसलों में इल्लियों का प्रकोप है. पत्तो पर इल्लियों ने छेद कर दिया है.

किसानों के अनुसार गांव में ही करीब 500 हेक्टेयर जमीन में सोयाबीन की फसल अफलन की स्थिति में है, जिसके चलते आर्थिक स्थिति खराब होने की आशंका बनी हुई है. गांव के लोगों ने बताया कि पटवारी ने आकर सर्वे किया लेकिन खेत में न जाकर, सड़क पर खड़े-खड़े खेत की स्थिति जान ली. ऐसे में पटवारी का सर्वे कितना सही होगा यह विचार करने वाली बात है.

कृषि विभाग के एसएडीओं दिलीप कुमार पाण्डे ने किसानों के साथ उनके खेतों पर जाकर फसल की स्थिति को जाना और यह माना की फसल में अफलन की स्थिति है. सर्वे में 20 से 30 प्रतिशत अफलन की स्थिति पायी गई है. विभाग का सर्वे अभी जारी है.

Intro:आगर। क्षेत्र में बोई गई सोयाबीन की फसल में से हजारों हैक्टेयर की फसल में अफलन की स्थिति बन गई है। आगर जिलें के सुसनेर के समीप ग्राम मोडी, बाजना, रिछडिया, धारूखेडी, सिरपोई, अंतरालिया, परसुलियाकलां, ढाबला, ढाबली, जामुनिया, उमरीया, नाहरखेडा, पटपडा, श्यामपुरा, ननोरा सहित कई गांवो में किसान अपने खेतो में अफलन की स्थिति को देखकर हैरान और परेशान है। कुछ ग्रामों में तो प्रशासनिक अधिकारी पहुंचने भी लगे है।Body:शुक्रवार को इटीवी भारत की टीम ग्राउण्ड जीरों पर हकिकत जानने के लिए सबसे पहले ग्राम ढाबला पहंुंची तो यहां खेत में मोजूद रामलाल नामक ग्रामीण ने बताया कि 20 बीघा से अधिक जमीन में उसने सोयाबीन की बोवनी की थी। मगर फसल बडी होने के बाद भी अभी तक सोयाबीन के पोधो में फलियां नहीं लगी है। फसलों में इल्लीयों का प्रकोप है। पौधो के पत्तो पर इल्लियों ने छेद कर दिए है।
ढाबली के अन्य ग्रामीणों के अनुसार उनके गांव में ही करीब 500 हैक्टेयर जमीन में सोयाबीन की फसल अफलन की स्थिति है। जिसके चलते किसानों की मुसीबत और बढ गई है। परसुलियाकलां के सत्यनारायण मेघवाल ने तो खेत में से सोयाबीन के पौधे उखाड कर बताते हुएं कहां कि गांवो के गरीब किसानों के सामने परेशानी बढ गई है। फसल में अफलन के चलते आर्थिक स्थिति खराब हो जाएगी। समय पर शासन से मदद नहीं मिली तो खाने के लाले भी पड सकते है। टीम जब धारूखेडी पहुंची तो गांव के बुजूर्ग रामेश्वर पाटीदार ने बताया कि पूरे गांव में शतप्रतिशत अफलन की स्थिति है। शासन जल्द से जल्द सर्वे कराकर के मुआवजा देने की शुरूआत करे तो राहत मिलें। धारूखेडी की महिला कृषक फुलकुंवर बाई के अनुसार पानी ज्यादा पढने से फसल पीली होकर गल गई है। सोयाबीन के जो पौधे बचे है। उनमें फलियां नहीं लगी है। ग्राम के पटवारी ने आकर सर्वे िकया मगर पटवारी ने खेतो में नहीं जाते हुएं सड़क पर खडे होकर ही खेत की स्थिति जान ली। ऐसे में सवाल यह है कि पटवारी का सर्वे कितना सही होगा।

मोडी में गांव में ही अफलन की स्थिति

टीम जब ग्राम मोडी पहुंची तो मोडी के कृषक राधेश्याम पाटीदार और पुरूषोत्तम बंसीया ने बताया कि उनके गांव के अधिकांश खेतो में सोयाबीन की फसल खडी है, किन्तु उसमें फलियां नही लगी है। लगातार हुई बारिश से खेतों में खडे संतरों के पौधो में लगे फूल भी जमीन पर गिर जाने के कारण संतरे की पैदावार तो प्रभावित होगी ही सोयाबीन की फसल भी खराब हो जाने से किसानों की परेशानी ओर बढ गई है। पटवारी ने आकर कुछ खेतो का निरीक्षण किया है।Conclusion:ग्राम मोडी में ही हमारी टीम को कृषि विभाग के एसएडीओं दिलीप कुमार पाण्डे मिले हमने उनके साथ मोडी और बाजना के कुछ खेतो का निरीक्षण किया दोनो ही गांवो में सोयाबीन में अफलन की स्थितियां सामने आई है। एसएडीओं दिलीप कुमार पाण्डे ने किसानों के साथ उनके खेतो पर जाकर फसल की स्थिति को जाना और यह माना की फसल में अफलन की स्थिति तो है।
कृषि विभाग के एसएसडीओं दिलीप कुमार पाण्डे का कहना है कि क्षेत्र में सोयाबीन का कुल रकबा 40 हजार हैक्टेयर से भी अधिक है। और जितने भी ग्रामों का अभी तक विभाग ने सर्वे किया है। उनमें 20 से 30 प्रतिशत अफलन की स्थिति पायी गई है। विभाग का सर्वे अभी जारी है। विभाग के साथ राजस्व विभाग के कर्मचारीयों द्वारा सर्वे किया जा रहा है।

विज्युअल- अपनी सोयाबीन की अफलन की स्थिति को बताता हुआ ढाबली का किसान रामलाल।
सोयाबीन की फसल को हाथों में लिए बताते हुएं धारूखेडी के रामेश्वर पाटीदार व अन्य।
मोडी में खेत में सोयाबीन की फसल देखते हुएं कृषि विभाग के एसएडीओ।
इस तरह ऐसी हो गई है खेतो में खडी सोयाबीन की फसल की स्थिति।

बाईट-बाईट- मदनलाल मेघवाल, ढाबला केलवा
बाईट- राधेश्याम पाटीदार, मोडी
बाईट- डी के पाण्डे, एसएडीओं, कृषि विभाग, सुसनेर
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