आगर मालवा। कोरोना संकट में आर्थिक तंगी झेल लोगों के सामने इन दिनों एक नई परेशानी खड़ी हो गई है. इस माह आए भारी-भरकम बिजली बिल से कमजोर व मध्यम वर्ग के लोग विचलित हो उठे हैं. ऐसे में ये लोग बिल की राशि कम कराने की आस में बिजली विभाग के चक्कर काट रहे हैं.
लॉकडाउन में बिजली बिल ने उड़ाई नींद
बता दें कि, पिछले एक सालों से कमजोर व मध्यम वर्ग के अधिकांश लोगों को प्रतिमाह 100 से 200 रुपए तक ही बिजली बिल थमाया जा रहा था, लेकिन इस माह आए बिजली बिल ने लोगों की नींद उड़ा दी. लोग पहले ही कोरोना के चलते लॉकडाउन में काम ठप होने से आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं. वही उनके सामने इस बिजली बिल ने नई परेशानी खड़ी कर दी है. हालांकि लोग करीब दो माह से घरों में कैद हैं और गर्मी के चलते कूलर-पंखे भी दिन-रात चला रहे हैं. ऐसे में ये इतना बिजली बिल आना स्वाभाविक है, लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनके यहां एक-दो संसाधन ही चल रहे हैं. उनके यहां हजारों का बिल आ रहा है. बता दें कि मध्यम वर्ग परिवार के 2 हजार रुपए से 10 से 15 हजार रुपए तक के बिजली बिल इस माह में आए हैं. जबकि गत माह इनके बिल 200 रुपए के अंदर आए थे. ऐसे में लोग अब परेशान हैं, की आखिर बिल भरने की व्यवस्था वो कहा से करेंगे.
भारी बिजली बिल से पीड़ित अशोक मालवीय ने बताया कि, पिछले एक साल से उनके घर का बिजली बिल 100 से 200 रुपए के अंदर आ रहा था. पिछली गर्मी के सीजन में भी बिल की राशि का लगभग यही आंकड़ा रहा. इस माह 4 हजार रुपए बिजली बिल आया है. दो माह से काम बंद है, पहले ही परिवार चलाने का संकट है. अब इस बिल की भरपाई कहा से करेंगे. इस विषय पर जिम्मेदारों को कुछ हल निकालना चाहिए.