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साइबर क्राइम पर लगाम लगाएगी मोदी सरकार, ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वालों की अब खैर नहीं - CYBER FRAUD PRTOECTIVE MEASURES

बढ़ते डिजिटल अरेस्ट और साइबर अपराध के मामलों को लेकर सरकार फ्रंट फुट पर. साइबर अपराधियों पर कसेजा शिकंजा.

CYBER FRAUD PRTOECTIVE MEASURES
साइबर अपराध के मामलों को लेकर सरकार फ्रंट फुट पर (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 28, 2024, 8:47 AM IST

इंदौर : डिजिटल अरेस्ट और साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों पर भारत सरकार नए सिरे से रणनीति तैयार कर रही है. इससे साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट के आरोपियों की धरपकड़ के साथ पैसे की रिकवरी में मदद मिलेगी. साइबर फ्रॉड के मामलों में भारत सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया है, जिससे साइबर अपराध से पीड़ित को तत्काल मदद मिल सकती है. इसके साथ ही गोल्डन आवर के भी बारे में बताया गया, जो अपराधियों तक पहुंचने के लिए सबसे जरूरी है.

गोल्डन आवर क्या है? कैसे रिकवर होगा पैसा?

दरअसल, इंदौर में आयोजित 41वीं ईएजी की बैठक से पूर्व वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने ये जानकारी दी. वित्त मंत्रालय की ओर से अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने बताया, '' साइबर फ्रॉड के मामलों में भारत सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया है. साइबर क्राइम या साइबर फ्रॉड के मामले में यदि घटना के 24 घंटे के दरमियान शिकायत की जाए तो फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के जरिए तत्काल संबंधित बैंक को सूचना देते हुए उसे बैंक अकाउंट को फ्रिज किया जाता है. इससे पैसे का मूवमेंट आगे रोका जा सके अगर यह पैसा खाते से निकलकर दूसरे खाते में ट्रांसफर हो जाता है, तो उसे ट्रैक करने में भारत सरकार के वित्त मंत्रालय और अन्य एजेंसियों को मुश्किल होती है. इसलिए जिन मामलों में समय रहते शिकायत की जाती है वहां रिकवरी की संभावना ज्यादा रहती है. इसी समय सीमा में शिकायत करने को गोल्डन आवर कहते हैं.''

EAG Plenary meeting Indore
इंदौर में आयोजित 41वीं ईएजी की बैठक (Etv Bharat)

साइबर फ्रॉड को लेकर जागरुक बनें

वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल आग बताते हैं, '' जागरूकता के कारण ही ऐसे कई मामलों में पैसे न केवल 100 फीसदी जाने से बच गए बल्कि कुछ मामलों में आधी रिकवरी भी हुई लेकिन वित्त मंत्रालय और इस सेक्टर के विशेषज्ञ बताते हैं कि साइबर फ्रॉड या ऑनलाइन धोखाधड़ी में जागरूकता सबसे जरूरी है. अब जैसे-जैसे जागरूकता बढ़ रही है लोग अपने साथ होने वाली धोखाधड़ी की जानकारी बैंक अथवा अन्य एजेंसियों को तत्काल दे रहे हैं, जिससे ऐसे मामलों में नियंत्रण भी प्रभावी रूप से हो पा रहा है.

शनिवार और रविवार को साइबर क्राइम ज्यादा

जानकारी के मुताबिक रविवार को अधिकांश बैंक बंद रहते हैं लेकिन डिजिटल पेमेंट सिस्टम चालू रहता है. ऐसी स्थिति में कई बार साइबर फ्रॉड करने वाले आरोपी शनिवार या रविवार का दिन ज्यादा चुनते हैं. लेकिन अब वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, गृह मामलों की समितियां और एजेंसियां ऐसे सॉफ्टवेयर और तकनीक तैयार कर रही हैं जिससे सप्ताह के किसी भी दिन और किसी भी समय में ऑनलाइन फ्रॉड व डिजिटल अरेस्ट जैसी शिकायतों के मामले में तत्काल प्रभावी कार्रवाई हो सकेगी.

इंदौर : डिजिटल अरेस्ट और साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों पर भारत सरकार नए सिरे से रणनीति तैयार कर रही है. इससे साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट के आरोपियों की धरपकड़ के साथ पैसे की रिकवरी में मदद मिलेगी. साइबर फ्रॉड के मामलों में भारत सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया है, जिससे साइबर अपराध से पीड़ित को तत्काल मदद मिल सकती है. इसके साथ ही गोल्डन आवर के भी बारे में बताया गया, जो अपराधियों तक पहुंचने के लिए सबसे जरूरी है.

गोल्डन आवर क्या है? कैसे रिकवर होगा पैसा?

दरअसल, इंदौर में आयोजित 41वीं ईएजी की बैठक से पूर्व वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने ये जानकारी दी. वित्त मंत्रालय की ओर से अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने बताया, '' साइबर फ्रॉड के मामलों में भारत सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया है. साइबर क्राइम या साइबर फ्रॉड के मामले में यदि घटना के 24 घंटे के दरमियान शिकायत की जाए तो फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के जरिए तत्काल संबंधित बैंक को सूचना देते हुए उसे बैंक अकाउंट को फ्रिज किया जाता है. इससे पैसे का मूवमेंट आगे रोका जा सके अगर यह पैसा खाते से निकलकर दूसरे खाते में ट्रांसफर हो जाता है, तो उसे ट्रैक करने में भारत सरकार के वित्त मंत्रालय और अन्य एजेंसियों को मुश्किल होती है. इसलिए जिन मामलों में समय रहते शिकायत की जाती है वहां रिकवरी की संभावना ज्यादा रहती है. इसी समय सीमा में शिकायत करने को गोल्डन आवर कहते हैं.''

EAG Plenary meeting Indore
इंदौर में आयोजित 41वीं ईएजी की बैठक (Etv Bharat)

साइबर फ्रॉड को लेकर जागरुक बनें

वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल आग बताते हैं, '' जागरूकता के कारण ही ऐसे कई मामलों में पैसे न केवल 100 फीसदी जाने से बच गए बल्कि कुछ मामलों में आधी रिकवरी भी हुई लेकिन वित्त मंत्रालय और इस सेक्टर के विशेषज्ञ बताते हैं कि साइबर फ्रॉड या ऑनलाइन धोखाधड़ी में जागरूकता सबसे जरूरी है. अब जैसे-जैसे जागरूकता बढ़ रही है लोग अपने साथ होने वाली धोखाधड़ी की जानकारी बैंक अथवा अन्य एजेंसियों को तत्काल दे रहे हैं, जिससे ऐसे मामलों में नियंत्रण भी प्रभावी रूप से हो पा रहा है.

शनिवार और रविवार को साइबर क्राइम ज्यादा

जानकारी के मुताबिक रविवार को अधिकांश बैंक बंद रहते हैं लेकिन डिजिटल पेमेंट सिस्टम चालू रहता है. ऐसी स्थिति में कई बार साइबर फ्रॉड करने वाले आरोपी शनिवार या रविवार का दिन ज्यादा चुनते हैं. लेकिन अब वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, गृह मामलों की समितियां और एजेंसियां ऐसे सॉफ्टवेयर और तकनीक तैयार कर रही हैं जिससे सप्ताह के किसी भी दिन और किसी भी समय में ऑनलाइन फ्रॉड व डिजिटल अरेस्ट जैसी शिकायतों के मामले में तत्काल प्रभावी कार्रवाई हो सकेगी.

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