आगर मालवा। देशभर में गणेश उत्सव का पर्व काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. जगह-जगह पंडाल लगाकर गणेश जी की मूर्तियां विराजित की जाती हैं. दस दिवसीय गणेश उत्सव पर्व में विघ्नहर्ता की जमकर सेवा की जाती है. मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले में पहले हर गली-मोहल्लों में गणेश पंडाल सजाए जाते थे, लेकिन अब यह प्रथा कम होती जा रही है. ऐसा नहीं है कि लोगों के अंदर गणेश प्रतिमा बिठाने का भाव कम हो गया हो, लेकिन इसका कारण यह है कि गणेश प्रतिमाएं इतनी महंगी मिलने लग गई हैं जिससे लोगों की जेब पर सीधा असर हो रहा है. (Ganesh Utsav 2022)
पीओपी और कलर पर भी GST की मार: वर्तमान में हर चीज पर GST लगाई गई है. अब GST की चपेट में पीओपी और कलर भी आ गए हैं. कोरोनाकाल में वैसे ही मूर्तिकारों को काफी नुकसान हुआ है. लेकिन अब जब कोरोनाकाल के बाद अच्छा व्यापार चलने की उम्मीद जताई जा रही थी, तो पीओपी के भाव बढ़ गए और कलर भी महंगा हो गया. इसका असर यह हुआ कि मूर्तियों के दाम भी करीब 30-40 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं. (Price Hike on Ganesh Idol)
नहीं हो पाएगी भरपाई: मूर्तिकारों का कहना है कि कोरोना के समय में उन्हें काफी नुकसान हुआ और उसकी भरपाई वह शायद अगले दो-तीन साल तक भी नहीं कर पाएंगे. इस वर्ष मूर्तियों के दाम अधिक हैं और लोग इतनी महंगी मूर्तियां शायद ही खरीदेंगे. आगर शहर में मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकारों के मुताबिक पिछले 2 सालों में मूर्ति के कारोबार से 23 लाख रुपए का नुकसान हुआ है.
महंगाई के चलते बढ़ाने पड़ रहे हैं मूर्तियों के भाव: शहर में साईं मंदिर के पास पुराने डिपो में शिव कुमार प्रजापति अपने बेटों के साथ मूर्ति बनाने का कार्य करते हैं. वह बताते हैं कि वर्ष 2021 में उन्होंने करीब 5 लाख रुपये की गणेश प्रतिमा बनाई थी. कोरोना में शासन ने सार्वजनिक रूप से पंडाल लगाने की इजाजत नहीं दी जिसके कारण उनका काफी नुकसान हुआ. उन्होंने कहा महंगाई बढ़ गई है जिसके कारण अब उन्हें मूर्तियों के भाव भी बढ़ाना पड़ रहा है. (Agar Malwa Sculptor Pain)