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बिना शिक्षक के चल रहा सरकार स्कूल, बच्चों ने कलेक्टर से लगाई गुहार - बच्चे शिक्षक

आगर मालवा के बिजनाखेड़ी का शासकीय माध्यमिक विद्यालय पिछले दो सालों से बिना शिक्षक के ही सरकारी स्कूल का संचालन किया जा रहा है. इसकी वजह पदस्थ शिक्षकों के द्वारा ने अपना तबादला अन्य सुविधाजनक स्थानों पर करवाना बताया जा रहा है. ऐसे में ये स्कूल शिक्षक विहीन हो गया. जिससे दर्जनों की संख्या में मासूमों ने कलेक्टर के द्वार पहुंचकर गुहार लगाई.

बिना शिक्षक के चल रहा सरकार स्कूल, बच्चों ने कलेक्टर से लगाई गुहार
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Published : Aug 22, 2019, 6:19 PM IST

आगर मालवा। सरकारी स्कूलों में सरकार हर सुविधा उपलब्ध करवाने के भले ही लाख दावे कर ले, लेकिन ग्रामीण इलाकों में सारे हकीकत की पोल खुल जाती है. आगर के बिजनाखेड़ी का शासकीय माध्यमिक विद्यालय पिछले दो सालों से बिना शिक्षक के ही संचालित हो रहा है जवाबदारों को सबकुछ पता होने के बावजूद भी इस स्कूल में शिक्षक की व्यवस्था नहीं की गई है

बिना शिक्षक के चल रहा सरकार स्कूल, बच्चों ने कलेक्टर से लगाई गुहार
अब दो साल बाद जब बच्चों का सब्र टूटा, तो दर्जनों की संख्या में स्कूली बच्चे कलेक्टर के पास पहुंचकर गुहार लगाई है. माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ शिक्षकों ने अपना अटैचमेंट अन्य सुविधाजनक स्थानों पर करवा लिया, ऐसे में ये स्कूल शिक्षक विहीन हो गया.बच्चों को पढ़ाने के लिए कभी- कभी प्राथमिक विद्यालय के एकमात्र शिक्षक की सहायता ले ली जाती है, ऐसी स्थिति में प्राथमिक विद्यालय के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. इस समस्या से बच्चे पिछले 2 सालों से परेशान हो रहे है.परिजनों को भी अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सताती है, ऐसी स्थिति में बच्चे शिक्षक की गुहार लगाने सीधे कलेक्टर के पास पहुंच और कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को तत्काल यहां शिक्षक की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.

आगर मालवा। सरकारी स्कूलों में सरकार हर सुविधा उपलब्ध करवाने के भले ही लाख दावे कर ले, लेकिन ग्रामीण इलाकों में सारे हकीकत की पोल खुल जाती है. आगर के बिजनाखेड़ी का शासकीय माध्यमिक विद्यालय पिछले दो सालों से बिना शिक्षक के ही संचालित हो रहा है जवाबदारों को सबकुछ पता होने के बावजूद भी इस स्कूल में शिक्षक की व्यवस्था नहीं की गई है

बिना शिक्षक के चल रहा सरकार स्कूल, बच्चों ने कलेक्टर से लगाई गुहार
अब दो साल बाद जब बच्चों का सब्र टूटा, तो दर्जनों की संख्या में स्कूली बच्चे कलेक्टर के पास पहुंचकर गुहार लगाई है. माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ शिक्षकों ने अपना अटैचमेंट अन्य सुविधाजनक स्थानों पर करवा लिया, ऐसे में ये स्कूल शिक्षक विहीन हो गया.बच्चों को पढ़ाने के लिए कभी- कभी प्राथमिक विद्यालय के एकमात्र शिक्षक की सहायता ले ली जाती है, ऐसी स्थिति में प्राथमिक विद्यालय के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. इस समस्या से बच्चे पिछले 2 सालों से परेशान हो रहे है.परिजनों को भी अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सताती है, ऐसी स्थिति में बच्चे शिक्षक की गुहार लगाने सीधे कलेक्टर के पास पहुंच और कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को तत्काल यहां शिक्षक की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.
Intro:आगर मालवा
-- सरकारी स्कूलो में सरकार हर सुविधा उपलब्ध करवाने के भले ही लाख दावे करे लेकिन ग्रामीण इलाकों में जमीनी हकीकत सारे दावों की पोल खोलती हुई दिखाई देती है। गाँवो में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है। कही जर्जर भवन तो कही शौचालय विहीन स्कूल की परेशानियां सामने आती है लेकिन आगर विकासखण्ड के ग्राम बिजनाखेड़ी में तो स्थिति सबसे अलग है। यहाँ का शासकीय माध्यमिक विद्यालय पिछले दो वर्षों से बिना शिक्षक के ही संचालित हो रहा है। जवाबदारों को सबकुछ पता होने के बावजूद भी इस स्कूल में शिक्षक की व्यवस्था नही की गई। अब दो साल बाद जब बच्चों का सब्र टूटा तो दर्जनों की संख्या में स्कूली बच्चे गीले होते हुवे कलेक्टर के पास पहुंच गए।


Body:बता दे कि ग्राम बिजनाखेड़ी स्थित माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ शिक्षको ने अपना अटैचमेंट अन्य सुविधाजनक स्थानों पर करवा रखा था ऐसे में ये स्कूल शिक्षक विहीन हो गया। बच्चों को पढ़ाने के लिए यहाँ कभी-कभार प्राथमिक विद्यालय के एकमात्र शिक्षक की सहायता ले ली जाती है। ऐसी स्थिति में प्राथमिक विद्यालय के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। इस समस्या से मावि के बच्चे पिछले 2 सालों से परेशान है। परिजनों को भी अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सताती है। ऐसी स्थिति में बच्चे शिक्षक की गुहार लगाने सीधे कलेक्टर के पास पहुंच गए। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को तत्काल यहां शिक्षक की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।


Conclusion:परिजन राजेश ने बताया कि दो साल से कोई शिक्षक नही है बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है। यदि प्रशासन यहाँ किसी शिक्षक को नही भेज सकता है तो ये बता दे हम अपने बच्चो को निजी स्कूल में भेज देंगे पिछले दो सालों से प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक की सहायता लेनी पड़ रही है।
जब इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी आरपी सेन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जब मावि बिजनाखेड़ी में शिक्षक न होने की जानकारी मिली है। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए वहाँ जल्द ही शिक्षक की व्यवस्था की जाएगी।


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