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सरकारी डॉक्टर के गलत इंजेक्शन ने नाबालिग को कर दिया लाचार, पिता ने कलेक्टर से की शिकायत

आगर-मालवा के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही के चलते बच्चे का पैर खराब हो गया. परेशान बच्चे के पिता ने लापरवाह डॉक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.

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Published : Aug 22, 2019, 5:54 PM IST

नाबालिग

आगर-मालवा। बड़ौद में सरकारी अस्पताल की लापरवाही का मामला सामने आया है. जहां बच्चे को गलत इंजेक्शन लगाने के बाद उसका पैर खराब हो गया. इस मामले में नाबालिग के पिता ने संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कलेक्ट्रेट में शिकायत की है.


आमलिया गांव निवासी बालू सिंह ने अपने बच्चे के पेट दर्द का इलाज बड़ौद के सरकारी अस्पताल में करवाया था. जहां डॉक्टर ने बच्चे को कमर में इंजेक्शन लगाया था. इंजेक्शन लगाने के बाद से ही बच्चे को पैर में काफी दर्द होने लगा और सूजन आ गई. जिसके चलते नाबालिग दर्द की वजह से सही तरीके चल भी नहीं पा रहा है.

नाबालिग को लगाया गलत इंजेक्शन


जब बेटे की परेशानी लेकर पिता डॉक्टर के पास पहुंचा तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया. जिसके बाद पिता अपने बच्चे को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसके इलाज का खर्ज तीन से चार लाख रुपए बताया गया, लिहाजा परेशान पिता ने कलेक्टर से शिकायत की है.


पीड़ित के पिता बालू सिंह का कहना है कि डॉक्टर बेहतर इलाज करने की बजाय दुर्व्यवहार कर रहे हैं. इस बारे में जिला चिकित्सा अधिकारी अरविंद विश्नार का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है. अगर डॉक्टर दोषी पाए जाते हैं तो कार्रवाई की जाएगी.

आगर-मालवा। बड़ौद में सरकारी अस्पताल की लापरवाही का मामला सामने आया है. जहां बच्चे को गलत इंजेक्शन लगाने के बाद उसका पैर खराब हो गया. इस मामले में नाबालिग के पिता ने संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कलेक्ट्रेट में शिकायत की है.


आमलिया गांव निवासी बालू सिंह ने अपने बच्चे के पेट दर्द का इलाज बड़ौद के सरकारी अस्पताल में करवाया था. जहां डॉक्टर ने बच्चे को कमर में इंजेक्शन लगाया था. इंजेक्शन लगाने के बाद से ही बच्चे को पैर में काफी दर्द होने लगा और सूजन आ गई. जिसके चलते नाबालिग दर्द की वजह से सही तरीके चल भी नहीं पा रहा है.

नाबालिग को लगाया गलत इंजेक्शन


जब बेटे की परेशानी लेकर पिता डॉक्टर के पास पहुंचा तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया. जिसके बाद पिता अपने बच्चे को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसके इलाज का खर्ज तीन से चार लाख रुपए बताया गया, लिहाजा परेशान पिता ने कलेक्टर से शिकायत की है.


पीड़ित के पिता बालू सिंह का कहना है कि डॉक्टर बेहतर इलाज करने की बजाय दुर्व्यवहार कर रहे हैं. इस बारे में जिला चिकित्सा अधिकारी अरविंद विश्नार का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है. अगर डॉक्टर दोषी पाए जाते हैं तो कार्रवाई की जाएगी.

Intro:आगर मालवा
-- जिले के बडौद में शासकीय चिकित्सालय में एक बच्चे को इंजेक्शन लगाने के बाद उसका पैर खराब होने का मामला सामने आया है। बच्चा अपने पिता के साथ संबंधित डॉक्टर पर कार्रवाई को लेकर कलेक्टरेट में शिकायत की है।


Body:बता दे कि गत दिनों ग्राम आमलिया निवासी श्यामसिंह पिता बालूसिंह ने अपने बच्चे के पेटदर्द का उपचार बडौद स्थित शासकीय चिकित्सालय में करवाया था यहाँ चिकित्सक ने पेटदर्द होने पर बच्चे को कमर पर इंजेक्शन लगाया था। इंजेक्शन लगाने के बाद से ही बच्चे को पैर में काफी दर्द होने लगा और सूजन भी आ गई। बच्चा संहि तरीके से चल भी नही पा रहा है। बच्चे के पिता इस परेशानी को लेकर संबंधित चिकित्सक के पास गए तो चिकित्सक ने उनकी कोई सुनवाई नही की। बच्चे को लेकर उसके पिता एक निजी अस्पताल गए तो वहां 3 से 4 लाख रुपये का खर्च बताया गया। ऐसे में परेशान होकर बालूसिंह ने कलेक्टरेट में शिकायत की।


Conclusion:बालूसिंह ने बताया कि चिकित्सक द्वारा गलत तरीके से इंजेक्शन लगाने के बाद ही यह समस्या आई है। चिकित्सक द्वारा बेहतर उपचार करने की बजाय दुर्व्यवहार किया जा रहा है। चिकित्सक पर कार्रवाई होना चाहिए।
जब इस संबंध में जिला चिकित्सा अधिकारी अरविंद विश्नार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बडौद में पदस्थ चिकित्सक की शिकायत प्राप्त हुई है। जांच की जा रही है। चिकित्सक दोषी पाए जाते है तो निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी।
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